पुलिस सुरक्षा शुल्क क्या है? आसान भाषा में समझें

जब आप कोई इवेंट, शादी या व्यावसायिक काम कराते हैं तो कभी‑कभी पुलिस से ‘सुरक्षा शुल्क’ का बिल मिलता है। यह शुल्क दरअसल पुलिस द्वारा प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए लिया जाता है। लेकिन क्या हर जगह ये वैध है? कब देना जरूरी है और कैसे बचा जा सकता है, इस लेख में हम सारे सवालों के जवाब देंगे।

कब लगता है पुलिस सुरक्षा शुल्क?

आमतौर पर यह शुल्क तब लगाया जाता है जब आप चाहते हैं कि पुलिस विशेष रूप से आपके कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे – जैसे बड़े समारोह, कॉन्सर्ट या व्यापारिक मेले में भीड़ नियंत्रण। कुछ राज्यों में सार्वजनिक जगहों पर पब्लिक इवेंट की अनुमति लेनी होती है और उस प्रक्रिया में सुरक्षा खर्च का अनुमान शामिल हो सकता है। अगर आप निजी घर में छोटी gathering कर रहे हैं तो आमतौर पर यह नहीं लगेगा, जब तक कि आपने अतिरिक्त गार्ड या ट्रैफ़िक नियंत्रण की माँग न की हो।

वैध शुल्क बनाम घोटाला – कैसे पहचानें?

सरकारी नियम के अनुसार पुलिस द्वारा जारी कोई भी ‘सुरक्षा शुल्क’ का नोटिस लिखित में, सरकारी लेटरहेड पर और आधिकारिक मुहर के साथ होना चाहिए। इसमें इवेंट की तिथि, स्थान, आवश्यक गार्डों की संख्या और कुल राशि स्पष्ट रूप से लिखा होगा। अगर आपको सिर्फ मौखिक बात या अनौपचारिक रसीद मिलती है तो सावधान रहें – यह अक्सर घोटाले का संकेत होता है।

एक और तरीका है ऑनलाइन जांच करना: अधिकांश राज्य पुलिस विभाग अपने वेबसाइट पर इवेंट लायसेंस के साथ जुड़े शुल्क की तालिका प्रकाशित करते हैं। उस लिंक को खोलकर देखें कि आपके इवेंट प्रकार के लिये तय दर क्या है। यदि ऑफ़र किए गए खर्च स्थानीय मानकों से बहुत अधिक हों, तो फिर पूछताछ करें या उच्च अधिकारी से पुष्टि ले लें।

अब बात करते हैं बचाव की। सबसे पहले, अपने इवेंट की सुरक्षा जरूरतें वास्तविक रूप में आंकें – क्या आप वाकई extra गार्ड चाहते हैं? अगर नहीं, तो पुलिस को बता दें कि बेसिक ट्रैफ़िक कंट्रोल ही पर्याप्त है। दूसरा, हमेशा लिखित प्रस्ताव माँगें और उसे साइन करवाएँ। तीसरा, भुगतान के लिए केवल सरकारी बैंक अकाउंट या डिजिटल पेमेंट विधि का उपयोग करें; नकद लेन‑देनों से बचें।

यदि आपको लगता है कि आपसे अनावश्यक शुल्क लिया गया है, तो तुरंत लिखित में शिकायत दर्ज कराएँ। कई राज्यों में ‘ऑडिट बॉडी’ या ‘पब्लिक ग्रिवेंस रेड्रेसल बोर्ड’ होते हैं जहाँ आप इस मामले को उठा सकते हैं। अक्सर एक छोटा‑छोटा कदम भी पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है और भविष्य में दूसरों को बचाने में मदद करता है।

सारांश में, पुलिस सुरक्षा शुल्क तभी देना चाहिए जब आपको वास्तव में अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत हो और वह आधिकारिक दस्तावेज़ के साथ हो। सही जानकारी रखने से आप अनावश्यक खर्च से बच सकते हैं और अपने अधिकार सुरक्षित रख सकते हैं। यदि अभी भी संकोच है तो स्थानीय पुलिस स्टेशन पर जाकर सीधे पूछताछ करें – यह सबसे भरोसेमंद तरीका है।

बीसीसीआई ने बकाया सुरक्षा शुल्क का भुगतान करने का दिया आश्वासन: भारतीय क्रिकेट में चेहरों के साथ जिम्मेदारियाँ

बीसीसीआई ने बॉम्बे उच्च न्यायालय से वादा किया है कि वह मुंबई पुलिस, पिंपरी चिंचवड पुलिस, और नवी मुंबई पुलिस को बाकी सुरक्षा देयक का भुगतान दो हफ्तों में कर देगा। यह देयक 6.03 करोड़ रुपये का है। यह आश्वासन अनिल गलगली द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिया गया है। सरकार के निर्णय के तहत, आईपीएल जैसी प्रतियोगिताओं के लिए पुलिस सुरक्षा शुल्क में कमी की गई थी।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जन॰, 12 2025