जब LG Electronics India Limited, दक्षिण कोरियाई समूह LG Electronics Incorporated की भारतीय शाखा, ने 7 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक रूप से अपना IPO लॉन्च किया, तो बाजार में हलचल बढ़ गई। पाँच मिलियन रुपये से ऊपर निवेश की न्यूनतम सीमा, 1,080‑1,140 रुपये की कीमत सीमा, और 13 शेयर के लॉट साइज़ के साथ, इस ऑफर को पहला दिन 1.05 गुना सब्सक्राइब किया गया और ग्रे मार्केट प्रीमियम लगभग 29% तक पहुंच गया। इससे यह 2025 का तीसरा सबसे बड़ा IPO बन गया, सिर्फ़ टाटा कैपिटल और HTB फाइनेंशियल सर्विसेज के बाद।
LG Electronics India, जो 2015 में भारत में स्थापित हुई, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक है। कंपनी की आय का 75% हिस्सा घरेलू उपकरण और एयर सॉल्यूशन डिवीजन से आता है – FY25 में यह ₹18,267 करोड़ पर पहुँचा, जबकि एंटरटेनमेंट सेक्टर ने अतिरिक्त राजस्व दिया। यह IPO पूरी तरह ऑफ़र फॉर सेल (OFS) के रूप में संरचित है, यानी LG Electronics Incorporated अपनी मौजूदा हिस्सेदारी को बेच रहा है, नई पूंजी नहीं जुटा रहा।
ऑफ़र को संभालने वाले प्रमुख बुक‑रनिंग लीड मैनेजर्स में Citigroup Global Markets India, Morgan Stanley India, JP Morgan India, Axis Capital, और BofA Securities India शामिल हैं। रजिस्ट्रार की भूमिका KFin Technologies निभा रही है, जो शेयर आवंटन और निवेशक संचार का ख़्याल रखेगा।
भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और होम एप्लायंसेज मार्केट 2024 में लगभग ₹6,87,500 करोड़ की वैल्यू रखता था, और मास्टर कैपिटल सर्विसेज के अनुसार 2029 तक यह ₹10,96,500 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है – 5‑साल की CAGR 11% तक तेज़ हो रही है। 2024 में B2C बिक्री के तहत 495 मिलियन इकाइयाँ बेची गईं; 2029 तक यह लगभग 660 मिलियन इकाइयों तक बढ़ने का अंदाज़ा है। इस वृद्धि को उच्च disposable income, तेज़ शहरीकरण, और प्रीमियम‑एंड‑energy‑efficient प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग प्रेरित कर रही है।
कंपनी का बड़ा हिस्सा – लगभग 75% – सामग्री लागत पर खर्च किया जाता है, और इन सामग्रियों में से 46% चीन, कोरिया और सिंगापुर से आयातित है। यह आयात निर्भरता मुद्रा उतार‑चढ़ाव और वैश्विक सप्लाई‑चेन व्यवधानों के प्रति कंपनी को संवेदनशील बनाती है। उद्योग के P/E औसत 43× की तुलना में LG की कीमत‑से‑आर्निंग रेशियो 33‑35× अधिक आकर्षक लगती है, परन्तु अगर प्रतिस्पर्धी जैसे Havells (₹93,000 करोड़ वैल्यू) या Blue Star शीघ्र ही बाजार हिस्सेदारी बढ़ा लेते हैं, तो LG को मूल्य एवं मार्केट‑शेयर दोनों में दबाव महसूस हो सकता है।
LG Electronics India का पहला सार्वजनिक सूचीकरण Dalal Street पर एक मील‑का‑पत्थर है – Samsung, Sony, Haier जैसी विदेशी ब्रांड अभी तक लिस्टेड नहीं हैं। स्थानीयकरण को तेज़ करने, आयात पर निर्भरता घटाने और भारत के हिन्डरलेण्ड में सिस्टेमेटिक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क स्थापित करने की योजनाएँ कंपनी के दीर्घकालिक विकास को स्थिर कर सकती हैं। यदि यह 2025‑2029 की महागाई‑सुरक्षित, ऊर्जा‑कुशल प्रोडक्ट लाइन को सही समय पर लॉन्च कर पाए, तो IPO की शुरुआती सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट प्रीमियम के संकेत दर्शाते हैं कि निवेशकों को आगे की वृद्धि में भरोसा है।
ऑफ़र 7 अक्टूबर को शुरू हुआ, 9 अक्टूबर तक खुला रहेगा, और शेयर आवंटन 10 अक्टूबर को पूरा होने की संभावना है। लिस्टिंग 14 अक्टूबर को Bombay Stock Exchange और National Stock Exchange दोनों पर हो सकती है। निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि इस तरह की बड़ी OFS प्रविष्टि अक्सर इंडस्ट्री‑लेवल बदलाव का संकेत देती है।
