कोचिंग से कैसे बनें टॉपपरिणामकर्ता? आसान कदम यहाँ पढ़ें

कोचिंग का नाम सुनते ही दिमाग में अक्सर कक्षा, नोट्स और टेस्ट की तस्वीरें बनती हैं। लेकिन असली बात यह है कि सही कोचिंग चुनना और उसे सही तरह से इस्तेमाल करना ही सफलता का राज़ है। अगर आप PTET, B.Ed या किसी competitive exam की तैयारी कर रहे हैं, तो ये गाइड आपके लिए है।

कोचिंग चुनते समय किन चीज़ों पर ध्यान दें?

सबसे पहली बात – फीचर और परिणाम। कोई भी कोचिंग बिना ट्रैक रिकॉर्ड के नहीं चलती। पिछले साल के टॉपर की लिस्ट देखिए, उनका स्कोर और पास रेटिंग देखें। दूसरा, फैसिलिटी। अगर आप ऑनलाइन पढ़ते हैं तो प्लेटफ़ॉर्म की स्टेबिलिटी, रेकॉर्डेड लेक्चर और डाउन्लोडेबल नोट्स जरूरी हैं। फिजिकल कोचिंग में क्लासरूम का माहौल, फॉलो‑अप टेस्ट और डबल‑डेस्क्रीशन वाले टीचर मददगार होते हैं।

कोचिंग में पढ़ाई को अधिक असरदार बनाने के टिप्स

कोचिंग में दाखिला लेकर आप कक्षा में बैठते ही आराम से नोट्स ले सकते हैं, लेकिन इससे आगे बढ़ना जरूरी है।
1. टाइम‑टेबल बनाएं – हर दिन की पढ़ाई को 45‑15 नियम (45 मिनट पढ़ें, 15 मिनट ब्रेक) में बाँटें।
2. स्वयं‑टेस्ट – कोचिंग के लेक्चर के बाद तुरंत वही दिन का क्विज़ हल करें। इससे याददाश्त तेज़ होती है।
3. डबल रिव्यू – एक हफ़्ते में दो बार वही नोट्स पढ़ें, एक बार समझें, दूसरा बार सवाल‑जवाब के साथ।
4. ग्रुप डिसकशन – ऑनलाइन फ़ोरम या क्लास के साथियों के साथ टॉपिक पर चर्चा करने से नई दृष्टि मिलती है।

एक और अहम बात है सही सामग्री का चयन। कोचिंग के काउंटर पर मिलने वाले बुकलेट्स अक्सर सिलेबस के साथ नहीं मिलते। NCERT, सरकारी सिलेबस और पिछले साल के प्रश्नपत्र सबसे भरोसेमंद होते हैं। इन्हें कोचिंग की वीडियो लेक्चर के साथ मिलाकर पढ़ें।

अगर आप PTET की तैयारी कर रहे हैं तो वेरिफ़ाइड मैटेरियल और समय‑बाउंड मॉक टेस्ट सबसे ज़्यादा फायदेमंद हैं। B.Ed के aspirants को शैक्षिक मनोविज्ञान और शिक्षण पद्धति पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ये सेक्शन अक्सर इंटरव्यू में पूछे जाते हैं।

ऑनलाइन कोचिंग के फायदे भी दिलचस्प हैं – आप कभी भी रीलैप कर सकते हैं, बीनिंग के बाद भी सीख सकते हैं और ऐप में रियल‑टाइम क्वेरी भी पूछ सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से थकावट बढ़ सकती है, इसलिए दिन में दो‑तीन घंटे से अधिक नहीं पढ़ें।

अंत में, सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है निरंतरता। एक दिन में बहुत पढ़कर थक जाना बेहतर है कि रोज़ 1‑2 घंटे की स्थिर पढ़ाई से आपका ब्रेस्ट बनता रहे। खुद को प्रेरित रखें, छोटे‑छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें हासिल करने पर खुद को प्रशंसा दें। कोचिंग सिर्फ एक ढांचा है, असली जीत आपके ख़ुद के प्रयास में है।

गौतम गंभीर ने कहा, विराट कोहली के साथ मेरा रिश्ता सार्वजनिक नहीं, निजी मुद्दा

भारत के नए हेड कोच, गौतम गंभीर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि विराट कोहली के साथ उनका रिश्ता व्यक्तिगत है और सार्वजनिक नहीं। उन्होंने विराट को एक उत्कृष्ट खिलाड़ी बताते हुए उनके प्रति अपना सम्मान जाहिर किया। गंभीर ने यह भी कहा कि वे और कोहली मिलकर भारत को गौरवान्वित करेंगे।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जुल॰, 23 2024