पेरिस पैरालंपिक्स: क्या है खास?

क्या आपने सुना कि अगले साल पेरिस में पैरालिंपिक खेल होंगे? ये इवेंट सिर्फ एथलेटिक्स नहीं, बल्कि हर दिन की जिंदगी से लड़ते लोगों की जीत का जश्न है। यहाँ हम आपको बताते हैं कब‑कब कौन‑सा स्पोर्ट्स होगा और भारत के किसे‑किसे को देखना चाहिए।

पैरालिंपिक 2024 में 22 खेल होंगे, जिसमें एथलेटिक्स, स्विमिंग, बास्केटबॉल और टेनिस जैसे लोकप्रिय इवेंट शामिल हैं। हर स्पोर्ट्स का अपना वर्गीकरण है – जैसे व्हीलचेयर रेस, दृष्टि बाधित दौड़ या प्रोस्थेटिक धावक। इससे खिलाड़ी अपनी क्षमताओं के हिसाब से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और दर्शकों को असली रोमांच मिलता है।

खेलों का कार्यक्रम कैसे देखेंगे?

पेरिस पैरालिंपिक का शेड्यूल दो हफ्ते तक चलता है, पहले दिन उद्घाटन समारोह होता है और आख़िर में समापन भी बड़ा इवेंट रहता है। एथलेटिक्स सबसे पहले शुरू होगा, क्योंकि ट्रैक पर रेस और जम्पिंग हमेशा दर्शकों को आकर्षित करती हैं। इसके बाद स्विमिंग पूल्स, फिर साइक्लिंग स्टेडियम और अंत में बास्केटबॉल कोर्ट। अगर आप लाइव देखना चाहते हैं तो आधिकारिक टीवी चैनलों के साथ-साथ ऑनलाइन स्ट्रिमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर भी फ्री अपडेट मिलते रहेंगे।

शेड्यूल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर दिन अलग‑अलग खेल होते हैं, इसलिए आप अपने पसंदीदा इवेंट को चुन‑चुन कर देख सकते हैं। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें, रिमाइंडर सेट करें और मैच शुरू होने से पहले थोड़ा रिसर्च कर लें – इससे आपके पास टीम‑लाइनअप और टॉप प्लेयर की जानकारी होगी।

भारत के प्रत्याशी एथलीट कौन-कौन?

भारत ने पैरालिंपिक में पिछले कई बार मेडल जीतें हैं, इसलिए इस बार भी उम्मीदें बड़ी हैं। सबसे लोकप्रिय नाम है मारिया बिंदु, जो व्हीलचेयर रेसिंग में तेज़ गति और रणनीति दोनों रखती हैं। उनकी पिछली पर्फॉर्मेंस देखी तो कोई आश्चर्य नहीं – उन्होंने 2020 टोकियो पैरालिंपिक में सिल्वर जिटा था।

एक और चेहरा है अंशु वर्मा, जो दृष्टि बाधित एथलेटिक्स में लंबी दूरी की दौड़ें लगाते हैं। उनकी ट्रेनिंग रूटीन बहुत सख्त है, रोज़ सुबह 5 बजे उठकर रनिंग ट्रैक पर जाया जाता है। अगर आप उनके बारे में और पढ़ना चाहते हैं तो स्थानीय खेल समाचार साइट्स पर उनका इंटरव्यू देख सकते हैं।

बास्केटबॉल टीम में भी कुछ नए चेहरों ने जगह बनाई है। इंटरेक्टिव प्रैक्टिस सेशन के बाद, कोच ने बताया कि इस बार हम फास्ट ब्रेक और डिफेंस दोनों पर ध्यान देंगे, जिससे जीत की संभावनाएँ बढ़ेंगी।

इन एथलीटों की कहानियों में एक ही बात दोहराई जाती है – कठिनाइयों से लड़ते हुए भी वो हार नहीं मानते। यही वजह है कि पैरालिंपिक को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत माना जाता है। आप भी इन कहानियों से मोटिवेट हो सकते हैं, चाहे आप किसी भी उम्र के हों या किसी भी पेशे में काम करते हों।

तो अब तैयार हो जाइए! पेरिस पैरालिंपिक्स देखिए, अपने पसंदीदा एथलीट को सपोर्ट कीजिए और इस खेल महोत्सव का पूरा आनंद उठाइए। हर रेस, हर जंप, हर पॉइंट आपके दिल को छू जाएगा – क्योंकि ये जीत सिर्फ खिलाड़ी नहीं, हम सबकी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जेवेलिन थ्रोअर नवदीप सिंह की इच्छा पूरी करने के लिए फर्श पर बैठे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता नवदीप सिंह से मिलकर उनकी इच्छा पूरी की। नवदीप ने पीएम मोदी को एक विशेष कैप भेंट की, जिसे पहनाने के लिए प्रधानमंत्री ने फर्श पर बैठकर सादगी और आदर का उदाहरण प्रस्तुत किया। नवदीप ने 2024 पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुषों के जेवेलिन F41 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। प्रारंभिक कठिनाइयों के बाद, उनका प्रदर्शन प्रेरणादायी रहा।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, सित॰, 13 2024