क्या आप अक्सर थकान, बेचैनी या नींद न आने की शिकायत करते हैं? ये सब संकेत हो सकते हैं कि आपका मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं – थोड़े‑से बदलावों से दिमाग को फिर से ताज़ा किया जा सकता है। इस लेख में हम रोज़मर्रा के ऐसे आसान उपाय बताएँगे जो तनाव घटाएँ, मूड बेहतर बनाए और आप खुद को ज़्यादा ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे.
नींद मन की सबसे बड़ी रीसेट बटन है। हर रात 7‑8 घंटे की गहरी नींद आपके दिमाग को यादों को व्यवस्थित करने, भावनाओं को स्थिर रखने और तनाव हार्मोन घटाने में मदद करती है। सोने से एक घंटे पहले मोबाइल या टीवी बंद कर दें, हल्की स्ट्रेचिंग करें और अगर संभव हो तो कमरे का तापमान 20‑22 °C रखें. ये छोटे‑छोटे कदम नींद की क्वालिटी बढ़ाते हैं और सुबह उठते ही आप तरोताज़ा महसूस करेंगे.
काम या पढ़ाई के बीच लगातार बैठना दिमाग को थका देता है। हर 45‑60 मिनट पर 5‑10 मिनट की ब्रेक लें – खिड़की खोलें, थोड़ा टहलें या गहरी साँसों का अभ्यास करें. ‘4-7-8’ ब्रीदिंग (4 सेकंड इनहेल, 7 सेकंड होल्ड, 8 सेकंड एक्सहेल) सिर्फ दो मिनट में तनाव हार्मोन को कम करती है और फोकस बढ़ाती है। इस आदत को अपनाने से आपका कार्य‑क्षमता भी दोगुनी होगी.
अब बात करते हैं कुछ खाने‑पीने की चीज़ों की, जो सीधे मन के मूड पर असर डालती हैं. बोरन वाली डाइट से बचें और प्रोटीन, ओमेगा‑3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स वाले फूड चुनें – जैसे मछली, अखरोट, बीज, पालक, ब्लूबेरी. इनमें मौजूद पोषक तत्व दिमाग के न्यूरॉन को स्वस्थ रखे हुए होते हैं, जिससे याददाश्त तेज़ होती है और डिप्रेशन का जोखिम घटता है.
सोशल मीडिया पर समय बिताना अब आम हो गया है, लेकिन बहुत अधिक स्क्रॉलिंग से असुरक्षा और तुलना की भावना बढ़ सकती है. दिन में एक‑दो घंटे के लिमिट तय करें, फ़ीड को उन पेज़ों तक सीमित रखें जो आपको प्रेरित करते हैं – जैसे योगा चैनल, सकारात्मक उद्धरण या मानसिक स्वास्थ्य टिप्स वाले अकाउंट। इससे आपका मस्तिष्क नकारात्मक जानकारी से ओवरलोड नहीं होगा.
अगर आप किसी बड़ी समस्या या लगातार उदास महसूस कर रहे हैं, तो पेशेवर मदद लेना बिल्कुल ठीक है. काउंसलर या थेरेपिस्ट आपके विचारों को व्यवस्थित करने में मदद करेंगे और व्यावहारिक रणनीतियाँ देंगे। याद रखें – मदद माँगना कमजोरी नहीं, बल्कि आत्म‑देखभाल का हिस्सा है.
आख़िर में, खुद से छोटे‑छोटे सकारात्मक रिवॉर्ड्स देना न भूलें. कोई नया शौक शुरू करें, जैसे पेंटिंग या बागवानी; ये एक्टिविटीज दिमाग को रिचार्ज करती हैं और खुशी का हार्मोन डोपामिन रिलीज़ करती हैं। हर हफ़्ते एक छोटा लक्ष्य रखें – चाहे 10‑मिनट की मेडिटेशन हो या सुबह जल्दी उठकर सूरज देखना. छोटे‑छोटे जीतें बड़ी परिवर्तन लाती हैं.
इन सरल कदमों को धीरे‑धीरे अपनी रूटीन में जोड़ें, और आप खुद में फर्क महसूस करेंगे। तनाव कम होगा, ऊर्जा बढ़ेगी और सबसे ज़रूरी बात – आपका मन खुश रहेगा. शिन्दे आमवाले पर पढ़ते रहिए, हम आपको रोज़मर्रा की ख़बरों के साथ-साथ स्वास्थ्य‑सेहत की नई-नई बातें लाते रहेंगे.
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