जब भी विराट कोहली की बॅटिंग में गिरावट दिखती है, फैंस तुरंत सवाल पूछते हैं – ‘क्या हुआ?’ असल में कई छोटी‑छोटी बातें मिलकर बड़ी हार बनाती हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि किन कारणों से विराट कभी‑कभी चूक जाते हैं और इनसे कैसे सीख सकते हैं।
पिछले कुछ मैचों में विराट ने कई बार अच्छा स्कोर नहीं किया। जैसे T20I में 74 रन से जीत दिलाने वाला इन्फ़्लुएंस कम दिखा और दबाव के सामने जल्दी आउट हो गया। कभी‑कभी बॉलर की लाइनिंग या पिच की तेज़ी उन्हें परेशान करती है, तो कभी खुद का शॉट चयन ठीक नहीं रहता।
एक बार जब उन्होंने 30 रन पर ही आउट किया, तो टीम को कठिन स्थिति में डाल दिया। ऐसा नहीं कि वह हर मैच में फेल होते हैं – लेकिन जब असफलता आती है, तो उसका असर पूरे इन्फ़ॉर्मेशन में दिखता है।
पहला कदम यह समझना है कि गलती एक ही चीज नहीं, बल्कि कई कारकों का संगम होती है। पिच रिपोर्ट पढ़ें, बॉलर की प्लानिंग देखें और अपनी डिफेंस को मजबूत बनाएं। दूसरा, दबाव में शांत रहना सीखें – छोटे शॉट्स से रेट्रीव करना बेहतर रहता है बजाय बड़े जोखिम वाले शॉट के।
तीसरा, टीम का समर्थन लेना जरूरी है। साथी खिलाड़ियों की सलाह या कोचिंग सत्रों में छोटी‑छोटी बातों पर ध्यान देना अक्सर बड़ा फर्क डालता है। चौथा, फिटनेस पर काम करें – तेज़ बॉलर के सामने थकान से आउट होने की संभावना बढ़ जाती है।
इन सबको मिलाकर विराट अपनी असफलताओं को कम कर सकते हैं और फिर से बल्लेबाज़ी में भरोसा बना सकते हैं। याद रखें, हर बड़े खिलाड़ी ने कभी‑न कभी गिरावट देखी है; असली बात यह है कि वह उससे कैसे उठते हैं। पढ़ने के बाद आप भी अपने खेल या किसी भी काम में इन सीखों को लागू कर सकते हैं।
तो अगली बार जब विराट की परफॉर्मेंस नीचे आए, तो सिर्फ आलोचना नहीं, बल्कि सुधार के अवसर के रूप में देखें। यही है असफलता से जीत पाने का तरीका।
भारत और आयरलैंड के बीच खेले गए टी20 वर्ल्ड कप मुकाबले में विराट कोहली केवल एक रन पर आउट हो गए। यह चेज़ में उनका आठ साल बाद पहला दुर्लभ असफलता था। 2016 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पिछली बार उन्हें चेज़ में 50 से कम रन बनाने पड़े थे। हालांकि, रोहित शर्मा और ऋषभ पंत ने शानदार प्रदर्शन किया और भारत ने आठ विकेट से जीत दर्ज की।