पानी जनित रोग – क्या है, कैसे बचें?

हर रोज़ हम पानी पीते हैं, लेकिन अगर वो साफ न हो तो कई बीमारी हमारे दरवाज़े पर खटखटा सकती है। भारत में जलजनित रोग बहुत आम हैं और अक्सर सही जानकारी की कमी से लोग परेशानी में पड़ जाते हैं। इस लेख में मैं आपको आसान भाषा में बताऊँगा कि कौन‑कौन सी बीमारियां पानी से आती हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं और आप रोज़मर्रा की जिंदगी में कैसे बचाव कर सकते हैं।

मुख्य पानीजनित बीमारियां

सबसे पहले हम देखते हैं वो रोग जो अक्सर सुनते‑सुनाते थक गए हैं:

  • डायरीया (वॉटरबर्न) – पेट में ऐंठन, दस्त और उल्टी। आमतौर पर असंतुलित जल या बिखरे हुए बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • टाइफ़ॉयड – तेज़ बुखार, थकान, सिरदर्द और पेट में दर्द। टाइफ़ॉइड बैक्टेरिया अक्सर दूषित पानी से फैलता है।
  • हेपेटाइटिस ए – जिगर को नुकसान पहुंचाता है, यकृत की सूजन और पीला रंग का पेशाब बनना आम लक्षण हैं।
  • कोलेरा – बहुत तेज़ दस्त और डिहाइड्रेशन। अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो जीवन‑घातक हो सकता है।
  • डेंगू और मलेरिया नहीं, पर जलजनित ज्वर (जैसे लेप्टोस्पायरोसिस) – बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द। यह रोग भी गंदे पानी से हो सकता है।

इनमें से कई बीमारियां एक ही कारण यानी खराब पानी की वजह से होती हैं, इसलिए रोकथाम के उपाय भी काफी हद तक समान होते हैं।

रोकथाम के आसान कदम

अब बात करते हैं कि आप अपने और परिवार को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं:

  • उबलता पानी ही पीएँ – कम से कम 5 मिनट तक उबालने से अधिकांश बैक्टीरिया मार जाते हैं।
  • फिल्टर या शुद्धिकरण किट का उपयोग करें – घर में RO, UV या सिम्पल कर्डर फिल्टर लगवाएँ। सही तरीके से पानी संग्रहीत करें – ढक्कन वाला साफ कंटेनर रखें, खुले में नहीं।
  • हाथ धोना न भूलें – खाने‑पीने या शौचालय के बाद साबुन और पानी से 20 सेकंड तक हाथ धुलें।
  • सफाई पर ध्यान दें – घर, स्कूल और सार्वजनिक जगहों में साफ़-सफ़ाई रखें, विशेषकर टॉयलेट और नल के आसपास।
  • समुदाय में जागरूकता फैलाएँ – पड़ोस में पानी की गुणवत्ता जांचें, अगर समस्या दिखे तो स्थानीय निकाय को रिपोर्ट करें।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप बड़ी बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक घटा सकते हैं। याद रखें कि बीमारी का इलाज करना महँगा पड़ता है, बचाव सस्ता और आसान है।

अगर आपको लगता है कि आपके घर का पानी अभी भी सुरक्षित नहीं है, तो तुरंत स्थानीय जल बोर्ड या स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें। अक्सर वे मुफ्त में परीक्षण कराते हैं और सुधार के उपाय बताते हैं।

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द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जून, 8 2025