भारतीय एयरलाइनों पर बम धमकी की जांच बढ़ी: पैटर्न और सुरक्षा बढ़ाने की कोशिशें

भारत में एयरलाइनों को मिली बम धमकियों की घटनाएं

पिछले 48 घंटों में भारत के विभिन्न एयरलाइनों को मिली बम धमकियों ने हवाई यातायात में खलल डाल दिया है। बम धमकी के इन घटनाओं में प्रमुख विमानन कंपनियों की करीब 17 उड़ानों पर असर पड़ा है, जिसमें यात्राओं में देरी और मार्ग परिवर्तन करना पड़ा। इस समस्या का कारण सोशल मीडिया और फोन कॉल्स द्वारा की गई धमकियों को बताया जा रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर बम धमकी फैलाने वाला एक खाता, @schizobomber777, जल्द ही बंद कर दिया गया। यह खाता इसी माह बनाया गया था और इस पर कोई अन्य पहचान उपलब्ध नहीं थी।

उड़ानें हुई प्रभावित, आतंकी दृष्टिकोण से उठाए कदम

सोमवार को, सात उड़ानें जो कि शिकागो और सिंगापुर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की ओर जा रही थीं, उन्हें या तो रद्द करना पड़ा या फिर दीर्घ सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा। इन उड़ानों को कथित तौर पर बमों की उपस्थिति के संदेश मिले थे। इस कारण से यात्रा के समय में देरी हुई, जिसमें यात्री और क्रू मेंबर दोनों शामिल थे। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की यह उड़ानें किसी भी परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित मानी गई हैं।

इन धमकियों ने केंद्रीय सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में चिन्ता उत्पन्न कर दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने इन धमकियों को 'गंभीर चिंता का विषय' बताते हुए कहा कि सरकार उच्चतम सुरक्षा मानकों को बनाए रखने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियाँ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

जांच एजेंसियाँ और सुरक्षा उपाय

जांच एजेंसियाँ और सुरक्षा उपाय

मलिन इरादों के साथ की जा रही इन धमकियों के पीछे की गहरी साजिश में जांच एजेंसियाँ जुटी हैं। धमकियों का जुड़ता हुआ पैटर्न देखकर यह माना जा रहा है कि ये एक समन्वित प्रयास हैं, विशेषकर आतंकवादी दृष्टिकोण से। इसके लाभार्थी जैसे कि आतंकवादियों के लिए काम कर रहे गुट, इस अवसर का इस्तेमाल करके भारतीय विमानन क्षेत्र को अस्थिर करना चाहते हैं।

जांच एजेंसियाँ और हवाई सुरक्षा से जुड़ी अन्य संस्थाएँ जैसे कि विमानन सुरक्षा कार्यालय, द्वितीयक प्रमाणीकरण और सेतुकारिकी प्राधिकरण, हवाई अड्डा प्राधिकरण आदि इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अत्यधिक एहतियात के तौर पर हवाई सुरक्षा उपायों में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है, जिसमें उड़ानों में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर चर्चा चल रही है।

धमकियों के मामले में हवाईअड्डे ऑपरेटरों और सुरक्षा एजेंसियों की एक समिति बनाई जाती है जो चेतावनी की गंभीरता का आकलन करती है और उसके अनुसार कदम उठाती है। समिति को किसी विशेष धमकी का आभास होता है तो यात्रियों को उतार दिया जाता है और जहाज की पूरी तरह से जांच की जाती है।

सुरक्षा प्रोटोकॉल और वित्तीय प्रवाह पर प्रभाव

सुरक्षा प्रोटोकॉल और वित्तीय प्रवाह पर प्रभाव

सुरक्षा उपायों को उच्च स्तर पर ले जाने के बावजूद इस समस्त व्यवस्था में भारी आर्थिक हानि हुई है। कुछ विमान जबरन अपने गंतव्य तक पहुँचने से पहले ही रद्द कर दिए गए या दूरस्थ हवाई अड्डों पर उतरे। इसके अलावा, यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुँचाने के लिए अन्य उड़ानों का इस्तेमाल करना पड़ा।यह सब व्यवस्थाएँ वित्तीय दृष्टि से विमानन कंपनियों और सुरक्षा एजेंसियों पर भारी पड़ा है।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि विमानन क्षेत्र को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें नए सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल के जरिए निपटने की जरूरत है। सरकार, एजेंसियाँ और विमानन कंपनियाँ मिलकर उचित कदम उठा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हो और देश की हवाई सुरक्षा में कोई कमी न रह जाए।

Maanasa Manikandan

Maanasa Manikandan

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।