जब टाटा कैपिटल लिमिटेड ने सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को अपने शेयर बाजार में प्रथम प्रवेश किया, तो कई निवेशकों का दिल धड़क उठा। भारत के दो मुख्य एक्सचेंज—बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) (स्क्रिप्ट 544574) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) (कोड TATACAP)—पर ट्रेडिंग शुरू हुई। IPO की कीमत ₹326 प्रति शेयर तय थी, जिससे कुल राशि ₹32.6 अरब जुटाई गई।
टाटा कैपिटल, जो कि नतराजन चंद्रशेखरन (Chairman, Tata Sons) की देखरेख में है, ने 85 मिलियन नई शेयरों का फ्रेस इश्यू और 15 मिलियन शेयरों का ऑफर‑फॉर‑सेल जुलाई‑अगस्त 2025 में पेश किया। इस मिश्रित ढाँचे में कुल 100 मिलियन शेयर ₹326 पर बेचे गए, जिससे टाटा कैपिटल को पूँजी में मजबूती मिली।
इसे समर्थन देने वाले एंकर निवेशकों में सिंगापुर गवर्नमेंट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (SGIC) (12 मिलियन शेयर), कैपिटल ग्रुप कंपनियां (8.5 मिलियन शेयर) और नॉर्गेस बैंक (5.2 मिलियन शेयर) शामिल थे। सार्वजनिक सब्सक्रिप्शन अक्टूबर 6‑8 के बीच हुआ, जिसने कुल मिलाकर 24.8 गुना ऑफरिंग को खींचा।
लिस्टिंग का पहला सत्र मुम्बई में सुबह 9:15 एएम IST पर शुरू हुआ। शेयरों ने शुरुआती स्तर पर ₹328.50 (0.77 % प्रीमियम) पर खुला, फिर 10:27 एएम पर हाई ₹332.25 तक पहुँचा, और दोपहर 3:30 एएम तक ₹327.80 पर समापन हुआ—जो IPO कीमत से 0.55 % ऊपर था। कुल ट्रेडेड वॉल्यूम 18,450,200 शेयर रहा, जिससे बाजार ने हल्की‑सी सकारात्मक भावना प्रदर्शित की।
इसी दिन के वित्तीय संकेतकों में BSE सेंसेक्स 82,450.32 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 50 24,735.88 पर। Nifty Financial Services Index ने 0.82 % की बढ़ोतरी दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि NBFC सेक्टर की लिक्विडिटी अभी भी मजबूत है।
वेन्कटेश अर्चक, ICICI सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश रणनीतिज्ञ, ने कहा: “टाटा कैपिटल की वैल्यूएशन उचित दिखती है, क्योंकि कंपनी ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 18.3 % की CAGR नेट प्रॉफिट हासिल की है और NBFC बाजार में 27.4 % की प्रमुख हिस्सेदारी रखती है।”
दूसरी ओर, मोतीलाल ओसवाल के रिसर्च अध्यक्ष अजय बोडके, ने चेतावनी दी: “प्राइस‑टु‑बुक रेशियो 1.8 × है, जो सेक्टर के मीडियन 1.5 × से अधिक है। जोखिम‑अवर्जन वाले माहौल में यह मूल्य सुधार का कारण बन सकता है।”
ड्राफ्ट रेड हकींग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) में कंपनी ने बताया कि जुटाई गई ₹18.5 अरब को टियर‑1 कैपिटल बढ़ाने, ₹7.2 अरब को एआई‑ड्रिवन क्रेडिट असेसमेंट सिस्टम में निवेश, और ₹6.9 अरब को अगले दो वर्षों में फिनटेक अधिग्रहण हेतु उपयोग किया जाएगा। यदि ये योजनाएँ सफल रही, तो टाटा कैपिटल को NBFC क्षेत्र में तकनीकी‑आधारित लीडरशिप के साथ एक नई भूमिका मिलने की संभावना है।
