विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस – क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?

When talking about विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, एक अंतरराष्ट्रीय दिन जो मानसिक स्वास्थ्य की समझ और समर्थन को बढ़ावा देता है. Also known as World Mental Health Day, it समाज के विभिन्न वर्गों में stigma को कम करने और जागरूकता फैलाने का काम करता है. इस दिन के आसपास मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, सार्वजनिक कार्यक्रम, कैंपेन और मीडिया कवरेज के माध्यम से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व से परिचित कराना बढ़ती है। साथ ही World Health Organization (WHO), स्वास्थ्य नीति और शोध में अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित करने वाला प्रमुख संस्थान भी इस अवसर पर रिसर्च, गाइडलाइन और फंडिंग के माध्यम से समर्थन देता है। इन तीनों तत्वों का आपस में जुड़ाव (विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस → जागरूकता पहल → WHO की नीति) हमारे देश में भी कई क्षेत्रों में असर दिखाता है।

भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख विषय

खेल जगत में भी अब मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा मुद्दा बन गया है। अभी‑तक के क्रिकेट, फूटबॉल और एटलेटिक्स मैचों में खिलाड़ी खुद को तनाव, डर या डिप्रेशन से जूझते दिखे हैं—जैसे भारत‑इंग्लैंड T20 मैच में खिलाड़ियों की मनोवैज्ञानिक तैयारी। जब राष्ट्रीय टीमें ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रदर्शन करती हैं, तो उनके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की देखभाल उतनी ही जरूरी हो जाती है। इसी कारण कई खेल संघ अब मानसिक स्वास्थ्य समर्थन कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों को काउंसलिंग, माइंडफ़ुलनेस और तनाव प्रबंधन तकनीकों का लाभ मिलता है। शिक्षा क्षेत्र भी इस बदलाव से जुड़ा है। यूपी में आधार‑रहित स्कूल प्रवेश नीति जैसी पहलों से बच्चों के स्कूल में पहुँच में सुधार हुआ, पर साथ ही बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास को समझना आवश्यक है। जाँच रिपोर्टें दिखाती हैं कि जब बच्चा सुरक्षित और सम्मानित महसूस करता है, तो उसकी सीखने की क्षमता भी बढ़ती है। इसलिए सरकार ने स्कूलों में काउंसलर नियुक्त करना, पैरेंटिंग वर्कशॉप चलाना और मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग को अनिवार्य बनाना शुरू किया है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। AI‑आधारित ऐप्स, जैसे कि माइंडफ़ुलनेस या थेरेपी चैटबॉट्स, अब मोबाइल में उपलब्ध हैं और ये स्टेज‑बाय‑स्टेज गाइडेंस देते हैं। इन ऐप्स की लोकप्रियता का कारण है उनकी तुरंत उपलब्धता, गोपनीयता और सस्ती लागत। WHO ने भी इन डिजिटल टूल्स को उचित नैदानिक परीक्षण के बाद उपयोग करने की सलाह दी है। इन विविध क्षेत्रों में दी गई पहलें इस बात को साबित करती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य नीति, सरकारी और निजी स्तर पर तैयार की गई दिशा‑निर्देश, बजट और कार्यक्रम अब सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि कार्रवाई के रूप में सामने आ रही हैं। चाहे वो खेल में फिजिकल फिटनेस के साथ मानसिक फिटनेस को जोड़ना हो, या शिक्षा में छात्र‑केंद्रित काउंसलिंग स्थापित करना—हर पहल में लक्ष्य एक ही है: स्वस्थ मन, स्वस्थ समाज।

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, आप नीचे दिए गए लेखों में देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में नई जानकारी, सफल केस स्टडी और व्यावहारिक सलाह मिलती है। चाहे आप एक खिलाड़ी हों, छात्र या माता‑पिता, या सिर्फ एक जागरूक नागरिक, यहाँ आपके लिए उपयोगी टिप्स और नवीनतम अपडेट हैं। आगे पढ़ें और समझें कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के महत्व को कैसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लागू किया जा सकता है।

डेव भूमि विश्वविद्यालय ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आपातकालीन मानसिक सेवाओं पर जोर दिया

डेव भूमि उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय ने 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आपदाओं में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच पर जोर दिया, 127 छात्र भाग ले रहे थे.

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, अक्तू॰, 11 2025