प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर 2024 के बीच अमेरिका का दौरा करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 19 सितंबर को प्रेस वार्ता के दौरान इसके कार्यक्रम का खुलासा किया। मोदी का यह दौरा साहसिक कूटनीतिक आंदोलन का हिस्सा है जहां वे अमेरिका के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत विलमिंगटन, डेलवेयर से करेंगे जहां वे क्वाड लीडर्स समिट में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में चार देशों - भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेता भाग लेंगे। इस बैठक का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। यह समिट अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मेजबानी में हो रही है और इसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें क्षेत्रीय स्थिरता, आपसी व्यापार, और रक्षा सहयोग की व्यापक रूपरेखा शामिल होगी।
क्वाड समिट के बाद प्रधानमंत्री मोदी न्यू यॉर्क जाएंगे जहां वे यू.एन. समिट ऑफ़ द फ्यूचर में भाग लेंगे। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा का एक महत्वपूर्ण भाग है और इसका उद्देश्य वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। मोदी के संबोधन में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फोकस होगा। उनका भाषण न केवल भारत की स्थिति को उजागर करेगा बल्कि वैश्विक चुनौतियों के प्रति भारत की प्रतिज्ञाओं को भी स्पष्ट करेगा।
इन महत्वपूर्ण सम्मेलनों के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय प्रवासी को भी संबोधित करेंगे। न्यू यॉर्क में आयोजित इस कार्यक्रम में अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। मोदी का यह संबोधन भारतीय समुदाय के साथ भारत की सशक्त संबंध को प्रदर्शित करेगा और उनकी समस्याओं, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेगा।
मोदी की यात्रा के दौरान एक और महत्वपूर्ण पहलू रहेगा - अमेरिका की तकनीकी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात। इस मीटिंग का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी सहयोग को और बढ़ावा देना है। सिलिकॉन वैली के प्रमुख तकनीकी नेतृत्व से मिलकर, मोदी डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों के लिए साझेदारियां बनाने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे, जिसमें अमेरिका सहित अन्य प्रमुख देशों के नेता शामिल होंगे। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की पुष्टि नहीं हुई है। इससे संबंधित सवाल का जवाब देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि कई बैठकों को अंतिम रूप देने का प्रयास जारी है और उनके बारे में समय पर जानकारी दी जाएगी।
यह दौरा मोदी के वैश्विक कूटनीति और भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। उनकी बहुआयामी बातचीत और बातचीत का व्यापक स्वरूप निसंदेह आगामी वर्षों में दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा।
Manjit Kaur
ये सब नाटक है। कोई बड़ी बात नहीं होगी। बस फोटो खींचवाकर ट्वीट कर देंगे।
Priya Kanodia
क्या आपने सुना? अमेरिका ने भारत को टेक्नोलॉजी शेयर करने से इंकार कर दिया है... ये सब फेक न्यूज है... और ट्रंप से मिलने की बात? वो तो अभी भी ट्विटर पर भारत के बारे में ट्वीट कर रहे हैं... ये सब बस धोखा है...!!!
Darshan kumawat
मोदी जी का अमेरिका दौरा? बस एक और फोटो शूट। जब तक हमारे गांवों में बिजली नहीं आएगी, तब तक ये सब बकवास है।
yashwanth raju
अच्छा हुआ कि उन्होंने क्वाड और UN समिट में भाग लिया। वरना फिर से सिर्फ सिलिकॉन वैली के CEO से मिलने की बातें होतीं। असली जीत तो वो है जब देश की आवाज दुनिया के एग्ज़ामिनर्स के सामने आती है।
Aman Upadhyayy
मोदी जी की यात्रा बहुत बड़ी बात है... आप लोग नहीं समझते... ये तो दुनिया का इतिहास बदल रहा है... जब भारत ने अमेरिका के साथ डिजिटल इंडिया के लिए पार्टनरशिप की... तो ये तो बस शुरुआत है... अगले 10 साल में दुनिया में जो भी टेक्नोलॉजी होगी... उसमें भारत का हाथ होगा... 😎🌍✨
ASHWINI KUMAR
इतना बड़ा दौरा... और कोई रिजल्ट नहीं... बस फोटो और स्पीच... ये सब किसके लिए है? भारत के गरीबों के लिए? या बुकर ऑफिस के लिए? मैं तो बस इतना कहूंगा... ये सब बहुत अच्छा लगता है... लेकिन बिल्कुल बेकार है।
vaibhav kapoor
अमेरिका के साथ संबंध बढ़ाने की जरूरत नहीं। हमें चीन के साथ लड़ना है। भारत का दर्शन अकेला रहना है। ये सब नरम बातें बेकार हैं।
Manish Barua
मोदी जी के दौरे के बारे में सोचते हुए मुझे याद आया... मेरे दादा ने 70 के दशक में अमेरिका जाने की इच्छा रखी थी... लेकिन वो कभी नहीं जा सके... आज हमारा PM वहां जा रहा है... और हम सब उसके साथ हैं... ये बहुत बड़ी बात है।
Abhishek saw
प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत के वैश्विक उद्देश्यों के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है। इसका व्यापक असर आने वाले वर्षों में देखने को मिलेगा।
TARUN BEDI
इस दौरे के पीछे की दर्शनशास्त्रीय गहराई को कोई नहीं समझता। भारत का राष्ट्रीय अस्तित्व अब तकनीकी सामरिक एकता पर टिका है। जब हम सिलिकॉन वैली के साथ साझेदारी करते हैं, तो हम बस टेक्नोलॉजी नहीं खरीद रहे, बल्कि एक नए वैश्विक व्यवस्था की नींव रख रहे हैं। यह एक नए युग की शुरुआत है।
Shikha Malik
क्या आपने देखा कि उन्होंने कितने बार फोटो खींचवाए? और फिर भी ट्रंप से मिलने की बात नहीं हुई... ये सब बस एक शो है... और हम सब उसका हिस्सा बन गए हैं... 😒
Hari Wiradinata
भारत के लिए अमेरिका के साथ तकनीकी सहयोग बहुत जरूरी है। इस दौरे के जरिए हम डिजिटल इंडिया को असली रूप दे सकते हैं।
Leo Ware
हर देश के नेता अपने देश के लिए अपनी जगह बनाते हैं। मोदी जी भी ऐसा ही कर रहे हैं। बस इतना ही।
Ranjani Sridharan
मोदी जी ट्रंप से मिलेंगे या नहीं... ये तो बहुत बड़ा सवाल है... मैं तो बस यही सोच रही हूँ कि क्या वो ट्विटर पर भी ट्वीट करेंगे... अगर नहीं किया तो क्या वो अमेरिका के लिए नहीं आए हैं? 😅
Vikas Rajpurohit
ट्रंप से मिलने की बात नहीं हुई? ये तो बहुत बड़ा स्कैंडल है!!! 🤯 भारत का भविष्य ट्रंप पर टिका है! अगर वो नहीं मिले तो हम सब खत्म! अमेरिका ने भारत को ट्रीटमेंट नहीं दिया! 😭🔥