IPO से कंपनी को पूँजी के साथ-साथ सार्वजनिक मान्यता मिलती है, जिससे वह अपने स्थानीय उत्पादन आधार को विस्तारित कर सकेगी। उद्योग में 2029 तक 11% CAGR की अनुमानित वृद्धि को देखते हुए, यह लिस्टिंग प्रतिस्पर्धियों को भी समान कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
OFS में कंपनी नई शेयर नहीं इश्यू करती; मौजूदा शेयरों की बिक्री होती है। इसलिए कंपनी को सीधे फंडिंग नहीं मिलती, लेकिन मौजूदा शेयरधारकों को अपने हिस्से का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है।
उच्च ग्रे मार्केट प्रीमियम दर्शाता है कि अनलिस्टेड ट्रेडर्स के बीच शेयर की संभावित सराहना का अनुमान है। यह आमतौर पर निवेशकों की उच्च आशावाद और सीमित ऑफर साइज के कारण होता है।
मुख्य जोखिम आयातित कच्चे माल पर निर्भरता, मुद्रा उतार‑चढ़ाव, और तेज़ प्रतिस्पर्धा हैं। लगभग 46% सामग्री चीन, कोरिया और सिंगापुर से आती है, जिससे वैश्विक आपूर्ति‑शृंखला में व्यवधान कीमतों को प्रभावित कर सकता है।
ऑफ़र 7‑9 अक्टूबर तक खुला रहा, आवंटन 10 अक्टूबर को पूरा होगा, और लिस्टिंग 14 अक्टूबर को Bombay Stock Exchange और National Stock Exchange दोनों पर निर्धारित है।
gouri panda
LG का IPO देख कर दिल धड़क रहा है!
Govind Reddy
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO भारत में विदेशी टेक कंपनियों के लिए एक नया मुकाम दर्शाता है। निवेशकों की उत्सुकता इस बात से स्पष्ट है कि ऐसी बड़े पैमाने की OFS में पूँजी की कमी नहीं होती, पर शेयरधारकों को निकासी का मौका मिलता है। बाजार में ग्रे मार्केट प्रीमियम का 29% तक पहुँचना इस बात का संकेत है कि लिस्टेड शेयरों की डिमांड कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। यह प्रवृत्ति भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग की दीर्घकालिक संभावनाओं को भी उजागर करती है।
KRS R
भाई, इस IPO को देख कर लग रहा है कि LG अब भारत में धूम मचा देगा। ग्रे मार्केट में 29% प्रीमियम का मतलब है लोगों को भरोसा है कि फ्यूचर में कीमत बढ़ेगी। लेकिन याद रखो, बहुत सारा मटेरियल इम्पोर्ट करने वाला है, इसलिए कॉस्ट में उछाल का जोखिम भी काफ़ी है। अगर वह अपना लोकल प्रोडक्शन बढ़ा दे तो पूरी बात बदल सकती है। वैसे भी, क्या हम इतना हाई प्रीमियम देकर फिर पीछे हटेंगे?
Uday Kiran Maloth
LG Electronics India के IPO के आंकड़े देखते हुए, भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में कॅपिटल अलोकेशन की दिशा में एक रणनीतिक बदलाव स्पष्ट दिखता है। कंपनी का 75% राजस्व घरेलू उपकरण एवं एयर सॉल्यूशन से उत्पन्न होता है, जो इस सेक्टर की स्थिरता को दर्शाता है। आयातित कच्चे माल पर उच्च निर्भरता जोखिम प्रोफ़ाइल को बढ़ाती है, विशेषकर वैलेटाइल फ़ॉरेन एक्सचेंज रेट्स के संदर्भ में। यदि LG स्थानीय उत्पादन इकाइयों को तेज़ी से स्थापित कर लेता है, तो दीर्घकालिक मार्जिन सुधार की संभावना मजबूत होगी। इस संदर्भ में, बुक‑रनिंग कॉन्सोर्टियम की चयनित संरचना निवेशकों के लिए अतिरिक्त भरोसा प्रदान करती है।
Deepak Rajbhar
ओह, ये तो ऐसा लगता है जैसे बाजार में नया रॉकेट लॉन्च कर दिया गया हो। 29% प्रीमियम? अब तो LG के शेयरों की कीमत ऊपर‑नीचे देख कर हमें अपना पोर्टफ़ोलियो भी एरोस्पेस में बदलना पड़ेगा। 😏 लेकिन हाँ, अगर आप इम्पोर्ट डिपेंडेंसी को कम नहीं करेंगे, तो प्रीमियम सिर्फ़ एक कपड़े का फटना है। अंत में, हर बड़ी OFS का असली मंशा शेयरधारकों को बाहर निकालना ही होता है, यही तो असली ड्रामा है।
Hitesh Engg.
