इंग्लैंड U19 के खिलाफ पहले टेस्ट में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का आगाज, पहली ही पारी में झटका लगा

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महज 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी का इंटरनेशनल टेस्ट डेब्यू

क्रिकेट में कम उम्र में बड़े कमाल करने वालों की फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है—वैभव सूर्यवंशी। सिर्फ 14 साल के इस बल्लेबाज को इंग्लैंड के खिलाफ भारत U19 की टेस्ट टीम में मौका मिला। बेकेनहम के मैदान पर जब भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया, तो हर किसी की नजर सूर्यवंशी पर थी।

मैच की शुरुआत होते ही वैभव ने अपनी पहचान का दम दिखाया। पहली ही ओवर में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स मिंटो की गेंदों पर तीन चौके जड़ डाले। एक शानदार लेट कट, एक स्लिप के ऊपर से भाग्यशाली एज और तीसरा ओपन ऑफ साइड में जबरदस्त कट—इतनी कम उम्र में इतनी बेखौफ शुरुआत अक्सर देखने को नहीं मिलती। इस पहले ओवर में वैभव सूर्यवंशी ने 12 रन कूट डाले। लग रहा था मानो वे अपने पुराने रेकॉर्ड्स को फिर से दोहराएंगे।

तेज शुरुआत के बाद गलती, लेकिन साथी ने निभाई जिम्मेदारी

तेज शुरुआत के बाद गलती, लेकिन साथी ने निभाई जिम्मेदारी

तेज शुरुआत के बावजूद सूर्यवंशी की पारी लंबी नहीं चल पाई। चौथे ओवर में उन्होंने इंग्लिश गेंदबाज एलेक्स ग्रीन की शॉर्ट और चौड़ी गेंद को कट करने की कोशिश की, लेकिन बैकफुट पंच के चक्कर में गेंद टॉप ऐज हो गई और सीधे पॉइंट पर राल्फी अल्बर्ट के हाथों में चली गई। 12 गेंदों में बने 12 रन के साथ उनकी पहली ही पारी खत्म हो गई।

हालांकि, उनके आउट होने के बाद भी भारत U19 के रन बनाने की रफ्तार नहीं थमी। ओपनिंग पार्टनर आयुष म्हात्रे ने मोर्चा संभालते हुए शानदार शतक जड़ा। पूरी टीम की बल्लेबाजी इतनी तगड़ी रही कि 200 रन से ऊपर का स्कोर सिर्फ 37 ओवरों में पार हो गया। इससे टीम की आक्रामक मानसिकता और युवा खिलाड़ियों की ताजगी नजर आई।

वैभव सूर्यवंशी इससे पहले सबसे तेज U19 टेस्ट शतक (सिर्फ 58 गेंदों में) और यूथ वनडे में 52 गेंदों का शतक जड़कर सुर्खियां बटोर चुके हैं। इतनी छोटी उम्र में भी वे भारतीय क्रिकेट के सबसे चर्चित युवा खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। भले ही इस टेस्ट की पहली पारी में उनकी बल्लेबाजी लंबी न चली हो, लेकिन उनके आक्रामक तेवर और पिछले प्रदर्शन को देख, क्रिकेटप्रेमियों की उम्मीदें उनसे कम होने वाली नहीं हैं।

गेंदबाजों के लिए नई चुनौती लेकर आने वाला ये बल्लेबाज बार-बार यही दिखाता है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। अभी तो उन्हें लंबा रास्ता तय करना है, और हर अगली पारी में वे नई कहानी लिखने की काबिलियत रखते हैं।

Maanasa Manikandan

Maanasa Manikandan

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।

17 Comments

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    Himanshu Tyagi

    जुलाई 15, 2025 AT 10:00

    वैभव की शुरुआत देखकर लगा जैसे एक नए गॉड ऑफ क्रिकेट का जन्म हुआ है। 14 साल की उम्र में इतनी बेखौफ बल्लेबाजी? ये तो बस एक बच्चा नहीं, एक फेनोमेनॉन है।

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    Shailendra Soni

    जुलाई 16, 2025 AT 03:42

    पहली ओवर में तीन चौके... ये तो बस नहीं, ये तो बिजली की तरह गिरा! इंग्लैंड के गेंदबाज शायद सोच रहे होंगे कि ये बच्चा किस अंधेरे घर से आया है?

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    Sujit Ghosh

    जुलाई 17, 2025 AT 05:38

    अरे भाई, ये बच्चा तो हमारे देश का असली भविष्य है! अब तो बस इंग्लैंड को घुटने टेकने होंगे। इतनी छोटी उम्र में ये लेवल? ये तो भारत की ताकत है!

