शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी: व्यावसायिक प्रशिक्षण और कोचिंग केंद्रों से सरकार को मिला 4792 करोड़ का राजस्व

भारतीय अर्थव्यवस्था में शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी का प्रभाव

शैक्षिक जगत में आर्थिक नीतियों का विशेष प्रभाव पड़ता है, और उनमें से एक महत्वपूर्ण विषय है शैक्षिक सेवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का नियमन। भारतीय सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 में व्यावसायिक प्रशिक्षण और कोचिंग केंद्रों से जीएसटी के माध्यम से 4792 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। यह 18% की जीएसटी दर से वसूल किया गया है, जो इसे राष्ट्रीय आर्थिक नीति के तहत एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बनाता है। सरकार का यह कदम शैक्षिक क्षेत्र में कराधान के माध्यम से आर्थिक संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी की दरें

शैक्षिक सेवाओं पर लागू जीएसटी दरें भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। ये दरें 5% से 28% तक होती हैं, जिनमें से अधिकांश मुख्य शैक्षिक सेवाएं जैसे स्कूलों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जनरल छूट प्राप्त करती हैं। परंतु, जब बात आती है व्यावसायिक प्रशिक्षण, निजी कोचिंग कक्षाओं और विशेष शैक्षिक पाठ्यक्रमों की, तो ये सेवाएं 18% की उच्च दर के तहत कराधान का सामना करती हैं। यही कारण है कि व्यावसायिक तथा कोचिंग संस्थान जीएसटी के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

छूट का प्रावधान

शैक्षिक सेवाओं पर छूट भी प्रदान की जाती है, जो विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। सरकारी और चैरिटेबल संस्थाओं द्वारा दी गई शैक्षिक सहायता तथा शैक्षिक ऋण भी जीएसटी से मुक्त होते हैं। यह छात्रों और शैक्षिक संस्थानों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अपने प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम में सुधार हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं। साथ ही, जिन वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण प्रसंस्करण सेवाएं प्रदान की जाती हैं, उनकी इन सेवाओं पर भी जीएसटी लागू हो सकता है।

उच्च शिक्षा और जीएसटी

उच्च शिक्षा और जीएसटी

उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी जीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत में, उच्च शिक्षा सेवाओं पर 18% की दर लागु होती है। इसमें कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पेशेवर पाठ्यक्रमों से संबंधित सेवाएं शामिल हैं। हालाँकि, यदि कोई विशेष सेवाएं इस सूची में शामिल नहीं होती हैं, तो वे मुक्त होती हैं। यह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कराधान रणनीति को स्थापित करता है जो उन्हें अपने शैक्षिक पाठ्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करता है।

जीएसटी और व्यावसायिक प्रशिक्षण

आज के युग में, व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देता है। इसीलिए जीएसटी के तहत इसे अधिक ध्यान दिया गया है। सरकार द्वारा स्वीकृत व्यावसायिक पाठ्यक्रम और विशेष प्रयोजनों के कोर्सों पर कुछ छूटें भी मिल सकती हैं, जो शैक्षिक क्षेत्र को स्वकृत दिशा देने का कार्य करती हैं।

जीएसटी पंजीकरण और इनपुट कर क्रेडिट (ITC)

जिन शैक्षिक संस्थानों का वार्षिक कारोबार जीएसटी पंजीकरण की सीमा से सीमित होता है, उन्हें जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। यह कराधान व्यवस्था उन्हें इनपुट कर क्रेडिट (ITC) का लाभ उठाने की अनुमति भी देती है। पंजीकृत संस्थान अपने शैक्षिक सेवाओं को प्रदान करने के लिए उपयोग किए गए इनपुट और इनपुट सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी को अधिग्रहित कर सकते हैं।

जीएसटी परिषद की हालिया घोषणाएं

जीएसटी परिषद की हालिया घोषणाएं

54वीं जीएसटी परिषद बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण दिए गए। इसमें राज्य/केंद्र सरकार के बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं को प्रत्यक्ष दी गई छूट शामिल की गई है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय संघटन सेवाओं पर 18% की दर से कराधान की प्रक्रिया को लागू करने का फैसला किया गया है। यह परिवर्तन शैक्षिक सत्र में प्रशासनिक उद्देश्यों को बेहतर करने के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।

इन सभी बिंदुओं के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी की पेचीदगी किस प्रकार कार्य कर रही है। विद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए यह बहुत आवश्यक होता है कि वे अपने कार्यों का उचित आकलन करते हुए जीएसटी नियमन का पालन करें।

नीरजा कौल

नीरजा कौल

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।