आपको नमस्ते! अगर आप उत्तर कोरियाई दुनिया में क्या चल रहा है जानना चाहते हैं, तो सही जगह पर आए हैं. यहाँ हम हर दिन की सबसे ज़रूरी ख़बरें एक ही जगह लाते हैं‑ चाहे वह नई मिसाइल टेस्ट हो या किम जोंग उन के बयान। पढ़िए और समझिए बिना किसी झंझट के.
पिछले हफ़्ते उत्तर कोरिया ने अपनी राजधानी में एक बड़ा सैन्य परेड आयोजित किया. इस बार दो नई टैक्टिकल मिसाइलें दिखायी गईं, जो 600 किमी तक की दूरी तक पहुंच सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ वार्ता में दबाव बनाने के लिए है.
इसी दौरान किम जोंग उन ने एक इंटरव्यू दिया जहाँ उन्होंने कहा कि "देश की सुरक्षा प्राथमिकता है" और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाई जाएगी. यह बात कई देशों को चौंका गई, क्योंकि पहले इस तरह का स्पष्ट बयान बहुत कम देखा गया था.
दक्षिण कोरिया और चीन के बीच भी नई बातचीत शुरू हुई है. दोनों पक्ष मिलकर उत्तर कोरिया के अणु कार्यक्रम पर चर्चा करना चाहते हैं, ताकि संभावित जोखिमों को कम किया जा सके. अभी तक कोई ठोस समझौता नहीं हुआ, लेकिन यह संकेत देता है कि डिप्लोमैसी का दरवाज़ा खुल रहा है.
उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था अक्सर प्रतिबंधों के कारण दबाव में रहती है. हाल ही में सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने की योजना जारी की, जिसमें नई बुआई तकनीकें अपनाई जा रही हैं. इसका लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम करना और स्थानीय भोजन सुरक्षित बनाना है.
साथ ही, उत्तर कोरिया ने चीन के साथ व्यापारिक समझौते को नवीनीकृत किया है. इस सौदे में प्रमुख रूप से कोयला और धातु की निर्यात शामिल हैं, जो दोनों देशों को आर्थिक राहत देंगे. भारतीय कंपनियों के लिए भी यह अवसर बन सकता है, क्योंकि कुछ तकनीकी उपकरणों की मांग बढ़ रही है.
वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट किया कि पिछले साल उत्तर कोरिया का जीडीपी लगभग 1% गिरा, लेकिन नई कृषि नीतियों से अगले दो वर्षों में सुधार की उम्मीद है. अगर सरकार सफलतापूर्वक उत्पादन बढ़ाए तो रोज़गार और जीवन स्तर दोनों पर असर पड़ेगा.
संक्षेप में, उत्तरी कोरिया के सामने कई चुनौतियां हैं‑ सैन्य तनाव, आर्थिक प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय दबाव. लेकिन साथ ही नई नीतियों और कूटनीतिक कदमों से बदलाव की संभावना भी दिख रही है. हम हर दिन इन सभी पहलुओं का विश्लेषण करते रहेंगे, ताकि आप हमेशा अपडेट रहें.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का आरोप है कि उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को यूक्रेन में रूसी सेनाओं के साथ लड़ने के लिए भेजा है। यह आरोप रूस और उत्तर कोरिया के बढ़ते संबंधों के बीच आया है। ज़ेलेंस्की ने अपने संबोधन में रूस के बढ़ते समर्थन के खिलाफ अधिक सामरिक समर्थन की अपील की है। दक्षिण कोरिया ने भी इस संभावना की पुष्टि की है।