अगर आप भारत के विदेश मामलों में हो रहे बदलावों को समझना चाहते हैं तो सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम रोज़ की प्रमुख खबरों को आसान भाषा में लाते हैं, ताकि आपको बस पढ़ने में ही सब समझ आ जाए। चाहे वह नई कूटनीतिक पहल हो या किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारे प्रतिनिधि का बयान – आप सब कुछ एक जगह पा सकते हैं।
हालिया दिनों में भारत के विदेश सचिव ने कई महत्त्वपूर्ण मुलाक़ातें की हैं। एशिया‑पैसिफिक देशों से हुए समझौते, मध्य पूर्वी क्षेत्रों में ऊर्जा सहयोग और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौतों पर चर्चा प्रमुख रहे हैं। इन बातचीतों का मुख्य मकसद भारतीय कंपनियों को नई मार्केट्स खोलना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
एक खास बात यह है कि अब विदेश सचिव सीधे सोशल मीडिया पर भी अपने विचार साझा कर रहे हैं, जिससे आम लोग सरकारी नीति के पीछे की सोच समझ सकते हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ी है और लोगों में विश्वास पैदा हुआ है। अगर आप जानना चाहते हैं कौन‑से देश के साथ नई द्विपक्षीय संधि बनी, तो हमारे पोस्ट्स को फॉलो करें – हर विवरण यहाँ मिलेगा।
विश्व स्तर पर भारत की आवाज़ अब पहले से ज्यादा सुनी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के मुद्दों पर, जलवायु परिवर्तन के सम्मेलन में और आर्थिक फ़ोरम में हमारे प्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई है। विदेश सचिव ने कई बार कहा है कि "सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार है" – यह बात हर बड़े मंच पर दोहरायी जाती है।
इन मंचों पर भारत की प्रमुख प्राथमिकताएँ हैं: सतत विकास, सुरक्षित समुद्री मार्ग और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना। जब भी कोई नया निर्णय आता है, हम यहाँ तुरंत उसकी वजह और संभावित असर को समझाते हैं। इसलिए अगर आप विदेश नीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं तो इस टैग पेज पर रोज़ आने से आपको अपडेटेड रहने में मदद मिलेगी।
साथ ही, विदेश सचिव की यात्रा रिपोर्ट, प्रेस कॉन्फ्रेंस का सारांश और विशेषज्ञों के विचार भी यहाँ मिलते हैं। इससे आप न सिर्फ तथ्य जानेंगे बल्कि उनके पीछे की रणनीति को भी समझ पाएँगे। सरल शब्दों में कहें तो हम जटिल राजनयिक खबरों को आपके लिए आसान बना रहे हैं।
तो देर किस बात की? अभी पढ़िए, कमेंट करें और अपने विचार शेयर करें। हमारी कोशिश है कि आप हर नई खबर से जुड़े रहें और विदेश नीति के बदलते परिदृश्य को समझें। धन्यवाद!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका का दौरा करेंगे। इस दौरान वे क्वाड लीडर्स समिट और यू.एन. सम्मेलन में शामिल होंगे, भारतीय प्रवासी को संबोधित करेंगे और तकनीकी कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे। हालांकि, ट्रंप से मुलाकात की पुष्टि नहीं हुई है।