प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों के साथ मनाई दीपावली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली का पर्व गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मिलकर मनाया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की सीमाओं की सुरक्षा पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर एक इंच भी समझौता नहीं कर सकता। मोदी ने सुरक्षा बलों को हिन्दुस्तान की रक्षा का पथ प्रदर्शक बताते हुए उनके साहस और संकल्प की सराहना की।
भारत की सैन्य शक्ति और सुधार
मोदी ने सुरक्षा बलों के प्रति भारतीय जनता के विश्वास को रेखांकित करते हुए कहा कि जब हमारे सैनिकों की दृढ़ता पर जोर होता है, तो शत्रु के मंसूबों का अंत भी दिखाई देता है। उन्होंने भारतीय सेना की मजबूत सैन्य शक्ति की प्रशंसा की, जो देश की कठिनाइयों में अपने साहस का परिचय देती है।
सीमा संघर्ष का समाधान
मोदी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और चीन के सैनिक ने पूर्वी लद्दाख के तनाव क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को पूरा किया। प्रधानमंत्री ने इस सफलता का श्रेय समन्वय और सुरक्षा बलों की दृढ़ता को दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का दृढ़ संकल्प शत्रु को उसके मंसूबों में विफल करता है।
सुरक्षा बलों के लिए नई पहलें
प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस करने की दिशा में सरकार के प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के निर्माण और इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड की स्थापना का भी उल्लेख किया, ताकि सेना, वायु सेना, और नौसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।
सीमावर्ती विकास का महत्व
मोदी ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अब तक 80,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर लिया है। इस विकास से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा सीमा और आदमी की गतिविधियों में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह पहल भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायकता को और भी सशक्त बनाएगी।
भारतीय सुरक्षा बलों का भविष्य
प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया की सबसे उन्नत निवारक शक्तियों में से एक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय सैनिकों की सम्मान और विश्वास की भावना को बढ़ावा देने के लिए आवाज उठाई, जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा न केवल भारतीय सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने का था बल्कि राष्ट्र को यह आश्वासन देने के लिए भी था कि हमारी सीमाओं की सुरक्षा को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देंगे। इससे भारतीयों में एक गहरी सुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई, जो हर भारतीय के दिल में बसी है। ऐसा विश्वास की भावना सुनिश्चित करती है कि जब तक हमारे वीर जवान सीमाओं पर सतर्क हैं, तब तक भारत के लोग सुरक्षित हैं।
Darshan kumawat
ये सब तो बस फोटो ऑपरेशन है। असली बात ये है कि सैनिकों को महीने का वेतन भी दे पाना मुश्किल है।
Manjit Kaur
अब तो हर बार दीपावली पर इतना शोर मचाते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
Aman Upadhyayy
मोदी जी ने जो कहा वो बिल्कुल सही है। भारत की सीमा पर एक इंच भी नहीं देना है। लेकिन दोस्तों आप जानते हैं कि चीन के पास अब 2000 से ज्यादा टैंक हैं? हमारे पास तो 4000 टैंक हैं लेकिन उनमें से 70% पुराने हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि हमारी सेना कितनी तैयार है तो बताता हूँ - एक नया टैंक बनाने में 5 साल लगते हैं और हमारे पास तो बस एक फैक्ट्री है। 😔
ASHWINI KUMAR
80,000 किमी सड़क? बहुत बढ़िया। लेकिन उनमें से 60% बर्फ में डूब जाती हैं जब बर्फ पिघलती है। इन सब आंकड़ों के बीच एक जवान का बच्चा अभी भी गरीबी में रहता है।
vaibhav kapoor
अगर कोई देश हमें डराने की कोशिश करे तो उसका सिर तोड़ देना चाहिए। बात बस इतनी है।
Manish Barua
मैंने लद्दाख में एक जवान से बात की थी। उसने कहा था - हमारे पास बर्फ में खाना गरम रखने के लिए एक छोटा सा हीटर है। वो भी अक्सर खराब हो जाता है। दीपावली के बाद उसने एक लाइट बल्ब जलाया था। उसने कहा - ये बल्ब हमारे लिए दीपक है।
Abhishek saw
हमारे सैनिकों की बहादुरी का कोई विकल्प नहीं। उनकी निष्ठा के लिए हम सबको धन्यवाद देना चाहिए।
TARUN BEDI
क्या आपने कभी सोचा है कि एक राष्ट्र की शक्ति किस चीज से बनती है? क्या ये टैंकों की संख्या है? नहीं। ये तो उन लोगों के जीवन की गुणवत्ता है जो उन टैंकों को चलाते हैं। जब एक जवान का बच्चा अस्पताल में भी दवा नहीं पा सकता, तो क्या उसके पिता की बहादुरी का मूल्य बढ़ जाता है? ये एक भारतीय विचार की गहराई है।
Shikha Malik
दीपावली पर बर्फ में जवानों के साथ बैठना तो बहुत अच्छा लगा। लेकिन अगर वो बच्चे जो अपने पिता को खो चुके हैं, उनके लिए कुछ नहीं किया गया? ये सब तो बस एक नज़ारा है।
Hari Wiradinata
हमें सबको याद रखना चाहिए कि शांति के लिए ताकत की जरूरत होती है। और इस ताकत को बनाए रखने के लिए हम सबकी जिम्मेदारी है।
Leo Ware
हम अक्सर सोचते हैं कि सुरक्षा बल हमारे लिए लड़ रहे हैं। लेकिन असल में वो हमारे लिए जी रहे हैं।
Ranjani Sridharan
क्या आप जानते हैं कि बीआरओ के लिए बजट में से 30% भ्रष्टाचार में चला जाता है? ये सब बातें तो बस दिखावा है।
Vikas Rajpurohit
इतनी बड़ी बातें कर रहे हो और एक जवान की माँ को उसका वेतन नहीं मिला? 😡 ये देश कैसे आगे बढ़ेगा? 🇮🇳💥
Nandini Rawal
हर जवान के घर में एक दीपक जले। वो दीपक हमारी शांति है।
Himanshu Tyagi
क्या आपने देखा कि चीन ने अभी एक नया सुपरसोनिक मिसाइल टेस्ट किया है? हमारे पास अभी भी अग्नि-5 का एक भी बैच नहीं है जो इसे रोक सके। ये बात बहुत गंभीर है।
Shailendra Soni
मैं एक जवान का बेटा हूँ। मैंने अपने पिता को दीपावली पर बर्फ में खड़े हुए देखा है। उनके चेहरे पर दीपक की रोशनी नहीं थी... बस बर्फ की चमक थी।
Sujit Ghosh
चीन को डराना है तो बस एक बार लद्दाख में जाकर देख लो। वहाँ का हवाई बम बरसाने का नाम ही नहीं है। हम तो अपनी सीमा पर जी रहे हैं।
sandhya jain
दीपावली का त्योहार तो हम सब घरों में मनाते हैं। लेकिन जब एक जवान अपनी जिंदगी के आखिरी दीपक को बर्फ में जलाता है, तो वो दीपक हमारे दिलों में जलता है। हमारे लिए वो दीपक दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार है।
Anupam Sood
सब कुछ बस दिखावा है। असल में जवानों के पास बर्फ में गर्म दूध भी नहीं होता। और फिर भी लोग बोलते हैं 'हम तो तैयार हैं' 😂