आपको कभी ऐसा लगा कि पढ़ाई के बाद भी सही काम नहीं मिल रहा? यही कारण है कि कई लोग अब व्यावसायिक प्रशिक्षण की ओर देख रहे हैं। यह सिर्फ कौशल सीखने का नाम नहीं, बल्कि नौकरी पाने की तेज़ी से जुड़ी एक रणनीति है। यहाँ हम बात करेंगे कैसे आप अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं, बिना जटिल चीज़ों में फँसे।
कोई भी कोर्स शुरू करने से पहले दो सवाल पूछें – "क्या यह मेरे लक्ष्य से मेल खाता है?" और "क्या इस कौशल की मांग बाजार में है?" ऑनलाइन जॉब पोर्टल पर वही स्किल्स देखें जो अक्सर विज्ञापित होते हैं। अगर आप तकनीक में दिलचस्पी रखते हैं, तो वेब डेवलपमेंट या डेटा एनालिटिक्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं। यदि हाथ से काम करना पसंद है, तो इलेक्ट्रिकल इन्स्टलेशन या फूड प्रोसेसिंग जैसे कोर्स देखें।
एक बार लक्ष्य तय हो जाए, तो कोर्स की अवधि और प्रमाणपत्र की मान्यता देखना न भूलें। सरकारी मान्यता वाले संस्थान अक्सर बेहतर नौकरी के अवसर लाते हैं। छोटे-छोटे प्रोजेक्ट करके अपनी सीख को साबित करें – इससे रिज़्यूमे में इम्पैक्ट पड़ेगा।
सभी को पैसे नहीं होते, इसलिए फ्री संसाधनों का उपयोग करना समझदारी है। सरकारी पोर्टल जैसे Skill India, National Career Service पर मुफ्त ऑनलाइन क्लासेज़ मिलती हैं। यूट्यूब भी कई प्रोफेशनल ट्यूटोरियल्स देता है, बस सही चैनल चुनें। इन प्लेटफ़ॉर्म पर सर्टिफिकेट मिलने पर आप इसे अपने प्रोफ़ाइल में जोड़ सकते हैं।
पेड कोर्स अक्सर अधिक संरचना और इंटर्नशिप के अवसर देते हैं। यदि आप जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं तो ऐसे संस्थान देखें जिनके पास कंपनियों के साथ tie‑up हो। फीस की तुलना करें, लेकिन याद रखें कि महंगा हमेशा बेहतर नहीं होता। कई छोटे ट्रेनिंग सेंटर भी प्लेसमेंट सपोर्ट देते हैं, इसलिए समीक्षाएँ पढ़ें और पूछें कि पिछले छात्रों का क्या अनुभव रहा।
एक बात जो अक्सर अनदेखी रहती है – नेटवर्किंग। कोर्स के दौरान क्लासमेट्स और ट्यूटर्स से जुड़ना आपके आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। ग्रुप प्रोजेक्ट, वर्कशॉप या ऑनलाइन फोरम में सक्रिय रहें। कभी‑कभी एक साधारण रेफ़रल ही नौकरी का दरवाज़ा खोल देता है।
अंत में यह कहूँगा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण को एक निवेश समझें, न कि खर्च। सही दिशा और मेहनत से आप अपने करियर को तेज़ी से आगे बढ़ा सकते हैं। तो देर किस बात की? अभी अपना कोर्स चुनें और सीखना शुरू करें।
भारतीय सरकार ने 2024 वित्तीय वर्ष में व्यावसायिक प्रशिक्षण और कोचिंग केंद्रों से जीएसटी के माध्यम से 4792 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। यह 18% जीएसटी दर से वसूल किया गया है, जो ऐसे शैक्षिक सेवाओं पर लागू होता है जो छूट प्राप्त नहीं हैं। शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी की दरें 5% से 28% तक होती हैं, जबकि मुख्य शैक्षिक सेवाएं जैसे स्कूलों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं आम तौर पर छूट प्राप्त होती हैं।