जब IMD, भारत मौसम विभाग (India Meteorological Department) भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करने वाला प्रमुख मौसम विज्ञान संस्थान है. Also known as India Meteorological Department, it provides weather forecasts, issues alerts, and conducts climate research across the subcontinent.
मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों का समग्र रूप है, जिसमें तापमान, आर्द्रता, वर्षा और हवा शामिल हैं भारत के कृषि, स्वास्थ्य और परिवहन पर बहुत असर डालता है। इसलिए IMD का काम सिर्फ भविष्यवाणी नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा और योजना बनाना भी है। उदाहरण के तौर पर, जब बर्फबारी की चेतावनी आती है, तो हिमाचल प्रदेश के गुलमर्ग, कंगडूरी और माउंट अफरवात जैसे ऊँचे इलाके तैयार हो जाते हैं—जैसा कि हमारे लेख में बताया गया है—और स्थानीय प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर पाता है।
IMD के प्रमुख कार्य तीन बड़े स्तंभों में बाँटे जा सकते हैं: मौसम पूर्वानुमान, दैनिक, साप्ताहिक और दीर्घकालिक भविष्यवाणी प्रदान करना; आपदा चेतावनी, भूकंपीय, बाढ़ीय और तूफ़ानी स्थितियों पर शीघ्र सूचना देना; और जलवायु विज्ञान, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन, डेटा संग्रह और मॉडलिंग. ये तीनों एक‑दूसरे से जुड़ी हुई हैं—जीसे हम “semantic triple” कहते हैं: IMD ≈ मौसम → आपूर्ति → सुरक्षा; IMD → आपदा चेतावनी → रोकथाम; जलवायु विज्ञान ← IMD → नीति निर्माताओं. इस तरह विभाग न सिर्फ आज के मौसम को समझाता है, बल्कि भविष्य की चुनौतियों की तैयारी में मदद करता है।
इसी कारण किसानों को सिचाई योजना बनाने में मदद मिलती है, यात्रा planners को मार्ग बदलने की सूचना मिलती है, और स्कूल प्रशासन को छुट्टियों या क्लास रद्द करने का आधार मिलता है। जब IMD ने गुलमर्ग में पहली बर्फबारी की घोषणा की, तो पर्यटन उद्योग ने तुरंत प्रचार‑प्रसार शुरू कर दिया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिला। यही उदाहरण दिखाते हैं कि मौसम पूर्वानुमान की सटीकता सीधे लोगों के दैनिक निर्णयों से जुड़ी होती है।
अभी के समय में जलवायु परिवर्तन पर IMD के डेटा का उपयोग कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टों में किया जा रहा है। जैसे कि “2024 के भारत जलवायु रिपोर्ट” में बताया गया है कि गर्मी की लहरें पिछले दशकों से 2°C अधिक गर्म हो रही हैं। यह सूचना नीति निर्माताओं को ऊर्जा बचत, कूलिंग रणनीतियों और सतत कृषि पद्धतियों के बारे में दिशा‑निर्देश देती है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं को मिलाकर देखें तो IMD ऐसा इकाई है जो मौसम, बर्फबारी, आपदा प्रबंधन और जलवायु विज्ञान को एक साथ जोड़ता है। अगली सेक्शन में आपको इस टैग से जुड़े ताज़ा ख़बरें, विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय मिलेंगी—जैसे भारत‑बांग्लादेश क्रिकेट मैच, LG Electronics का IPO, और Samsung के नए फोन लॉन्च—इन्हें सभी को IMD के मौसम‑संबंधित प्रभाव या समय‑आधारित संदर्भ से जोड़ते हुए पेश किया गया है। अब पढ़ें और जानें कि कैसे IMD की जानकारी आपके रोज़मर्रा के फैसलों को आकार देती है।
इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के लिये विशेष चेतावनी जारी की। पूर्वी प्रदेश में 2‑6 जुलाई तक तेज़ बूँदाबांदी, पश्चिमी भाग में 5‑8 जुलाई तक समान स्थिति की आशंका है। झाँसी में तापमान 28‑36°C, नमी 65% और हवाओं की गति 30‑40 किमी/घंटा रहेगी। नागरिकों से कहा गया है कि वे छत्री, वाटरप्रूफ कपड़े और सुरक्षित यात्रा व्यवस्था रखें। स्थानीय प्रशासन को भी जल निकासी और सड़कों की देखरेख के लिये तत्पर रहने की निर्देश दी गई।