पेरिस ओलंपिक 2024: अमेरिका और चीन का दबदबा
पेरिस में आयोजित 2024 के ओलंपिक खेलों में ऐतिहासिक मुकाबला देखने को मिला। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ने पदक तालिका में वर्ष का परचम लहराया। दोनों देशों ने 40-40 स्वर्ण पदकों के साथ समापन किया। जबकि अमेरिका ने कुल 126 पदकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जिसमें 40 स्वर्ण, 44 रजत और 42 कांस्य पदक शामिल हैं, वहीं चीन 91 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें 40 स्वर्ण, 27 रजत और 24 कांस्य पदक सम्मिलित हैं।
इस बार ओलंपिक में स्वर्ण पदकों की होड़ बेहद रोमांचक रही। पूरे खेलों के दौरान दोनों देश लगभग बराबरी पर चलते रहे। अमेरिकी टीम ने महिला बास्केटबॉल फाइनल में फ्रांस को 67-66 से हराकर अपनी अंतिम स्वर्ण पदक जीता। इस जीत के साथ ही अमेरिका ने लगातार चौथी बार ओलंपिक पदक तालिका में शीर्ष स्थान को बनाए रखा। दूसरी ओर, चीन ने डाइविंग, टेबल टेनिस, और भारोत्तोलन में अपना दबदबा बनया।
चीन का उत्कृष्ट प्रदर्शन
चीन ने इस बार ओलंपिक में अपने खिलाड़ियों को विभिन्न वर्गों में पेश करने और अच्छे प्रदर्शन के लिए तैयार किया था। डाइविंग, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, और शूटिंग में चीन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अनेक स्वर्ण पदकों का हाथ मिला। इन खेलों में उनकी सटीकता और ताक़त का जलवा देखने को मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने कुल 91 पदकों पर कब्जा जमाया।
डाइविंग में दुनिया की नंबर एक चीन ने अपने प्रभुत्व को जताया। उनके खिलाड़ियों ने यहां अधिकतम स्वर्ण पदक की बौछार की। इसके साथ ही टेबल टेनिस में चीन की दीवार को कोई पार नहीं कर सका। भारोत्तोलक और निशानेबाज़ी प्रतियोगिताओं में भी उनके खिलाड़ियों ने उच्चतम प्रदर्शन दर्शाया।
संयुक्त राज्य अमेरिका का अद्वितीय खेल कौशल
अमेरिका ने इस ओलंपिक में एथलेटिक्स और तैराकी में बेमिसाल प्रदर्शन किया। एथलेटिक्स में उनके धावकों और तैराकों ने मैदान में अच्छा प्रदर्शन किया। तैराकी में माइकल फेल्प्स की कमी महसूस नहीं हुई क्योंकि नए तैराकों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीते।
एथलेटिक्स में भी अमेरिकी खिलाड़ियों ने गति का कमाल दिखाया। ट्रैक और फील्ड में उन्होंने कई स्वर्ण पदक हासिल किए, जिसमें लंबी दौड़ और स्प्रिंट दोनों शामिल रहे। उनकी महिला बास्केटबॉल टीम ने भी अपनी ताकत और अनुभव का सही प्रदर्शन किया और एक करीबी मुकाबले में फ्रांस को हराया।
जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस ने किया चौंकाया
इस बार जापान ने 20 स्वर्ण पदकों के साथ तीसरी पायदान पर कब्जा जमाया। यह उनके प्री-ओलंपिक उम्मीदों से कहीं अधिक था। जापानी खिलाड़ियों ने अपने घर पर खेलों में दिखाया कि वे कितने सक्षम हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने भी 18 स्वर्ण पदकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया। उनकी तैराकी टीम ने प्रमुख स्थलों पर स्वर्ण पदक जीते और पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहे।
मेजबान देश फ्रांस ने 16 स्वर्ण पदकों के साथ पांचवीं पायदान पर कब्जा जमाया। अपने घरेलू मैदान में खेलते हुए, उन्होंने विभिन्न खेलों में अद्वितीय प्रदर्शन किया और दर्शकों को चौंका दिया।
उत्सव और समापन समारोह
पेरिस ओलंपिक का समापन समारोह बेहद खास रहा। हॉलिवुड सुपरस्टार टॉम क्रूज ने अपने स्टंट के साथ सभी का दिल जीता। जिमी फॉलन और माइक तिरिको ने समारोह को को-होस्ट किया। कमेंट्री का जिम्मा जॉनी वीयर, तारा लिपिंस्की और टेरी गैन्नोन ने संभाला।
इस ओलंपिक ने न केवल खिलाड़ियों की मेहनत और उनके कौशल को दर्शाया, बल्कि इसे आयोजन करने वाले देश पेरिस के दर्शनीय स्थल और संस्कृति का भी परिचय दिया। पेरिस ओलंपिक ने दुनियाभर के खेल प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनायी और इसके यादें लंबे समय तक ताजगी बनी रहेंगी।
Leo Ware
अमेरिका और चीन का ये बराबरी वाला मुकाबला असली ओलंपिक आत्मा को दर्शाता है। जीत का माप बस पदकों की संख्या नहीं, बल्कि उस ऊर्जा और समर्पण की होती है जो इन खिलाड़ियों ने दिखाया।
Ranjani Sridharan
chinese ne to table tennis me sab kuch khatam kar diya 😅 aur america ne athletics me dhamaka kar diya... par kya humare bhi kuch hua? 🤔
Vikas Rajpurohit
ARE YOU KIDDING ME?? 🤯 40-40 GOLD?? USA ne bas 126 medals jeete hai aur china ke 91?? ye toh china ka fraud hai! 🚨 44 silver aur 42 bronze?? USA ke liye ye toh failure hai! 😭
Nandini Rawal
Japan aur Australia ka performance sach mein impressive tha. Unki training aur discipline ka koi comparison nahi. Hum bhi apne athletes ko better support dena chahiye.
Himanshu Tyagi
Interesting how the medal count doesn't reflect the real story. China dominated in precision sports, USA in raw athleticism. But the real winner? The spirit of competition. And Paris? Absolute magic. The Eiffel Tower lights during the closing ceremony? Chills.
Shailendra Soni
Tom Cruise ka stunt... sach mein kya tha? Kya wo actual mein helicopter se jump kiya? Ya ye sab CGI? Maine ek minute bhi nahi dekha...
Sujit Ghosh
India ko bhi 40 gold chahiye tha! Bas itna hi kya maangne ka haq hai? Hum toh cricket pe hi dhyan dete hain, ab koi bhi koi sport karega? 😒
sandhya jain
Yeh sabhi medals aur records toh bahut khoobsurat hain, lekin sochiye... yeh khiladi kitne saal tak practice karte hain? Kitni raat bhar soye bina? Kitne injuries ke baad bhi wapas aaye? Har ek medal ke peeche ek zindagi hai - ek aadmi ya aurat jo apne sapno ke liye sab kuch chhod deta hai. Aur hum sirf dekh kar clap karte hain? Bas? Kya humne kabhi unki kahani suni? Kya humne unke ghar waleyon ko samjha? Yeh khel sirf jeet-haar nahi, yeh toh insaaniyat ka ek mahasangam hai.
Anupam Sood
USA aur China dono ka toh koi fark nahi... sab kuch paida kiya jaata hai... bas khel ke naam pe propaganda 😴
Shriya Prasad
France ke liye 16 gold... unke ghar pe aur bhi zyada ho sakta tha. Unki energy bohot acchi thi.