50 लाख छात्रों की परीक्षा, 3 करोड़ कॉपियों की जांच
इस बार UP Board 2025 के नतीजों को लेकर छात्रों और अभिभावकों की धड़कनें तेज हैं। परीक्षा में 50 लाख से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे—10वीं के करीब 26.98 लाख और 12वीं के लगभग 27.40 लाख। परीक्षा 24 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक राज्यभर के सैकड़ों केंद्रों पर हुई। हर साल की तरह इस बार भी नतीजों को लेकर कई अफवाहें सामने आईं लेकिन बोर्ड ने अपनी तरफ से साफ कर दिया कि किसी भी तरह के गैर-आधिकारिक सूत्रों पर भरोसा न करें।
परीक्षा के बाद सबसे बड़ा काम रहता है—कॉपी जांचने का। इस बार तो बोर्ड ने लगभग 3 करोड़ कॉपियों की जांच का काम महज कुछ सप्ताह में ही निपटा लिया। मूल्यांकन प्रक्रिया 2 अप्रैल तक पूरी कर दी गई थी। इतनी बड़ी संख्या में जवाब पुस्तिकाओं की जांच के लिए हजारों शिक्षकों को लगाया गया। अंक इकट्ठा करने से लेकर अंतिम मॉडरेशन तक पूरे सिस्टम को सटीकता से संभालना यूपी बोर्ड के लिए भी एक बड़ी चुनौती थी। गलतियां कम से कम रहें और छात्र संतुष्ट रहें, इसके लिए बोर्ड ने अतिरिक्त सतर्कता बरती।
रिजल्ट, पुनर्मूल्यांकन और कंपार्टमेंट: छात्रों को क्या रखना है ध्यान?
रिजल्ट की तारीख को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। पहले सोशल मीडिया पर अफवाहें चलीं कि 15 अप्रैल को ही परिणाम जारी हो जाएंगे, लेकिन बोर्ड ने स्पष्ट किया कि आधिकारिक वेबसाइट—upmsp.edu.in या upresults.nic.in—पर ही किसी भी जानकारी की पुष्टि की जाएगी। अब तक यह माना जा रहा है कि UP Board 2025 के नतीजे 20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच घोषित कर दिए जाएंगे। कुछ रिपोर्टों में 20, 22 या 24 अप्रैल जैसी तारीखें चलीं, लेकिन 21 अप्रैल तक कोई भी पुष्टि नहीं हुई है। यानी छात्रों को रिजल्ट के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा।
रिजल्ट जारी होने के बाद छात्रों को अपना रोल नंबर और स्कूल कोड डालकर अपना परिणाम देखना होगा। इसके अलावा, SMS के जरिये भी रिजल्ट देखने का विकल्प खुलेगा, ताकि जिनके पास इंटरनेट की सुविधा कम है, वे भी अपना अंक पत्र पा सकें।
- अगर किसी छात्र को अपने नंबरों में गलती लगती है या संतुष्ट नहीं हैं, तो वे पुनर्मूल्यांकन (revaluation) के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए प्रति विषय 500 रुपये शुल्क निर्धारित है।
- जिन छात्रों के नंबर कुछ अंकों से बोर्ड पासिंग मार्क से कम हैं, उनके लिए कंपार्टमेंट परीक्षा का ऑप्शन भी बोर्ड ने रखा है। ये परीक्षाएं जुलाई 2025 में होने की संभावना है।
हर साल की तरह इस बार भी अफवाहें और फर्जी वेबसाइट्स का दौर चला, लेकिन यूपी बोर्ड ने फिर से जोर देकर कहा—कोई भी सूचना केवल आधिकारिक पोर्टल पर ही मानी जाएगी। फर्जी तारीखों और रिजल्ट लिंक से सतर्क रहें।
अब सभी की नजरें UP Board 2025 के रिजल्ट पर टिकी हैं। रिजल्ट आते ही छात्रों के भविष्य की नई राहें खुलेंगी—चाहे आगे की पढ़ाई हो या नई संभावनाएँ।
Hari Wiradinata
बोर्ड ने तो बहुत बड़ा काम किया है। 3 करोड़ कॉपियाँ इतने कम समय में चेक करना असंभव लगता है। शिक्षकों को धन्यवाद।
Nandini Rawal
रिजल्ट आने में और 2-3 दिन लग जाएंगे, घबराओ मत। सब ठीक हो जाएगा।
Shikha Malik
अरे भाई, फिर से फर्जी वेबसाइट्स चल रही हैं? लोग अभी भी इतने नावाकिफ हैं? इंटरनेट चलाने से पहले पढ़ाई कर लेते।
