गौतम गंभीर का बयान: व्यक्तिगत रिश्तों पर चर्चा से बचें
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच नियुक्त किए गए गौतम गंभीर ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्टीकरण दिया कि विराट कोहली के साथ उनका रिश्ता पूरी तरह से व्यक्तिगत है और इसे सार्वजनिक तौर पर चर्चा का विषय नहीं बनाना चाहिए। गंभीर ने दो टूक कहा कि किसी भी इंसान के निजी रिश्ते उसके और संबंधित व्यक्ति के बीच होते हैं और यह उचित नहीं होगा कि उन्हें सार्वजनिक किया जाए।
कोहली और गंभीर का पेशेवर तालमेल
गंभीर ने यह भी स्पष्ट किया कि कोच और खिलाड़ी के रूप में उनका और विराट का तालमेल भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आपसी झड़पें और विवाद प्रमुख सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन गंभीर ने इस पर ध्यान नहीं देने की सलाह दी। उनका कहना है कि उनके बीच वही रिश्ता है जो दो पेशेवरों के बीच होता है।
कोहली का बयान: निजी मामले पर प्रतिक्रिया
गौतम गंभीर ने यह भी याद दिलाया कि कुछ समय पहले ही विराट कोहली ने भी सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनके और गंभीर के बीच की झड़पें मीडिया हेडलाइंस बनने के लिए नहीं होती हैं। कोहली ने यह भी कहा कि गंभीर के साथ उनके सभी मसले व्यक्तिगत हैं और उन्हें निजी ही रखा जाए। यह बयान गौतम गंभीर के उस वक्तव्य के बाद आया था जिसमें उन्होंने विराट को एक बेहतरीन खिलाड़ी बताया था।
रोहित और कोहली में भरोसा
गंभीर ने रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों पर अपना भरोसा जताया है। गंभीर का मानना है कि ये दोनों खिलाड़ी अभी भी अपने करियर के शिखर पर हैं और भारतीय टीम में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि थोड़ी सी समझदारी और मेहनत से ये दोनों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट को नई ऊचाइयों पर लेकर जा सकते हैं।
खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट पर जोर
गौर करना होगा कि गंभीर ने अपने बयान में जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर विशेष जोर दिया। उनका कहना है कि आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ियों की फिटनेस और उनकी कार्यक्षमता का सही से ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि बुमराह जैसे खिलाड़ी, जो कि भारतीय टीम के प्रमुख सदस्य हैं, उन्हें इस तरह मैनेज करना चाहिए ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकें और लंबे समय तक टीम के लिए खेल सकें।
भारत को गौरवान्वित करने का संकल्प
गंभीर ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य भारतीय क्रिकेट टीम को सफल बनाना है, और इसके लिए वे और विराट कोहली पूरी मेहनत से संयुक्त प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सभी व्यक्तिगत मतभेद एक तरफ रखते हुए, टीम के हित में एकजुट होकर काम करना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है। गंभीर ने यह भी कहा कि हर खिलाड़ी का योगदान महत्वपूर्ण होता है और सबको मिल-जुल कर टीम को आगे ले जाना होगा।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय क्रिकेट की नयी कोचिंग टीम किस तरह से इन सभी पहलुओं का समावेश करके टीम को सफल बनाने में कामयाब होती है। गौतम गंभीर और विराट कोहली का पेशेवर रिश्ता और उनका मिलकर काम करने का संकल्प निश्चित ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए सकारात्मक संकेत होंगे।
Leo Ware
रिश्ते निजी होते हैं, बाहर की चर्चा बेकार है।
Vikas Rajpurohit
अरे भाई ये सब नाटक है! 🤡 गंभीर और कोहली के बीच तो आग लगी हुई है, बस अब मीडिया के लिए फेक शांति बना रहे हैं। ये दोनों एक दूसरे के लिए अभी भी जल रहे हैं, बस अब टीम के नाम पर ढक रहे हैं। भारत को जीतना है तो असली बातें बोलो, नहीं तो ये फेक नेक्स्ट वर्ल्ड कप भी फेल हो जाएगा! 😤
Nandini Rawal
बुमराह का वर्कलोड तो असली समस्या है। उन्हें आराम दो, वरना अगले साल भी नहीं खेल पाएंगे।
Himanshu Tyagi
गंभीर का बयान बिल्कुल सही है। खिलाड़ियों के बीच के निजी मुद्दे सार्वजनिक नहीं होने चाहिए। ये बातें टीम के लिए नुकसानदेह होती हैं। अगर दोनों एक दूसरे के साथ काम कर सकते हैं, तो बाकी की चर्चा बंद कर दो। टीम की जीत के लिए ये जरूरी है।
Ranjani Sridharan
kyaa baaat hai yeh?? gautam aur virat ka rishta kyu public krna chahate hain?? kya hum log unke ghar ke andar bhi jaa sakte hain?? 😅 sabko apna apna space dena chahiye.. aur bhaiya.. yeh sabhi coaching wale log bhi ekdum sahi baat karte hain.. phir bhi match khatam hone ke baad sab kuch phir se chaos me..
