शुक्रवार रात बेंगलुरु का एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम रंगीन रोशनी और शोरगुल से गूंज रहा था। हर किसी को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के आमने-सामने की उस भिड़ंत का इंतजार था, जिस पर दो टीमों के पूरे सीजन की किस्मत टिकी थी। लेकिन किस्मत ने बाजी पलटी, और आसमान से बरपी बारिश ने हर फैंस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
हालात ऐसे बने कि टॉस से पहले ही मौसम ने रंग दिखाना शुरू कर दिया था। मौसम विभाग ने दिनभर चेतावनी दी—71 प्रतिशत संभावना थी कि मैच के दौरान बारिश बाधा डालेगी, और वही हुआ। गेंद मैदान पर लुढ़क भी नहीं पाई कि फिर तेज बारिश आ गई, जिसका असर इतना हुआ कि मैच रद्द घोषित करना पड़ा। अब दोनों टीमों को एक-एक अंक बांटने पड़े।
इस मुकाबले का सबसे बड़ा नुकसान KKR को झेलना पड़ा। एक ओर RCB ने चार मैच लगातार जीतकर प्लेऑफ की तरफ मजबूत कदम रख दिए थे, तो दूसरी तरफ केकेआर के लिए ये करो-या-मरो वाला मौका था। मैच रद्द हुआ तो प्लेऑफ की उम्मीद चकनाचूर हो गई।
केकेआर के फैंस के लिए ये डबल झटका साबित हुआ। टीम की किस्मत वैसे ही खराब फैसलों और अनसुलझी टीम कॉम्बिनेशन की वजह से डगमगा चुकी थी। कप्तान अजिंक्य रहाणे पर जिम्मेदारी थी, लेकिन बड़ी पारी खेलने वाले प्लेयर पूरे सीजन मिसिंग रहे। स्पिनर्स वरुण चक्रवर्ती और सुनील नरेन भले कड़े मैच तक टीम को खींच लाए, लेकिन मोइन अली और रोवमैन पॉवेल जैसे अनुभवी प्लेयर्स की गैरमौजूदगी ने KKR को कमज़ोर किया।
RCB की कहानी सुर्खियों में रही। वे पाकिस्तान-भारत के टकराव की वजह से आए ब्रेक से पहले लगातार चार मैच जीत चुके थे। प्लेइंग इलेवन में कुछ उतार-चढ़ाव जरूर थे—देवदत्त पडिक्कल इंजरी से बाहर थे, जोश हेज़लवुड की फिटनेस संदिग्ध थी—लेकिन घरेलू समर्थन ऐसा था कि टीम की आत्मविश्वास कम नहीं हुई।
मेस्सी के मैदान जैसा माहौल, लेकिन स्टार खिलाड़ी टूर्नामेंट के क्लाइमेक्स पर मौजूद नहीं रहे—ये KKR के फैंस के लिए बड़ी तकलीफ वाली बात रही। अब KKR के खिलाड़ियों को नए सिरे से सोचने का वक्त है कि अगले सीजन में कम से कम बारिश और अपनी रणनीति दोनों से टीम को कैसे बचाया जाए।