हालांकि, RBI ने 15 % की न्यूनतम कैपिटल एडेक़्वेसि रेशियो की शर्त रखी है, जिसे कंपनी को दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। इस नियम का पालन न होने पर शेयरों पर विक्रय प्रतिबंध लग सकता है, इसलिए निवेशकों को इस जोखिम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
IPO के पूर्व SEBI ने 25 सितंबर 2025 को अंतिम टिप्पणियाँ जारी कीं, जिससे टाटा कैपिटल को लाँच की स्वीकृति मिली। Q3 2025 में भारत की IPO बाजार ने कुल ₹124.5 अरब की धनराशि जुटाई, जो前年 से 37 % अधिक थी। यह मजबूत प्रवाह दर्शाता है कि भारतीय इक्विटी निवेशकों की जोखिम लेने की प्रवृत्ति अभी भी उच्च है।
लिस्टिंग दिवस पर आयोजित पैनल चर्चा में रवी नारैन (पूर्व MD, NSE), सुचिता दलाल (Moneylife की प्रमुख), और दीपक जासानी (HDFC सिक्योरिटीज) ने शेयर के डिस्काउंट‑ऑफ‑बॉक्यूम प्राइस, डेमैट क्रेडिट टाइमलाइन और संभावित सेक्टर‑समाजकीय प्रभावों पर अंतर्दृष्टि साझा की।
एंकर निवेशकों ने लगभग 70 % की फाइनेंसिंग पूरी की, जिससे उन्हें प्री‑ऑफर कीमत पर शेयर प्राप्त हुए। रिटेल भागीदारों को 38.2 गुना सब्सक्रिप्शन की वजह से औसत में लगभग 1‑2 शेयर मिला, जबकि संस्थागत खरीदारों को 22.4 गुना सब्सक्रिप्शन के आधार पर बड़े पैमाने पर आवंटन मिला।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि कंपनी के AI‑ड्रिवन क्रेडिट सिस्टम और फिनटेक अधिग्रहण योजना सफल रहती है, तो शेयरों का मूल्य 15‑20 % तक बढ़ सकता है। लेकिन RBI के कैपिटल एडेक़्वेसि नियमों के पालन में असफलता या समग्र बाजार में जोखिम‑भेदभाव के कारण 5‑7 % की गिरावट की भी संभावना बनी रहती है।
हाँ, टाटा कैपिटल की बड़ी पूँजी वृद्धि उसे फिनटेक‑आधारित उन्नत ऋण मॉडल अपनाने की अनुमति देगा, जिससे पारंपरिक NBFC प्रतियोगियों के लिए दबाव बढ़ेगा। इस कदम से सेक्टर में तकनीकी‑निर्भरता और ग्राहक‑उन्मुख उत्पादों की संख्या में वृद्धि की संभावना है।
टाटा कैपिटल ने कहा है कि सभी रिटेल डिमैट रिकॉर्ड 17 अक्टूबर 2025 तक अपडेट हो जाएंगे। कुछ ब्रोकर फर्में इस प्रक्रिया को दो‑तीन दिन भी ले सकती हैं, इसलिए निवेशकों को अपने ब्रोकरेज पोर्टल पर नियमित जांच करनी चाहिए।
IPO से कंपनी ने कुल ₹32.6 अरब (तीस‑दो अरब छह सौ करोड़ रुपये) जुटाए, जिसमें से ₹18.5 अरब टियर‑1 कैपिटल बढ़ाने, ₹7.2 अरब तकनीकी विकास और ₹6.9 अरब फिनटेक अधिग्रहण के लिए निर्धारित हैं।
Rashid Ali
टाटा कैपिटल के IPO ने भारतीय बाजार में नई ऊर्जा का संचार किया है। पहले ट्रेड में हल्की उछाल दिखाने से निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। यह उछाल कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और AI‑ड्रिवन योजनाओं का संकेत हो सकता है। अगर फंड सही दिशा में लगाएँ तो यह शेयर भारत के NBFC सेक्टर में एक नए मानदंड स्थापित कर सकता है। आशा है कि अधिक लोग इस अवसर को समझेंगे और अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाएंगे।
Prince Naeem
पहला दिन का प्रदर्शन दर्शाता है कि बाजार अभी भी बेहतर प्रॉस्पेक्टस वाले एमआरएफ में भरोसा रखता है। किंतु सतत वृद्धि के लिए प्राइस‑टु‑बुक रेशियो के इर्द‑गिर्द सावधानी आवश्यक है। वैल्यूएशन पर गहरी सोच जरूरी है।