बांग्लादेश के पूर्व क्रिकेट कप्तान, शाकिब अल हसन के खिलाफ हत्या का एक गंभीर मामला दर्ज किया गया है। यह मामला मोहम्मद रुबेल नामक एक कपड़ा मजदूर की गोली लगने से मौत के संबंध में दर्ज किया गया है। रुबेल की मौत के बाद उनके पिता, रफीकुल इस्लाम ने ढाका के आदाबोर पुलिस स्टेशन में शाकिब समेत कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। इस प्राथमिकी (FIR) में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पुराने मंत्रियों, और सांसदों के नाम भी शामिल हैं। मामला दर्ज करते समय उन्होंने बताया कि रुबेल समेत कई छात्रों पर गोलीबारी की गई थी जिससे रुबेल की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे बांग्लादेश में प्रतिष्ठित हलचल मच गई थी।
घटना का दुखद पहलू यह है कि रुबेल की मौत उस समय हुई जब वह 5 अगस्त को रिंग रोड पर चल रहे छात्रों के प्रदर्शन में शामिल थे। उन्हें गोली मारी गई और दो दिन बाद उनकी मृत्यू हो गई। मुताबिक, कुछ अज्ञात लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की जिसमें रुबेल भी शामिल थे।
शाकिब अल हसन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर सवाल उठ रहे हैं कि वह इसमें किस प्रकार संलग्न थे, विशेषतौर पर जब वह उस समय बांग्लादेश में भी नहीं थे। दरअसल, शाकिब उस समय ग्लोबल टी20 कनाडा लीग में बांग्ला टाइगर्स मिस्सिसॉगा के लिए कनाडा में क्रिकेट खेल रहे थे। इस घटना का सीधा संबंध यह है कि बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसक घटनाओं में शाकिब का नाम भी जुड़ गया।
हाल के घटनाक्रम से बांग्लादेश की राजनीति और खेल संगठनों में भी बड़े परिवर्तन हुए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। उसी दौरान बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। पूर्व कप्तान फरूक अहमद अब नए अध्यक्ष बन गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के अनुसार, इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 400 से अधिक लोग मारे गए हैं। यह संख्या बांग्लादेश में से सामाजिक और राजनीतिक वातावरण की गंभीरता को दिखाता है।
शाकिब अल हसन के खिलाफ इस हत्या के मुकदमे ने बांग्लादेश में हंगामा खड़ा कर दिया है। हालांकि, वह उस समय देश में नहीं थे, लेकिन मामला दर्ज होने से यह सवाल उठाता है कि क्या ऐसे गंभीर आरोपों के पीछे कोई साजिश या गलतफहमी है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय और जांच एजेंसियां इस मामले में क्या रुख अपनाती हैं और इस पर क्या निर्णय लेती हैं।