रोमांचक मुकाबले का आगाज
इंटर मियामी सीएफ और न्यूयॉर्क सिटी एफसी के बीच एमएलएस 2025 सीजन के ओपनर में चेस स्टेडियम में 2-2 के ड्रा से मैच समाप्त हुआ। इस मैच में कई नाटकीय घटनाएं देखने को मिली, जिनमें एक रेड कार्ड और कुछ प्रमुख डिफेंसिव गलतियाँ शामिल थीं। शुरूआती मिनट में ही मियामी के डिफेंडर टॉमस एविल्स ने लियोनेल मेसी और जोर्डी अल्बा के बीच एक शानदार वन-टू संयोजन से गोल किया।
मियामी की चुनौतियाँ और सेगोविया का वक्त पर हमला
हालांकि, खेल के 23वें मिनट में एविल्स को गोल स्कोरिंग मौके पर फाउल के कारण लाल कार्ड दिखाया गया। न्यूयॉर्क सिटी एफसी ने इसका फायदा उठाया और मित्जा इलिनिक के फ्री-किक गोल से बराबरी कर ली। इसके बाद, 55वें मिनट में मियामी की डिफेंसिव चूक के कारण अलोंसो मार्टिनेज ने न्यूयॉर्क के लिए बढ़त ली, जब जोर्डी अल्बा के बैकपास ने उन्हें मौका दिया।
फिर भी, 100वें मिनट में विकल्प खिलाड़ी टेलास्को सेगोविया के गोल ने मियामी के लिए जीत की उम्मीद जगाई। इस गोल में भी मेसी के करतब दिखे, जिसने उन्हें टीम का 'आत्मा' कहा जा रहा है।
यह ड्रा मियामी की दृढ़ता को उजागर करता है, हालाँकि कुछ डिफेंसिव मुद्दे भी उभर कर सामने आए। दूसरी तरफ, न्यूयॉर्क सिटी एफसी ने स्मार्ट सब्स्टीट्यूशन्स के जरिए लगभग जीत दर्ज करने की कोशिश की लेकिन अंततः सेगोविया के गोल से वे मात खा गए। दोनों टीमों के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार की गुंजाइश है ताकि आने वाले मैचों में वे और बेहतर कर सकें।
Hari Wiradinata
बहुत अच्छा मैच था। डिफेंस में कुछ गलतियाँ तो हुईं, लेकिन मेसी के असिस्ट्स ने दिखाया कि वो अभी भी दुनिया के सबसे बेहतरीन हैं। टीम की लगन देखकर अच्छा लगा।
Vikas Rajpurohit
ये ड्रा क्या था भाई?! 😤 मेसी ने दो असिस्ट दिए और फिर भी जीत नहीं पाया? डिफेंस तो बिल्कुल गायब था! ये टीम चैंपियनशिप जीतेगी तो मैं अपना जूता खा जाऊंगा 👟🔥
Nandini Rawal
मेसी के बिना ये टीम अधूरी है। उनकी बुद्धि और शांति ने मैच बचा लिया।
Shraddha Tomar
इस ड्रा में एक नया फिलॉसफी छिपी है-जीत और हार का अंतर तो बस एक गोल का है, लेकिन जिंदगी में असली जीत तो उस लड़ाई में होती है जहाँ तुम डर के बावजूद खेलते हो। सेगोविया ने वो दिखाया। 🌱
Sujit Ghosh
अरे यार ये मियामी टीम तो बिल्कुल भारतीय टीम जैसी है-मेसी है तो बाकी सब बेकार 😂 अभी भी बैकपास से गोल खा रहे हैं? इतने साल बाद भी डिफेंस नहीं सीखे?
Leo Ware
मैच बराबरी में खत्म हुआ, लेकिन दोनों टीमों ने खेल के भाव को बरकरार रखा। कभी-कभी बराबरी ही सच्ची जीत होती है।
Shriya Prasad
सेगोविया का गोल बहुत अच्छा था। विकल्प खिलाड़ी ने अपना मौका नहीं छोड़ा।
Himanshu Tyagi
मेसी के दोनों असिस्ट बिल्कुल क्लासिक थे-एक बार बॉल को एक लाइन में रख दिया, दूसरी बार डिफेंडर को झांकी देकर खाली जगह बना दी। ये देखकर लगता है जैसे वो खेल को नहीं, बल्कि इसकी रचना कर रहे हैं।
sandhya jain
देखो यार, इस मैच ने तो हमें बहुत कुछ सिखाया। पहला-एक टीम में एक खिलाड़ी इतना बड़ा हो सकता है कि वो अकेले टीम का दिल बन जाए। दूसरा-असली टीमवर्क तब होता है जब बाकी सब उस खिलाड़ी के आसपास घूम रहे हों और उसकी चालों को समझकर उसके लिए खेल रहे हों। तीसरा-जब एक नया खिलाड़ी जैसे सेगोविया अचानक आ जाए और सबको चौंका दे, तो ये दिखाता है कि फुटबॉल में नाम नहीं, बल्कि निर्णय और जुनून ही असली चीज़ हैं। ये मैच तो बस एक गोल का नहीं, बल्कि एक अहसास का था।
Anupam Sood
मेसी ने असिस्ट दिए पर टीम ने जीत नहीं पाई... ये तो बिल्कुल जैसे कोई आदमी तुम्हारे लिए घर खरीद दे और तुम फिर भी बाहर रह जाओ 😭
Nishu Sharma
अल्बा का बैकपास तो बहुत खतरनाक था लेकिन उसके बाद भी डिफेंस ने बचाने की कोशिश नहीं की... ये तो बस अनदेखा कर देने जैसा है... और फिर गोल हो जाए तो सब गलती मेसी पर डाल देते हैं
Priya Kanodia
क्या आपने कभी सोचा है कि ये मैच शायद बॉल के नीचे छिपे चिप के द्वारा नियंत्रित हो रहा है? मेसी के दो असिस्ट, एक लाल कार्ड, एक अचानक गोल... ये सब बहुत बारीकी से तैयार था। शायद कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ये मैच टेस्ट कर रही है...
Balaji T
मैच के आंकड़ों के आधार पर, यह एक अत्यंत असंतोषजनक प्रदर्शन था। अत्यधिक अनियमित डिफेंसिव लाइन, अत्यधिक बैकपास, और अत्यंत अनुचित विकल्प खिलाड़ियों का उपयोग। एमएलएस का स्तर निरंतर अवनति की ओर बढ़ रहा है।
Ranjani Sridharan
mesi ki duniya me sab kuch possible hai... even if team lose he still win 😘
Shailendra Soni
क्या सेगोविया ने वाकई इतना बड़ा गोल किया? मैंने तो उसे बस एक पल के लिए देखा... फिर भी लगा जैसे वो एक फिल्म का क्लाइमैक्स हो...