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    sandhya jain

    जुलाई 18, 2025 AT 05:04

    कभी-कभी लगता है कि हम बच्चों को बहुत जल्दी बड़ा बना देते हैं। वैभव की बल्लेबाजी देखकर लगता है कि उसके अंदर एक पुरानी आत्मा है... जो जानती है कि क्रिकेट सिर्फ रन नहीं, बल्कि भावनाओं का खेल है। उम्र तो बस एक नंबर है, लेकिन उसके हाथों में एक ऐसा अनुभव है जो बहुत सारे बड़े खिलाड़ियों को नहीं मिलता।

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    Anupam Sood

    जुलाई 18, 2025 AT 17:35

    ये बच्चा तो जिंदगी का फैसला ही बदल देगा 😍 अब तो हर माँ का सपना होगा कि बेटा वैभव बने... ना कि डॉक्टर 😂

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    Shriya Prasad

    जुलाई 19, 2025 AT 22:47

    12 रन 12 गेंदों में। बस इतना ही काफी है।

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    Balaji T

    जुलाई 20, 2025 AT 21:47

    यह अत्यधिक असामान्य घटना है। एक अल्पवयस्क व्यक्ति जिसकी उम्र बारह वर्ष से अधिक नहीं है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक टेस्ट मैच में बल्लेबाजी कर रहा है? यह व्यवस्था के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

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    Nishu Sharma

    जुलाई 21, 2025 AT 01:50

    वैभव की शुरुआत देखकर लगा जैसे बचपन का वो खेल जो हम सबने गलियों में खेला था अब टेस्ट स्टेडियम में जीवित हो गया है... उसकी आँखों में डर नहीं था, बस खेलने की जिद थी। और यही तो सच्ची ताकत है। जब बच्चा डर के बजाय खेल को अपना बना ले तो उसके हाथों में जो बल्ला है, वो बस लकड़ी नहीं, एक जीवन की कहानी है।

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    Shraddha Tomar

    जुलाई 22, 2025 AT 16:26

    इतनी छोटी उम्र में इतना कर देना... ये तो एक ब्रांड है ना? जैसे ट्रेंडिंग ऑन ट्विटर लेकिन असली जिंदगी में 😎 भारत के युवा अब टेस्ट मैच में भी डीप रिल लगा रहे हैं।

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    Priya Kanodia

    जुलाई 23, 2025 AT 16:46

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम है? बच्चे को जबरन इतनी जल्दी टेस्ट मैच में उतारा जा रहा है... क्या ये सिर्फ क्रिकेट है या कोई बड़ा एग्ज़ेरसाइज? किसी के लिए ये शायद बहुत ज्यादा है...

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    Darshan kumawat

    जुलाई 25, 2025 AT 03:09

    14 साल का बच्चा? अब तो बच्चे भी नौकरी कर रहे होंगे। इंग्लैंड के गेंदबाज़ भी शायद अपनी बच्ची के साथ फुटबॉल खेल रहे होंगे।

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    Manjit Kaur

    जुलाई 25, 2025 AT 04:59

    ये बच्चा तो बस गलती कर रहा है। जल्दी आउट हो गया। इतनी जल्दी नहीं खेलना चाहिए था।

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    yashwanth raju

    जुलाई 26, 2025 AT 11:12

    अरे भाई, ये बच्चा तो बस एक बार आउट हुआ... और आयुष ने शतक लगा दिया। ये टीम वर्क है ना? एक बच्चे की शुरुआत ने पूरी टीम को जगा दिया।

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    Aman Upadhyayy

    जुलाई 27, 2025 AT 07:28

    जब एक 14 साल का बच्चा इतनी आत्मविश्वास से बल्ला घुमाता है, तो लगता है कि ये दुनिया बदल रही है... मैं जब इतना बड़ा था, तो मैं अपनी गुड़िया को भी नहीं फेंक पाता था 😅

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    ASHWINI KUMAR

    जुलाई 27, 2025 AT 07:49

    अब तो बच्चे भी इतने बड़े हो गए हैं कि टेस्ट मैच में भी निकल आते हैं। बस एक बार देखो कि ये बच्चा जब 18 होगा तो क्या खेलेगा। अब तो अच्छा है कि बच्चे को बाहर भी ले आए।

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    vaibhav kapoor

    जुलाई 29, 2025 AT 01:20

    हमारे बच्चे अब टेस्ट मैच में खेल रहे हैं, अब तो अंग्रेजों को बस झुकना है। भारत का भविष्य यही है!

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    Manish Barua

    जुलाई 29, 2025 AT 13:28

    मैंने ये बच्चा देखकर अपने बचपन की यादें ताजा कर लीं... जब हम गली में लकड़ी के बल्ले से खेलते थे, तो कोई नहीं सोचता था कि एक दिन ये बच्चा टेस्ट स्टेडियम में खेलेगा। उसकी आँखों में वही चमक थी जो हम सबकी थी।

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