प्रधानमंत्री मोदी ने जेवेलिन थ्रोअर नवदीप सिंह की इच्छा पूरी करने के लिए फर्श पर बैठे

प्रधानमंत्री मोदी के फर्श पर बैठने का भावुक क्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी सादगी और महानता का परिचय दिया जब उन्होंने पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता नवदीप सिंह से मुलाकात की। नवदीप सिंह, जिन्होंने 2024 पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों के जेवेलिन F41 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता, ने प्रधानमंत्री को एक विशेष कैप भेंट की। अपने मन की इच्छा पूरी होते देख नवदीप ने नरेंद्र मोदी को कहा, 'मुझे यह कैप पहनाने दीजिए,' तब प्रधानमंत्री तुरंत फर्श पर बैठ गए ताकि नवदीप आराम से उन्हें कैप पहना सकें। यह दृश्य अन्य लोगों के दिलों में छाप छोड़ गया और प्रधानमंत्री की महानता का उदाहरण बना।

मुलाकात के दौरान के लम्हे और हंसी-मजाक

इस मुलाकात के दौरान सिर्फ गंभीर बातें ही नहीं हुईं, बल्कि कुछ हल्के-फुल्के पल भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवदीप से मज़ाकिया अंदाज़ में पूछा कि क्या वे अब उन्हें फर्श पर बैठा देखकर लम्बे महसूस कर रहे हैं। इन हर्षोल्लास भरे क्षणों ने सभी का दिल जीत लिया और यह दिखाया कि बड़े से बड़े व्यक्ति भी छोटे-छोटे अवसरों का आनंद ले सकते हैं।

नवदीप सिंह की स्वर्णिम यात्रा

नवदीप सिंह का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा है। 4 फुट 4 इंच के कद के साथ उन्होंने न केवल बाधाओं को पार किया, बल्कि अपने सपनों को भी साकार किया। उनकी यह यात्रा 2016 में शुरू हुई जब उन्होंने ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और बाद में पैरा एथलीट संदीप चौधरी से प्रेरणा ली। पेरिस पैरालंपिक्स में नवदीप ने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 47.32 मीटर दिया, जिससे हर कोई प्रभावित हुआ। उनकी प्रतियोगिता में उन्हें ईरान के सादेग बेत से बहुत ही बेहतर प्रदर्शन करना पड़ा, जिन्होंने 47.64 मीटर का थ्रो दिया था, लेकिन बेत की बदसलूकी के कारण वह अयोग्य करार दिए गए और नवदीप का सिल्वर मेडल गोल्ड में बदल गया।

प्रधानमंत्री से किये वादे की पूर्ति

नवदीप सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले ही यह वादा किया था कि वह पेरिस जाने से पहले स्वर्ण पदक जीतकर आएंगे। इस वादे को उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया और देश का मान बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने भी इस मौके पर उनकी प्रशंसा करते हुए एक ऑटोग्राफ नवदीप के थ्रोइंग आर्म पर दिया, यह ध्यान में रखते हुए कि दोनों ही लेफ्ट हैंडर हैं।

लोगों के प्रति सम्मान और पहचान की चाह

नवदीप सिंह ने इस अवसर पर लोगों के प्रति सम्मान और पहचान की ज़रुरत को मजबूती से उठाया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे शुरूआती जिंदगी में उन्हें मजाक और उपेक्षा का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपने दिल की बात करते हुए कहा कि उन्होने खुद को साबित कर दिखाया है और अब वह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे जो किसी भी तरह की कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।

देश के लिए गर्व का क्षण

नवदीप सिंह की इस उपलब्धि के साथ पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। उनकी यह यात्रा, संघर्ष और सफलता सभी को प्रेरित करती है। जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता, तो यह सिर्फ उनकी जीत नहीं थी, बल्की पूरे देश की जीत थी। उनके इस अनमोल पहल को हर भारतीय सराह रहा है। नवदीप सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर मेहनत और सच्ची निष्ठा से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए, तो कोई भी बाधा अजेय नहीं होती।

नीरजा कौल

नीरजा कौल

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।