हाल ही में महाराष्ट्र में हुई लगातार भारी बारिश ने मुंबई और पुणे को बुरी तरह से प्रभावित किया है। मुंबई और पुणे में व्यापक जलभराव और बाढ़ ने आम जीवन को भारी बाधित किया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
मुंबई के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर जलभराव के कारण दैनिक यातायात बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कई बस मार्गों को जलभराव के कारण परिवर्तित करना पड़ा है, और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रैफिक जाम ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया है। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है।
पुणे में भी बाढ़ और जलभराव के कारण स्थिति गंभीर है। खडकवासला डैम अपनी पूरी क्षमता तक भर चुका है, जिससे मुथा नदी में पानी की मात्रा बढ़ गई है। भारी बारिश के कारण पुणे में कई इलाकों में बाढ़ आ गई है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की जरूरत पड़ी है।
जलभराव और बारिश की वजह से पुणे में एक भूस्खलन होने की घटना भी सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और एक घायल हो गया। इसके अलावा, बिजली के करंट से तीन लोगों की मौत हो गई, जब वे एक हाथगाड़ी को हिला रहे थे।
खडकवासला डैम से पानी की निकासी दर को 35,570 क्यूसेक्स पर बरकरार रखा गया है, ताकि आगे के खतरों से बचा जा सके। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और समय-समय पर जरूरी कदम उठा रहा है।
भारी बारिश के कारण मुंबई विश्वविद्यालय ने अपनी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बारिश की वजह से स्थिति अधिक गंभीर है। यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने आगे भी भारी बारिश की संभावना जताई है और खतरे की चेतावनियाँ जारी की गई हैं। प्रशासन लगातार सतर्क है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के कदम उठा रहा है।
वर्तमान स्थिति में, महाराष्ट्र में भारी बारिश ने दोनों प्रमुख शहरों, मुंबई और पुणे, में जनजीवन को अत्यधिक प्रभावित किया है। प्रशासन और आपातकाल सेवाएं लगातार काम कर रही हैं, और लोगों को भी सावधानी और सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
इस मुश्किल समय के दौरान, जनता की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हर एक व्यक्ति का सहयोग और सावधानी इस समय बहुत महत्वपूर्ण है।
Darshan kumawat
ये बारिश तो हर साल ही होती है, लेकिन सरकार बस चेतावनी देती रहती है। कुछ करने की कोशिश तो करो भई।
Manjit Kaur
मुंबई में तो हर बारिश में पानी भर जाता है ये नया क्या है अब
yashwanth raju
अरे भाई ये तो सिर्फ बारिश नहीं है ये तो निर्माण की बेकारी है। सड़कों का ड्रेनेज तो 20 साल पहले बना था। अब तक कुछ नहीं बदला तो फिर क्या उम्मीद है? 😒
Aman Upadhyayy
मैंने तो देखा कि पुणे में खडकवासला डैम से पानी निकाला जा रहा है और नीचे वाले इलाकों में लोग डूब रहे हैं। ये तो सरकार का बेइमानी है। जो डैम बनाया उसका नियोजन ही गलत था। अब तो बस चेतावनी देना बाकी है। बस अब लोगों को घरों में बंद कर दो और बारिश रुक जाएगी 😅
ASHWINI KUMAR
ये सब तो बस रिपोर्टिंग का खेल है। जब तक किसी की जिंदगी नहीं जाती तब तक कोई नहीं सुनता। ये बारिश तो हर साल होती है और हर साल एक जैसी रिपोर्ट्स आती हैं। क्या हम इतने बेवकूफ हैं कि इसे नया समझें?
vaibhav kapoor
भारत के शहरों में ये सब हो रहा है क्योंकि हमने अपनी जमीन बेच दी। अब तो बारिश में डूब जाएंगे तो क्या करेंगे?
Manish Barua
मुंबई में जब बारिश होती है तो लोग एक दूसरे की मदद करते हैं। बस चल रही है तो भी लोग बच्चों को उठाकर ले जाते हैं। ये भारत की असली ताकत है। ❤️
Abhishek saw
हमें बारिश के बाद जो हुआ उसका ध्यान रखना चाहिए। न कि बस बारिश के बारे में बात करना। ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करना जरूरी है।
TARUN BEDI
इस तरह की आपदाएं न केवल प्राकृतिक हैं बल्कि मानवीय असफलता का परिणाम हैं। हमने नदियों को बंद कर दिया, जंगलों को काट दिया, और अब जब बारिश होती है तो हम उसके लिए दूसरों को दोष देते हैं। यह एक सामाजिक विकृति है। जब तक हम अपने जीवन शैली में बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक ये आपदाएं दोहराई जाएंगी। आप अपने घर के बाहर एक पेड़ लगाएं तो वही आपकी जिम्मेदारी है।
Shikha Malik
ओये ये तो बस लोगों को डरा रहे हैं। जब तक लोग अपने घरों में बैठे रहेंगे तब तक ये बारिश नहीं रुकेगी। अब तो बस एक नया ब्रांड बनाओ 'महाराष्ट्र बारिश लाइव' और टिकट बेचो 😏
Hari Wiradinata
हमें अपने शहरों के लिए एक स्थायी योजना बनानी होगी। बारिश तो आएगी ही, लेकिन हम उसके लिए तैयार हो सकते हैं। ये सिर्फ आपातकाल की बात नहीं, ये भविष्य की जिम्मेदारी है।