A. R. Ranganathan – लाइब्रेरी विज्ञान के पायनियर

जब हम A. R. Ranganathan, भारतीय लाइब्रेरी विज्ञान के संस्थापक, जिनका जन्म 1892 में हुआ और उन्होंने पाँच नियम तथा पुस्तक वर्गीकरण प्रणाली विकसित की. कई बार राजेन्द्र सिद्धांत के नाम से भी जाने जाते हैं, तो इनके योगदान को समझना आज के सूचना प्रबंधन में जरूरी हैA. R. Ranganathan का काम सिर्फ एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक व्यावहारिक फ्रेमवर्क है जो पुस्तकालयों को उपयोगकर्ता‑केन्द्रित बनाता है।

इनकी प्रमुख कृतियों में पाँच नियम, ‘पुस्तकें उपयोगकर्ता के लिए होनी चाहिए, पुस्तकालय सभी के लिये खुला होना चाहिए, पुस्तकालय में हर पुस्तक को समान रूप से रखी जानी चाहिए, पुस्तकालय को व्यवस्थित करना चाहिए और सूचना को उपलब्ध करना चाहिए’ के मूल सिद्धांतों का समूह शामिल है। यह नियम अभी भी आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी और डेटाबेस डिज़ाइन में लागू होते हैं। साथ ही, पुस्तक वर्गीकरण प्रणाली, उन्हीं पाँच नियमों पर आधारित, जिसमें डी.डी.सी. (Dewey Decimal Classification) और यू.डी.सी. (Universal Decimal Classification) जैसी प्रणालियाँ विकसित हुईं उनके सिद्धांतों की व्यावहारिक अभिव्यक्ति हैं। ये वर्गीकरण न केवल शारीरिक पुस्तकालयों में, बल्कि डिजिटल सामग्री के टैगिंग और सर्च एल्गोरिदम में भी मदद करते हैं।

इन सिद्धांतों का आज के सूचना प्रबंधन में महत्व

आधुनिक सूचना सिस्टम में सूचना प्रबंधन शब्द अक्सर सुनते हैं, लेकिन यह वही है जो Ranganathan ने अपने पाँच नियमों में कहा था – उपयोगकर्ता को सही जानकारी सही समय पर देना। जब आप एक डिजिटल लाइब्रेरी की खोज करते हैं या डेटा एनीलिटिक्स का उपयोग करते हैं, तो पीछे की अवधारणा वही होती है: सामग्री को व्यवस्थित करना, समानता बनाये रखना और पहुँच आसान बनाना। इसलिए, इस टैग में हमने विभिन्न लेखों को इकट्ठा किया है जो उनके सिद्धांतों को खेल, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और सरकारी नीतियों में कैसे लागू किया जा रहा है, यह दिखाते हैं। उदाहरण के तौर पर, शैक्षणिक संस्थानों में डिजिटल पुस्तकालयों का निर्माण, सरकारी दस्तावेज़ों का वर्गीकरण, और यहां तक कि क्रिकेट आँकड़ों को व्यवस्थित करने वाली एप्प्स भी वही मूलभूत नियम अपनाती हैं।

जब आप इस पेज पर नीचे सूचीबद्ध लेख पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि कैसे लाइब्रेरी विज्ञान, एक इंटरडिसिप्लिनरी फील्ड जो सूचना संग्रह, वर्गीकरण, अभिगम और उपयोगकर्ता सेवा को समेटती है विभिन्न क्षेत्रों में काम आ रहा है। चाहे वह 14‑ वर्षीय वैभव सूर्यवंशी की खेल उपलब्धियों की खबर हो या UAE‑ओमान के T20 मैच की विश्लेषण, हमारे लेखों में वर्गीकरण और जानकारी का संरचनात्मक प्रस्तुतीकरण Ranganathan के सिद्धांतों के अनुरूप है। इस तरह की समझ से आप न केवल खबरों को जल्दी समझेंगे, बल्कि उसे अपने काम या पढ़ाई में भी उपयोग कर पाएँगे।

इस संग्रह में आप पाएँगे:

  • Ranganathan के पाँच नियम को विभिन्न उद्योगों में लागू करने के केस स्टडी
  • डिजिटल पुस्तकालयों में वर्गीकरण तकनीकें और उनके एलगोरिदम
  • सूचना प्रबंधन में उपयोगकर्ता‑केन्द्रित डिज़ाइन के उदाहरण
  • आधुनिक डेटाबेस और सर्च इंजन में Ranganathan के विचारों की झलक

इन लेखों को पढ़ कर आप खुद को एक बेहतर सूचना उपभोक्ता बना सकते हैं, चाहे आप छात्र हों, पेशेवर या केवल जिज्ञासु पाठक। अब नीचे स्क्रॉल करके देखें कि हमारे पास कौन‑से विस्तृत लेख उपलब्ध हैं, और देखें कैसे Ranganathan की विरासत आज की डिजिटल दुनिया में जीवित है।

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द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, अक्तू॰, 14 2025