अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो "बोनस इश्यू" नाम सुनकर थक सकते हैं. दरअसल, यह एक ऐसा तरीका है जिससे कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर देती है। इससे आपका पोर्टफोलियो बढ़ता है और अक्सर शेयर की कीमत भी स्थिर रहती है.
कंपनी के पास दो मुख्य कारण होते हैं:
1. कंपनी घोषणा करती है: बोर्ड मीटिंग में तय करके शेयरधारकों को नोटिस भेजा जाता है कि बोनस इश्यू कब और कितने अनुपात में होगा (जैसे 1:2, 1:5)।
2. रिकॉर्ड डेट सेट होती है: इस तारीख के बाद जिनके पास शेयर होते हैं, वही मुफ्त शेयर पाते हैं.
3. शेयर अलॉटमेंट: कंपनी अपने रजिस्टर में नए शेयर जोड़ देती है और आपके ट्रेडिंग अकाउंट में दिखता है.
4. ट्रेडिंग शुरू: बोनस शेयरों को आप तुरंत बेच सकते हैं, लेकिन अक्सर लोग इन्हें रख लेते हैं क्योंकि कीमत गिरने की संभावना कम होती है.
फायदे:
सावधानियां:
तो, जब भी किसी कंपनी का बोनस इश्यू घोषित हो, सबसे पहले उसके कारण और फाइनेंशियल स्टेटमेंट को देखें. अगर कंपनी मजबूत बुनियादी ढांचे पर खड़ी है तो बोनस शेयर आपके पोर्टफोलियो में अच्छा जोड़ बन सकता है.
अंत में यही कहूँगा: बोनस इश्यू एक मुफ्त गिफ्ट जैसा है, लेकिन उसे समझदारी से इस्तेमाल करें. सही जानकारी और थोड़ा विश्लेषण आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयर की कीमत 5 सितंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक (AGM) की उम्मीदों के बीच 2% से अधिक बढ़ गई। इस AGM में 1:1 बोनस शेयर जारी करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो मौजूदा शेयरधारकों के शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। इस घोषणा ने बाजार में काफी रुचि उत्पन्न की है।