sandhya jain
इस बात पर गहराई से सोचना चाहिए कि क्या हम अपने खिलाड़ियों को इंसान मानते हैं या सिर्फ एक उपकरण? गंभीर और कोहली दोनों अपने अपने तरीके से भारत के लिए खेल रहे हैं। उनके बीच की तनावपूर्ण बातचीत शायद उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है, लेकिन उनका लक्ष्य एक ही है - भारत को जीत दिलाना। हमें इन दोनों को अपने तरीके से खेलने देना चाहिए। उनकी भावनाओं का सम्मान करें, उनके बीच की खाई को नहीं बढ़ाएं। ये टीम के लिए अधिक महत्वपूर्ण है कि वे एक साथ काम करें, न कि हम उनके बीच के छोटे-छोटे विवादों को बड़ा बनाएं। अगर हम इन खिलाड़ियों को इंसान के रूप में देखेंगे, तो उनकी भावनाओं का सम्मान होगा, और उनकी भावनाएं टीम के लिए एक शक्ति बन जाएंगी।
Sujit Ghosh
ये दोनों अपनी जगह पर हैं, लेकिन अगर वो अपने बीच के झगड़े छुपा रहे हैं तो भारत का क्रिकेट बर्बाद हो रहा है! 🇮🇳 ये लोग तो बस टीवी पर अच्छे बनने की कोशिश कर रहे हैं। बुमराह को आराम दो वरना वो भी टीम से चले जाएंगे। हमें असली चीज़ दिखाओ, न कि फेक नेक्स्ट वर्ल्ड कप के लिए नाटक!
Shriya Prasad
बुमराह के लिए वर्कलोड मैनेजमेंट सबसे जरूरी है। उनकी फिटनेस ही टीम की जान है।
Anupam Sood
ये सब बकवास है भाई... गंभीर ने जो कहा वो सब बकवास है... विराट के साथ उनका रिश्ता तो पहले से ही खराब है... बस अब फेक नेक्स्ट वर्ल्ड कप के लिए नाटक कर रहे हैं... असली मुद्दा तो ये है कि कोई भी टीम में दो बड़े लीडर नहीं हो सकते... ये दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं... और हम लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं... बस अपने घर बैठे टीवी देखो और चुप रहो... 😒
Nishu Sharma
गौतम ने बहुत सही कहा कि खिलाड़ियों के बीच के निजी मुद्दे सार्वजनिक नहीं होने चाहिए लेकिन अगर इस तरह के बयान देकर भी लोगों को ये लग रहा है कि दोनों के बीच तनाव है तो फिर ये बयान किस फायदे का है? बुमराह के लिए वर्कलोड मैनेजमेंट बहुत जरूरी है वो तो टीम की जान है अगर वो बीच में बीमार पड़ गए तो कौन गेंदबाजी करेगा? रोहित और कोहली अभी भी शीर्ष पर हैं लेकिन उनका बैटिंग ऑर्डर बदलने की जरूरत है अगर वो दोनों एक साथ बल्लेबाजी करेंगे तो टीम को बहुत फायदा होगा और गंभीर को चाहिए कि वो खिलाड़ियों के साथ अपनी बात खुलकर बोलें न कि मीडिया के सामने बयान दें ताकि लोग उनकी बात को बड़ा बना दें
Shailendra Soni
मैंने कभी नहीं सोचा था कि गंभीर और कोहली के बीच का रिश्ता इतना जटिल होगा... लेकिन अगर वो दोनों टीम के लिए काम कर रहे हैं, तो शायद इसका असली मतलब यही है कि उनकी व्यक्तिगत बातें अब टीम के लिए नहीं, बल्कि टीम के लिए खत्म हो चुकी हैं।
Balaji T
यह बयान अत्यंत अनुशासनपूर्ण और पेशेवर दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। गौतम गंभीर ने व्यक्तिगत रिश्तों के सार्वजनिक रूपांतरण के विरुद्ध एक नैतिक और नैतिक आधार पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है, जो आधुनिक खेल व्यवस्था के लिए एक उचित और आदर्श मानक स्थापित करता है। इस तरह के दृष्टिकोण को अन्य खेलों में भी अपनाया जाना चाहिए।