प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई को, स्वामी विवेकानंद की 122वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X के माध्यम से अपने विचार साझा किए। मोदी ने यह कहा कि स्वामी विवेकानंद के उपदेशों ने न केवल भारतीयों को बल्कि विश्वभर के लोगों को भी प्रेरणा दी है। स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनकी शिक्षाएँ हमें मुश्किल समय में रास्ता दिखाती हैं और हमें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करती हैं।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। वे रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और उन्होंने अपने गुरु के उपदेशों का पालन करते हुए भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रचार किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति को पश्चिमी देशों में भी फैलाया और ब्रह्मविद्या का प्रचार किया। उनका मानना था कि आत्म-ज्ञान और अपनी संस्कृति के प्रति गर्व ही हमें सशक्त बना सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद का सबसे प्रसिद्ध भाषण 1893 में शिकागो धर्म संसद में हुआ, जहां उन्होंने भारतीय भगवद गीता और वेदांत के सिद्धांतों का प्रचार किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे भाइयों और बहनों' से की थी, जिसने वहां उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। इस भाषण के माध्यम से उन्होंने भारतीय संस्कृति की व्यापकता और उसमें निहित ज्ञान को जग जाहिर किया।
स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को नवजीवन देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिए:
स्वामी विवेकानंद का मानना था कि सशक्त समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपनी आत्म-शक्ति को पहचानें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं। उनकी यही शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनके उपदेशों और शिक्षाओं से हमें सदैव प्रेरणा मिलती है। मोदी ने स्वामी विवेकानंद के बलिदान और योगदान को सलाम करते हुए यह संकल्प दोहराया कि वे स्वामी विवेकानंद के सपनों के भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमें यह सिखाया कि आत्म-ज्ञान और ज्ञान की खोज ही हमें सशक्त बना सकती है।
स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी की यह श्रद्धांजलि न केवल स्वामीजी के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है, बल्कि यह हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी देती है। आज जब हमारा देश अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे में स्वामी विवेकानंद के उपदेश हमारी ताकत बन सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं और हमें कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने हमें यह सिखाया कि सत्य और धर्म का मार्ग ही सच्ची सफलता और शांति की ओर ले जाता है। उनकी शिक्षाओं को अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं बल्कि समाज और देश के विकास में भी योगदान दे सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन आज भी समाज सेवा, शिक्षा और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मिशन के विभिन्न केंद्रों पर आज भी गरीबों और असहायों की मदद की जाती है और उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएंगे और उनके सपनों के भारत का निर्माण करेंगे। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे अर्थों में सफल और समर्थ हो सकते हैं।