अनंत चतुर्दशी: गणपति जी के अनंत आशीर्वाद का त्योहार

अनंत चतुर्दशी हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चौदहवीं तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार महाराष्ट्र में खास तौर पर धार्मिक भावनाओं से भरा होता है। इस दिन गणपति जी को अनंत रूप में पूजा जाती है, जिससे जीवन की सारी रुकावटें दूर होती हैं।

अनंत चतुर्दशी का महत्व

इस त्योहार का नाम अनंत से आया है, जिसका अर्थ है अनंत शक्ति। यह गणपति चतुर्थी के उत्सव की शुरुआत का दिन होता है। इसलिए लोग इस दिन से ही गणपति की मूर्ति घर में लाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। गणपति जी को लाल कपड़े पहनाकर, दूध-शहद का मिश्रण और मोदक चढ़ाया जाता है।

क्या आप जानते हैं? अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति की पूजा करने से नए कामों की शुरुआत सफल होती है। यही कारण है कि बिजनेसमैन इस दिन नए ठेके या दुकान खोलने का दिन चुनते हैं। घर में भी इस दिन से ही गणपति की पूजा की तैयारी शुरू होती है, जिससे चतुर्थी के दिन सभी तैयारी पूरी हो जाए।

कैसे मनाया जाता है?

सुबह स्नान करके गणपति की पूजा शुरू की जाती है। गणपति के नाम का जप करते हुए लोग उन्हें फूल, दीपक और भोग चढ़ाते हैं। इस दिन गणपति को लाल रंग का कपड़ा पहनाया जाता है, क्योंकि लाल रंग शक्ति का प्रतीक है। फिर परिवार के साथ मिठाइयाँ और व्यंजन खाया जाता है।

अनंत चतुर्दशी के बाद अगले दिन गणपति चतुर्थी का त्योहार शुरू होता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गणपति उत्सव की शुरुआत का संकेत देता है। तो अगले साल अनंत चतुर्दशी के दिन आप भी गणपति जी की पूजा करके अपने जीवन में शुभ आशीर्वाद पाएं। यह त्योहार सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि परिवार के बीच बंधन भी मजबूत करता है।

गणेश चतुर्थी 2023: 19-28 सितंबर तक देशभर में भक्ति, परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन

गणेश चतुर्थी 2023 का दस दिवसीय पर्व 19 से 28 सितंबर तक देशभर में धूमधाम से मनाया गया। भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी की तिथि 18 से 19 सितंबर सुबह 10:28 तक रही, इसलिए उपवास 18 को और मुख्य स्थापना 19 को हुई। इस बार मंगलवार, रवि योग और स्वाति-विषाखा नक्षत्र के योग ने पर्व को खास बनाया। बड़े शहरों में सुरक्षा, ट्रैफिक और पर्यावरण के लिए विशेष इंतज़ाम हुए।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, सित॰, 7 2025