LG Electronics India का यह IPO न सिर्फ़ एक वित्तीय घटना है, बल्कि भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक रणनीतिक मोड़ भी दर्शाता है। सबसे पहले, 29% ग्रे मार्केट प्रीमियम यह संकेत देता है कि निवेशकों को भविष्य में कंपनी की विकास संभावनाओं पर बहुत भरोसा है, विशेषकर एयरोसोल और स्मार्ट होम सेक्टर में। दूसरा, कंपनी का मुख्य राजस्व का स्रोत घरेलू उपकरण और एयर सॉल्यूशन से आता है, जो अब तक की सबसे बड़ी आय का हिस्सा बन चुका है। तिसरा, 75% सामग्री लागत का बड़ा हिस्सा आयात पर निर्भर है, और इस कारण से विदेशी मुद्रा जोखिम और सप्लाई‑चेन अस्थिरता को लगातार मॉनिटर करना पड़ेगा। चौथा, यदि LG स्थानीय उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाएगा और भारत में अधिक निर्माताओं के साथ सहयोग करेगा, तो लागत में कमी और मार्जिन सुधार संभव है। पाँचवाँ, इस OFS के माध्यम से मूल मातृ कंपनी अपने शेयरहोल्डिंग को घटा रही है, जिससे नई फंडिंग नहीं हो रही, पर शेयरधारकों को लिक्विडिटी मिल रही है। अंत में, इस IPO के बाद अन्य विदेशी ब्रांड जैसे सैमसंग और सोनी भी इसी तरह की लिस्टिंग करने पर विचार कर सकते हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार में बहु-विदेशी पूँजी प्रवाह में वृद्धि हो सकती है।
Zubita John
यार ये LG का IPO देख के तो लग रहा है कि अब तो हम सबको नए घर में एन्हांस्ड एअर कंडीशनर मिलेगा। ग्रे मार्केट में 29% प्रीमियम का मतलब है कि लोग बॉस की तरह गिनती कर रहे हैं कि कौन‑कौन इस स्टॉक को पकड़ रहा है। शेयर फॉलो करे तो फॉलो‑अप में सबसे जादा लाइफस्टाइल अपग्रेड मिलेगा। थैंक्स LG, अब हम भी "LG लाइफ" कहेंगे! हाहा, इधर‑उधर थोड़ा फ्रीक्शन भी है, पर लाइफ में थ्रिल तो चाहिए।
Harmeet Singh
वाह! इस IPO से भारत में टेक्नोलॉजी की नई लहर उठ रही है। ग्रे मार्केट प्रीमियम 29% दर्शाता है कि निवेशकों की आशा कितनी ऊँची है। यदि LG अपने प्रोडक्ट रेंज को लो‑कार्ब और ए너지‑एफ़िशिएंट बनाता है, तो यह सिर्फ़ एक शेयर नहीं, बल्कि पर्यावरणीय बदलाव का भी संकेत देगा। आगे चलकर, इस तरह की बड़ी OFS से हमारे घरेलू ब्रांड भी इंस्पायर होकर अपना प्रोडक्ट लाइन अपग्रेड कर सकते हैं। यही तो है प्रॉस्पेक्टिव ग्रोथ! चलिए, इस उत्साह को आगे भी बनाए रखें।
patil sharan
Deepak का कहना सही है, प्रीमियम इतना हाई हो तो अनुभव में भी थोड़ा आश्चर्य होना चाहिए। लेकिन असल में, अगर इम्पोर्टेड पार्ट्स की कीमत गिरती रही, तो ये प्रीमियम जल्दी‑जल्दी कम हो सकता है।
Nitin Talwar
देखो भाई, ग्रे मार्केट प्रीमियम का 29% होना इस बात का संकेत नहीं है कि कंपनी काफी मजबूत है, बल्कि इसका मतलब यह भी हो सकता है कि बड़े इनसाइडर अपने शेयर बेचना चाहते हैं और वो भी ज़्यादा भाव में। विदेशी कच्चे माल में निर्भरता के साथ, अगर कोई भू‑राजनीतिक उथल‑पुथल आती है, तो पूरे शेयरों की वॉल्यूम अस्थिर हो जाएगी। यह सारा डाटा खुला तौर पर नहीं दिख रहा, पर हमें सतर्क रहना चाहिए।
onpriya sriyahan
LG का IPO देख के तो मज़ा आ गया, धूम मचा दो यार!
