महिला एशिया कप 2024 के पहले सेमी-फाइनल में भारतीय टीम ने बांग्लादेश पर 10 विकेट की शानदार जीत हासिल की। यह मुकाबला दंबुला के रणगिरी दंबुला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। मैच में बांग्लादेश की कप्तान निगार सुल्ताना ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। हालांकि, उनका यह निर्णय भारतीय गेंदबाजों ने गलत साबित कर दिया।
बांग्लादेश के लिए शुरुआत बहुत ही निराशाजनक रही। भारतीय तेज गेंदबाज रेनुका सिंह ने अपने पहले ही ओवर में दिलारा अक्तर को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद, मुर्शिदा खातून और इशमा तंजीम भी जल्दी ही आउट हो गईं। रेनुका सिंह ने कुल मिलाकर तीन महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
बांग्लादेशी बल्लेबाजी की यह गिरावट यहीं नहीं रुकी। राधा यादव ने अपने पहले ही गेंद पर रुमाना अहमद को बोल्ड कर दिया, जिससे बांग्लादेश टीम की मुश्किलें और बढ़ गईं। अंततः, बांग्लादेश की टीम केवल 44 रनों पर सिमट गई, जो कि भारत के लिए बहुत ही आसान लक्ष्य साबित हुआ।
भारतीय बल्लेबाजी में शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने बेहतरीन शुरुआत की। दोनों ने अपने अनुभव और कौशल का पूरा इस्तेमाल करते हुए जल्दी ही रन बनाने शुरू कर दिए। मंधाना ने अपनी आक्रामकता दिखाते हुए कई चौके मारे, जबकि वर्मा ने अपने साथियों को संभालते हुए स्थिरता बनाई रखी। दोनों के बीच हुई इस साझेदारी से भारत को 10 विकेट से शानदार जीत हासिल हुई।
यह जीत भारतीय गेंदबाजों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बिना संभव नहीं होती। खासकर रेनुका सिंह ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। उनकी सटीक लाइन और लैंग्थ ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया। राधा यादव का भी प्रदर्शन शानदार रहा, जिनकी एक ही गेंद पर रुमाना अहमद का विकेट लेने की क्षमता ने टीम की जीत को सुनिश्चित किया।
रेनुका सिंह ने 4 ओवर में मात्र 9 रन देकर 3 विकेट लिए, जबकि राधा यादव ने 3 ओवर में 7 रन देकर 2 विकेट चटकाए। इन दोनों गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ही भारतीय टीम बांग्लादेश को 44 रन पर आउट करने में सफल रही।
भारतीय टीम की बल्लेबाजी की ताकत को इस मैच ने फिर से साबित कर दिया। शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, वह काबिल-ए-तारीफ है। दोनों ही बल्लेबाजों ने शुरुआत से ही आक्रामक रूख अपनाया और बांग्लादेशी गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया।
मंधाना ने 25 गेंदों में 3 चौकों और 1 छक्के की मदद से 30 रन बनाए, जबकि वर्मा ने 22 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 14 रन बनाए। यह साझेदारी भारत के लिए एक आसान जीत साबित हुई और टीम ने बिना कोई विकेट खोए लक्ष्य हासिल कर लिया।
इस शानदार जीत से भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। यह जीत न सिर्फ उन्हें फाइनल में जगह दिलाएगी, बल्कि टीम के मनोबल को भी ऊंचा करेगी। जिसमें খেলाड़यों की योगदान और मेहनत साफ नजर आती है।
अब भारतीय टीम फाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुकी है। सेमी-फाइनल में जो आत्मविश्वास और टीम भावना दिखाई दी, यदि वह फाइनल में भी बनी रही तो भारतीय टीम के खिताबी जीतने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाएंगी।
टीम की उत्कृष्ट प्रदर्शन और शानदार संयोजन ने सभी को प्रभावित किया है। फाइनल में भी भारतीय टीम से ऐसे ही उत्कृष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद की जाएगी।