क्या आप जानते हैं कि गुरुपुरब सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि सिख इतिहास की सबसे बड़ी जीत का जश्न है? हर साल नवाबीनंद गुरु ग्रंथ साहिब जी को स्थापित करने की तारीख पर मनाया जाता है। यह दिन सिखों के लिए सम्मान और आत्म‑विश्वास का प्रतीक है, इसलिए इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं।
1706 में महाराजा रंजीत सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब को पवित्र पुस्तक बना कर सिखों को दी थी। उसी दिन से ही नवाबीनंद गुरुपरब शुरू हुआ। इस अवसर पर शहीद सिपहियों की वीरता, गुरु नानक और उनके उत्तराधिकारियों के संदेश याद किए जाते हैं। कई साल पहले लोग बस जत्रा‑भजन करते थे, पर अब ये त्यौहार बड़े पैमाने पर आयोजित होते हैं – पंगतियां, कड़ी‑पाठ, लंगर (समुदायिक भोजन) और शहीद स्मृति समारोह होते हैं।
आजकल लोग घर से बाहर नहीं निकलते तो ऑनलाइन जत्रा देखते हैं या सोशल मीडिया पर गाने शेयर करते हैं। अगर आप बड़े सभा की योजना बना रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें:
अगर आप व्यक्तिगत रूप से मनाना चाहते हैं, तो सुबह उठ कर गुरु ग्रंथ साहिब का पाथ पढ़ें, फिर परिवार के साथ लंगर में दाल‑चावल बनाकर सबको खिलाएँ। छोटे बच्चे को सिख इतिहास की कहानी सुनाते समय सरल भाषा में बताइए – इससे उनका जुड़ाव बढ़ेगा।
गुरुपुरब सिर्फ एक दिन नहीं, यह सिखों का आत्म‑सम्मान और एकजुटता का संदेश है। चाहे आप बड़े सभा कर रहे हों या घर में छोटा सा जत्रा, इस त्यौहार को दिल से मनाएँ और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें।
अगले साल के गुरुपुरब की तैयारी अभी शुरू हो सकती है – आज ही योजना बनाइए और इस पवित्र दिन को यादगार बनाइए।
गुरु नानक जयंती 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी और यह सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन का उत्सव है। इस पवित्र दिन को दुनिया भर में विभिन्न धार्मिक रस्मों और सेवाओं के माध्यम से मनाया जाता है। इस मौके पर लोग उत्सव मनाने के लिए शुभकामनाएँ, संदेश, और उद्धरण साझा करते हैं।