Natarajan Chandrasekaran – भारतीय व्यापार में नेतृत्व और बदलाव

जब आप भारत के सबसे बड़े उद्योगी नेताओं में से एक के बारे में सोचते हैं, तो Natarajan Chandrasekaran, टाटा समूह के चेज़मन और एक प्रमुख कॉर्पोरेट रणनीतिकार. Also known as टीसीएसी, वह अपनी तेज़ सोच और डिजिटल‑पहले एप्रोच से कंपनियों को नई दिशा देता है। Natarajan Chandrasekaran ने भारत के व्यापारिक परिदृश्य को पुनः आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यही कारण है कि आज आप यहाँ उनके बारे में गहराई से पढ़ेंगे।

टाटा समूह के साथ उनका सफ़र

Tata Group, भारत की सबसे पुरानी और बहु‑राष्ट्रीय कंपनियों की संगठित समूह. Alternate name: टाटा समूह को 2022 में Natarajan Chandrasekarन ने नई ऊर्जा दी। उन्होंने ‘डिजिटल‑ड्रिवन’ रणनीति अपनाई, जिससे समूह के लगभग 30% कारोबार में तकनीकी उन्नति जुड़ी। इस बदलाव ने टाटा की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाया, जिससे उपभोक्ता और निवेशक दोनों को लाभ मिला। यहाँ तक कि टाटा के छोटे‑स्ट्रक्चर, जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ने भी क्लाउड‑आधारित प्लेटफ़ॉर्म को अपनाकर ऑपरेशनल लागत घटाई।

इस प्रक्रिया में एक प्रमुख तत्व कॉर्पोरेट गवर्नेंस, कंपनी के निर्णय‑प्रक्रिया, बोर्ड संरचना और नैतिक मानकों की व्यवस्था. Alternate name: शासन‑प्रणाली रहा। Natarajan Chandrasekaran ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड की संरचना को दोहराया, स्वतंत्र सदस्यत्व को प्रोत्साहित किया और ESG (पर्यावरण‑समाज‑गवर्नेंस) पहल को मुख्य एजेंडा में रखा। इस सुधार ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया और कई अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों से बेहतर स्कोर हासिल कराया।

इन दो प्राथमिक घटकों—Tata Group और कॉर्पोरेट गवर्नेंस—के बीच संबंध को समझना आसान है: Natarajan Chandrasekarन ने कहा था, “एक मजबूत शासन संरचना के बिना डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन अधूरा है”। इस किस्म की साक्षी हमें अगले विषय में मिलती है—डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन।

डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन की गति

डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन, प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यापार प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं का पुनः‑डिज़ाइन. Alternate name: डिजिटलीकरण ने Natarajan के नेतृत्व में तेज़ी पकड़ी। उन्होंने क्लाउड, AI और बड़े डेटा को अपनाकर टाटा की सप्लाई चेन और ग्राहक संपर्क बिंदुओं को स्वचालित किया। परिणामस्वरूप, ऑर्डर प्रोसेसिंग समय 40% तक घटा और ग्राहक संतुष्टि स्कोर में 15% की उछाल आई। यह बदलाव केवल टाटा के भीतर ही नहीं, बल्कि पूरी भारतीय उद्योग में ‘डिजिटलीकरण’ को एक मानक बन गया।

इन पहलुओं के बीच कई तार्किक कनेक्शन बनते हैं: Natarajan Chandrasekarन ने Tata Group को डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन की दिशा में ले जाया, कॉर्पोरेट गवर्नेंस में सुधार इस यात्रा को भरोसेमंद बनाता है, और भारतीय उद्योगों को यह मॉडल अपनाने से फायदा होगा। ये सब मिलकर एक बड़े परिदृश्य को तैयार करते हैं जहाँ भारत की प्रमुख कंपनियाँ स्थायी विकास और नवाचार के साथ आगे बढ़ेंगी।

अब आप इस पेज पर नीचे सूचीबद्ध लेखों में पढ़ेंगे कि कैसे Natarajan Chandrasekarन ने विभिन्न क्षेत्रों—सेवा, विनिर्माण, बीमा और स्टार्ट‑अप—को प्रभावित किया है। उनके विचारों की गहराई, निर्णय‑प्रक्रिया और भविष्य की दिशा को समझते हुए आप भारत के व्यापारिक भविष्य की एक स्पष्ट तस्वीर बना पाएँगे। आगे के लेख आपको उनके कार्य‑शैली, रणनीतिक चुनौतियों और सफलता की कहानियों से परिचित करेंगे, जिससे आपका व्यापार या करियर भी नई दिशा ले सकता है।

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द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, अक्तू॰, 14 2025