ब्रिक्स सम्मेलन – क्यों है यह इतना खास?

आपने शायद कई बार समाचारों में "ब्रिक्स सम्मेलन" का जिक्र सुना होगा, लेकिन असल में ये क्या होता है? ब्रिक्स (BRICS) पाँच बड़े उभरते देशों—ब्राज़िल, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—का समूह है। हर साल इनकी मुलाक़ात होती है जहाँ व्यापार, निवेश, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है।

सरल शब्दों में कहें तो, ब्रिक्स का लक्ष्य एक ऐसी मंच तैयार करना है जहाँ ये देश आपस में सहयोग कर सकें, विकास के नए रास्ते खोज सकें और वैश्विक नीतियों को प्रभावित कर सकें। अगर आप सोच रहे हैं कि यह आपके रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से कैसे जुड़ता है – तो समझिए कि इन देशों के बीच हुए व्यापार सौदे अक्सर हमारे बाजार में नई चीज़ों, बेहतर कीमतों या नई नौकरीयों का कारण बनते हैं।

ब्रिक्स सम्मेलन का महत्व

पहला बड़ा फायदा यह है कि ये मंच विकसित और विकासशील economies को बराबर की बड़ाई देता है। अक्सर अंतरराष्ट्रीय फ़ोरम में केवल पश्चिमी देशों की आवाज़ सुनाई देती है, लेकिन ब्रिक्स में भारत जैसे बड़े जनसंख्या वाले देश अपनी राय रख सकते हैं। इससे वैश्विक निर्णय अधिक संतुलित होते हैं।

दूसरा, आर्थिक सहयोग के जरिए सदस्य देश एक‑दूसरे को निवेश का अवसर देते हैं। उदाहरण के तौर पर, चीन और भारत की कंपनियां बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) प्रोजेक्ट्स में साथ मिलकर काम करती हैं, जिससे दोनों देशों में नई नौकरियों का सृजन होता है।

तीसरा, तकनीकी सहयोग भी बढ़ता है। ब्रिक्स के विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी फोरम में अक्सर नयी ऊर्जा स्रोत, डिजिटल भुगतान प्रणाली और स्वास्थ्य‑सेवा पर चर्चा होती है। यह जानकारी छोटे‑बड़े उद्यमियों को नई संभावनाएँ देती है।

भारत की हालिया भागीदारी

2024 के ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने कई अहम पहलें पेश कीं। सबसे प्रमुख थी "डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड" – जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में हाई‑स्पीड इंटरनेट ले आना है। यह कदम किसानों और छोटे व्यापारीयों को ऑनलाइन मार्केट तक पहुँचाने में मदद करेगा।

इसके अलावा, भारत ने ऊर्जा सुरक्षा पर एक नया समझौता किया। इस समझौते से सदस्य देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने का तरीका आसान हो गया है, जिससे कोयले‑पर‑निर्भरता घटेगी और पर्यावरण भी सुधरेगा।

ब्रिक्स में भारत की भूमिका सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक पहलू में भी दिखी। स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक "साझा वैक्सीन रिसर्च प्रोग्राम" लॉन्च किया गया, जिसमें भारतीय वैज्ञानिकों ने बायोटेक्नोलॉजी में अपने अनुभव को साझा किया। इससे भविष्य में महामारी‑जैसे संकट से निपटना आसान होगा।

अगर आप छोटे व्यवसायी हैं तो इन पहलों का सीधा असर आपके ऊपर पड़ सकता है। डिजिटल फंड के कारण आपका ऑनलाइन बिक्री प्लेटफ़ॉर्म तेज़ और सस्ता हो सकता है, जबकि ऊर्जा समझौता आपकी उत्पादन लागत को कम कर सकता है। इसलिए ब्रिक्स सम्मेलन सिर्फ बड़े देशों की मीटिंग नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए भी अवसर पैदा करता है।

समापन में कहें तो ब्रिक्स सम्मेलन हर साल नई संभावनाओं का द्वार खोलता है। भारत की सक्रिय भागीदारी इसे और मजबूत बनाती है, जिससे वैश्विक स्तर पर आर्थिक संतुलन और विकास दोनों ही बढ़ते हैं। अब सवाल यह नहीं कि इस मंच से क्या लाभ हो सकता है, बल्कि कैसे आप इन बदलावों को अपने जीवन या व्यवसाय में उतारा सकते हैं, यही असली बात है।

ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी: भारत के लिए महत्वपूर्ण बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान शहर पहुंचे हैं। इस मंच पर ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ चार नए सदस्यों, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात की मौजूदगी देखी जाएगी। भारत के लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है, जहां मोदी चीन और रूस के राष्ट्रपतियों से मुलाकात करेंगे।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, अक्तू॰, 23 2024