पिक्सार फिल्म 'इनसाइड आउट 2' में नए पात्र 'एंग्जायटी' की वजह से मुझे मिलती है गहरी जुड़ाव

पिक्सार की नई फिल्म 'इनसाइड आउट 2'

जब बात आती है फिल्म 'इनसाइड आउट 2' की, तो यह पिक्सार की पुरानी फिल्म 'इनसाइड आउट' का सीक्वल है। पहले फिल्म ने राइली के युवा दिनों के भावनात्मक संघर्ष को दर्शाया था और अब नई फिल्म में हम उसे 13 साल की एक किशोरी के रूप में देखते हैं, जो नए और जटिल भावनाओं से जूझ रही है।

एंग्जायटी की बढ़ती भूमिका

इस फिल्म में एक नई भावना के रूप में एंग्जायटी को दर्शाया गया है, जो नोआ बर्लात्सकी के अनुसार, किशोरावस्था के आने वाले नए अनुभवों को बहुत सही तरीके से प्रस्तुत करता है। इस किरदार को माया हॉके ने अपनी आवाज दी है।

नोहा बर्लात्सकी का अनुभव

नोहा बर्लात्सकी, शिकागो के एक फ्रीलांस लेखक, ने इस फिल्म के माध्यम से अपनी एंग्जायटी के अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे एंग्जायटी एक समय में उन्हें प्रोडक्टिव बनाए रखती है, जिससे वह डेडलाइन्स पूरी कर पाते हैं, लेकिन दूसरी ओर यह उन्हें नींद में खलल डालती है। राइली की तरह, नोहा ने महसूस किया है कि एंग्जायटी कभी-कभी उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्सों से उन्हें दूर कर देती है, जिससे उनका आत्मविश्वास और कोर वैल्यूज़ भी प्रभावित होती हैं।

राइली की कहानी और एंग्जायटी

राइली की कहानी और एंग्जायटी

फिल्म में, राइली को उसकी एंग्जायटी अपने अधीन कर लेती है, जिससे वह अपनी कोर वैल्यूज़ और आत्मविश्वास खो देती है। इससे वह अनिश्चित, अप्रिय, और कभी-कभी खतरनाक भी हो जाती है। नोहा इस बात को मानते हैं कि एंग्जायटी के नकारात्मक पक्ष के बावजूद, यह चिंता का एक रूप भी हो सकता है, जो हमें संभावित असफलताओं के बारे में सोचने, और उन्हें पार करने की रणनीतियाँ बनाने में मदद करता है।

एंग्जायटी को अपनाना

क्या एंग्जायटी से जूझने वाले लोगों के लिए इसे पूरी तरह से नकारात्मक समझा जा सकता है? शायद नहीं। नोहा ने इस बारे में चर्चा की कि कैसे वह एंग्जायटी को स्वीकार करते हैं, जानते हुए भी कि यह उनकी पहचान का एक हिस्सा है। इसी तरह, फिल्म में राइली भी अपनी एंग्जायटी को समझते हुए यह स्वीकार करती है कि यह हमेशा बुरा नहीं है। कभी-कभी, एक बुरी भावना की जगह एक मैनेजेबल भावना ले सकती है।

एंग्जायटी और उत्पादकता

एंग्जायटी और उत्पादकता

नोहा बताते हैं कि एंग्जायटी की वजह से वह समय पर अपने काम को पूरा कर पाते हैं, और यह उनकी उत्पादकता को बढ़ाती है। एंग्जायटी की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने की आदत उन्हें समय पर काम पूरा करने और समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है। इसलिए, एंग्जायटी को पूर्णतः खराब कहना शायद गलत होगा।

एंग्जायटी के साथ जूझना

हालांकि, जब एंग्जायटी बेकाबू हो जाती है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। नोहा ने बताया कि कभी-कभी एंग्जायटी उनकी नींद में खलल डालती है और यह एक बड़ी समस्या हो सकती है। लेकिन इसके साथ ही, यह एक प्रकार की देखभाल भी हो सकती है, जिससे व्यक्ति संभावित खतरों का सामना कर सकता है।

एंग्जायटी को कैसे संभालें

एंग्जायटी को कैसे संभालें

एंग्जायटी को पहचानना और समझना महत्वपूर्ण है। इसके लिए पहला कदम यह है कि इसे स्वीकार करें और इसके नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलुओं को समझें। जैसे कि राइली ने किया, हमें भी इसके साथ जीना सीखना होगा, ताकि यह हमारी पहचान का हिस्सा बन सके और हमें बेहतर बना सके।

ऐसा क्या किया जा सकता है?

रईलत्व और आत्म-समझ के परिप्रेक्ष्य से, किसी पेशेवर से सहायता लेना, अपने अनुभवों को साझा करना और उनके समाधान ढूंढ़ने का प्रयास करना महत्वपूर्ण हो सकता है।

नीरजा कौल

नीरजा कौल

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।