बेंगलुरु में एड शीरन का 'शेप ऑफ यू' परफॉर्मेंस पुलिस द्वारा रोका गया

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ब्रिटिश गायक-सॉन्गराइटर एड शीरन ने जब बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट पर अपने फैंस के लिए अचानक स्ट्रीट परफॉर्मेंस दी तो वहां का माहौल देखते ही बनता था। लेकिन यह खुशी का पल अचानक तब भंग हो गया जब पुलिस ने उनकी परफॉर्मेंस को बीच में ही बंद करवा दिया। यह घटना 9 फरवरी, 2025 को हुई जब शीरन अपने प्रसिद्ध गाने 'शेप ऑफ यू' को परफॉर्म कर रहे थे।

जब एड शीरन गाने का जलवा बिखेर रहे थे, तभी पुलिस वालों ने आकर उनके माइक और म्यूजिकल उपकरणों का कनेक्शन काट दिया। शीरन की टीम का कहना था कि उन्होंने इस स्ट्रीट परफॉर्मेंस के लिए पहले से अनुमति ले रखी थी, लेकिन पुलिस का कहना था कि उन्हें इस तरह के आयोजन के लिए आवश्यक परमिट नहीं मिला था।

यह दृश्य एड शीरन के गणितीय टूर (Mathematics Tour) के दौरान देखने को मिला, जहां उन्होंने बेंगलुरु में अपनी बढ़ती प्रसिद्धि और हॉट टिकट डिमांड के कारण बैक-टू-बैक कॉन्सर्ट्स किए। इस नौक-झोंक ने सोशल मीडिया पर भारी प्रतिक्रिया पैदा कर दी।

हालांकि यह परफॉर्मेंस अधिक देर तक नहीं चल पाई, लेकिन वहां इकट्ठा हुए फैंस के लिए यह एक अनोखा अनुभव था। Ed Sheeran के भारत दौरे का यह पहला मौका था जब उन्होंने 2017 के बाद भारतीय मंच से अपने फैंस को लाइव परफॉर्मेंस दी। शीरन पहले भी भारत के संगीत बाजार को खुद के लिए महत्वपूर्ण मानते आ रहे हैं।

Maanasa Manikandan

Maanasa Manikandan

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।

5 Comments

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    Nandini Rawal

    फ़रवरी 10, 2025 AT 19:52

    ये पुलिस वाले हमेशा ऐसे ही होते हैं, जब कोई खुशी बांट रहा हो तो उसे रोकने की कोशिश करते हैं। एड शीरन का गाना सुनकर लोगों का दिल खुश हो गया, और फिर बस... माइक काट दिया। क्या ये भारत की संस्कृति है?

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    Himanshu Tyagi

    फ़रवरी 11, 2025 AT 12:39

    अगर एड शीरन की टीम के पास परमिट था, तो पुलिस को उसे चेक करना चाहिए था, न कि बिना किसी समझदारी के बंद कर देना। ये अनियमितता भारत में हर जगह होती है - बस इस बार एक वैश्विक स्टार के साथ हुई।

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    Shailendra Soni

    फ़रवरी 12, 2025 AT 19:53

    मैंने वीडियो देखा... एड शीरन की आँखों में वो निराशा थी, जैसे उसका दिल टूट गया हो। वो बस अपने गाने से लोगों को जोड़ना चाहता था, और हमारी पुलिस ने उसे बाधा बन गई। क्या हम इतने डरे हुए हैं कि खुशी को भी नियमों से बांध दें?

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    Sujit Ghosh

    फ़रवरी 14, 2025 AT 12:21

    ये सब बाहरी लोगों की चाल है - भारत में आकर बिना परमिट के गाने लगाना, फिर देश के नियमों को गलत बताना। हमारी पुलिस ने ठीक किया। अगर ये अमेरिका होता तो वहाँ लोग बैठे रहते और फोन करते रहते। हमारी ताकत है - नियमों का पालन।

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    sandhya jain

    फ़रवरी 15, 2025 AT 03:25

    इस घटना में बस एक गाना नहीं, बल्कि एक भावना टूट गई - जिस भावना में एक विदेशी कलाकार अपने देश के बाहर भी अपने गानों के जरिए लोगों को जोड़ना चाहता था। और हमारी प्रशासनिक अक्षमता ने उस जुड़ाव को तोड़ दिया। हम अक्सर नियमों के नाम पर इंसानियत को दबा देते हैं। क्या अनुमति के बिना खुशी गुनाह है? क्या हम इतने डरे हुए हैं कि एक गाने के लिए भी एक फॉर्म भरवाना पड़े? ये नियम तो लोगों के लिए होते हैं, न कि उन्हें रोकने के लिए। हमें ये समझना होगा कि संस्कृति नियमों से नहीं, बल्कि भावनाओं से बनती है। जब हम एक गायक को उसके गाने से रोक देते हैं, तो हम अपने आप को भी रोक रहे होते हैं - रोक रहे होते हैं खुशी, रोक रहे होते हैं साझेदारी, रोक रहे होते हैं दुनिया के साथ जुड़ने का मौका।

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