ASHWINI KUMAR
ये सब तो बस एक बड़ा शो है। 50 लाख बच्चे, 3 करोड़ कॉपियाँ, लाखों रुपये खर्च, और फिर भी एक दिन के लिए एक नंबर बन जाता है बच्चे की पूरी जिंदगी का फैसला। क्या हम असली शिक्षा के बारे में सोचते हैं? या बस रिजल्ट के नंबरों के लिए दौड़ रहे हैं? हर साल यही चक्र। जब तक हम बच्चों को याददाश्त की बजाय सोचने की आदत नहीं देंगे, तब तक ये सब बस एक बड़ा फर्जी खेल रहेगा। बोर्ड को धन्यवाद कहना चाहिए? नहीं, बोर्ड को बदलना चाहिए।
Vikas Rajpurohit
अरे भाई ये रिजल्ट आएगा तो दुनिया ही बदल जाएगी 😭🔥 अभी तक तो दिल धड़क रहा है, अगर पास नहीं हुआ तो जान ले लूंगा 🤯
Manish Barua
मैंने देखा कि कुछ स्कूलों में तो कॉपियाँ एक हफ्ते में चेक हो गईं। लेकिन दूसरे स्कूलों में अभी तक डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में जमा हैं। ये सब बहुत अनियमित है। कुछ जगह तो टीचर्स ने रात भर जागकर चेक किया। असली ताकत यहीं है।
Leo Ware
रिजल्ट सिर्फ एक नंबर नहीं, एक अनुभव है। हर बच्चे के पीछे कोई न कोई माँ, बाप, दादी-दादा होते हैं जिन्होंने दिनभर चिंता की। उनकी चिंता को नजरअंदाज मत करो।
Sujit Ghosh
अगर कोई बच्चा पास नहीं हुआ तो वो अपने देश का अपमान कर रहा है। यूपी में हर बच्चे को पास होना चाहिए, ये हमारी संस्कृति है।
sandhya jain
मैंने अपने बेटे के रिजल्ट का इंतज़ार कर रही हूँ। उसने इस साल बहुत मेहनत की है। रात को नींद नहीं आती, बस यही सोचती रहती हूँ कि क्या वो बस एक अंक कम लाया है? क्या ये नंबर उसकी पूरी कोशिश को नाप रहे हैं? शायद नहीं। शायद ये तो बस एक शुरुआत है। मैं उसे चाहती हूँ, चाहे नंबर कितने भी हों।
Abhishek saw
पुनर्मूल्यांकन के लिए अप्लाई करने से पहले अपने आंसर शीट को ध्यान से देखें। अक्सर गलतियाँ हमारी खुद की होती हैं।
TARUN BEDI
यह सब एक व्यवस्था का अपराध है। एक बच्चे की भविष्य की योजना एक लिखित परीक्षा पर निर्भर करती है, जहाँ वह एक घंटे में बीस साल के अध्ययन का सार याद करता है। यह शिक्षा नहीं, यह याददाश्त की जंग है। और फिर हम उसे सफलता का नाम देते हैं। अगर आप असली शिक्षा चाहते हैं, तो पहले परीक्षा की प्रणाली को बदलिए। नहीं तो यह बस एक अनिवार्य दुख है जिसे हम रोज़ दोहरा रहे हैं।
Himanshu Tyagi
आधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट आने के बाद SMS विकल्प भी चालू हो जाता है। उसके लिए आपको अपना रोल नंबर और स्कूल कोड जानना होगा। इसे अभी से नोट कर लें।
Shriya Prasad
बस थोड़ा और इंतजार। सब ठीक हो जाएगा।
Anupam Sood
ये रिजल्ट आएगा तो मैं बिल्कुल नहीं देखूंगा 😂 अगर पास हुआ तो बहुत अच्छा अगर नहीं हुआ तो भी बहुत अच्छा... जिंदगी तो चलती रहेगी 🤷♂️
Ranjani Sridharan
तुम लोग बस रिजल्ट के बारे में सोच रहे हो... क्या तुमने कभी सोचा कि जिन टीचर्स ने ये कॉपियाँ चेक कीं उनके घर में क्या हो रहा होगा? क्या उनके बच्चे भी इसी तरह रिजल्ट का इंतजार कर रहे होंगे? हम बस अपने नंबरों के बारे में सोचते हैं... कभी किसी और के दर्द के बारे में नहीं सोचते।
vaibhav kapoor
हर बच्चे को पास करना है? ये भारत की नीति नहीं, ये अपराध है। जिन्होंने मेहनत की, वो आगे बढ़ेंगे। बाकी अपनी लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं।
sandhya jain
आपका बिल्कुल सही है। मैंने अपने बेटे के टीचर को भी बताया था कि उन्होंने जितनी मेहनत की है, वो बच्चों के लिए एक उदाहरण है। ये नंबर नहीं, ये दिल की बात है।