Navendu Sinha
LG Electronics India की इस IPO के पीछे कई रणनीतिक कारक काम कर रहे हैं। सबसे पहले, इस कंपनी का मुख्य राजस्व 75% घरेलू उपकरण और एयर सॉल्यूशन से आता है, जो भारतीय बाजार की बढ़ती मांग को दर्शाता है। दूसरा, ग्रे मार्केट प्रीमियम 29% दर्शाता है कि निवेशकों को भविष्य में शेयरों की कीमत बढ़ने की उम्मीद है। तीसरा, यह ऑफर फ़ॉर सेल (OFS) मॉडल है, जिसका मतलब है कि नई पूँजी नहीं जुटाई जा रही, बल्कि मौजूदा शेयरधारकों द्वारा शेयर बेचें जा रहे हैं। चौथा, कंपनी की आयात निर्भरता 46% है, जिसमें कच्चे माल का बहु‑भाग चीन, कोरिया और सिंगापुर से आता है, जिससे विदेशी मुद्रा जोखिम बढ़ता है। पाँचवा, अगर LG स्थानीय उत्पादन क्षमता को तेज़ी से बढ़ाने में सफल नहीं होता, तो उसकी मार्जिन दबाव में आ सकती है। छठा, भारत में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स का बाजार 2024 में लगभग ₹6,87,500 करोड़ का अनुमान है, और 2029 तक यह ₹10,96,500 करोड़ तक पहुँच सकता है, जिसका CAGR 11% तक पहुँच रहा है। सातवा, इस उच्च 성장 दर के साथ, LG को अपने प्रोडक्ट लाइन‑अप को ऊर्जा‑कुशल एवं प्रीमियम सेगमेंट में पोसिशन करना होगा। आठवा, यदि कंपनी अपनी सप्लाई‑चेन को स्थानीयकरण करके आयात पर निर्भरता घटाएगी, तो यह महत्वपूर्ण लागत लाभ देगा। नौवा, बुक‑रनिंग कॉन्सोर्टियम में Citigroup, Morgan Stanley, JP Morgan और अन्य प्रमुख फ़ाइनेंशियल संस्थान शामिल हैं, जो इस डील की विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं। दसवा, ग्रे मार्केट में इतना बड़ा प्रीमियम अक्सर सीमित ऑफर साइज और निवेशकों की उच्च आशावादिता का संकेत है। ग्यारहवां, अगर प्रतियोगी जैसे Havells और Blue Star जल्द ही अपने मार्केट शेयर में वृद्धि करते हैं, तो LG को प्राइसिंग और शेयरधारकों के भरोसे पर दबाव पड़ेगा। बारहवां, कंपनी के पास अभी भी लोकल प्रोडक्शन इकाइयों की कमी है, जो भविष्य में एक प्रमुख चुनौती बन सकती है। तेरहवां, अगर LG अपनी ऊर्जा‑कुशल प्रोडक्ट्स को सही समय पर लॉन्च करता है, तो यह न केवल मार्केट शेयर बढ़ाएगा बल्कि ब्रांड इमेज को भी बेहतर करेगा। चौदहवां, इस IPO के बाद की लिस्टिंग 14 अक्टूबर को BSE और NSE दोनों पर होने की संभावना है, जिससे लिक्विडिटी में सुधार होगा। पंद्रहवां, निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि OFS मॉडल में कंपनी को नई फंडिंग नहीं मिलती, इसलिए यह फंडिंग की तलाश में नहीं बल्कि शेयरधारकों की एग्जिट स्ट्रेटेजी का हिस्सा है। सोलहवां, कुल मिलाकर, यह IPO भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, लेकिन इसमें जुड़े जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।