अगर आप भारतीय उद्योग जगत की बात करें तो पहला नाम मुजेस्सिकल जादूगर जैसा नहीं, बल्कि धंधा‑गुरु "मुकेश अंबानी" ही आएगा। उनके बारे में पढ़ते‑पढ़ते हमें अक्सर सवाल आता है – एक आदमी कैसे कई सेक्टरों में इतना बड़ा असर डालता है? चलिए इसे आसान शब्दों में समझते हैं और साथ ही जानते हैं कि अभी कौन‑से प्रोजेक्ट्स पर उनका फोकस है।
दादा धीरु भाई अम्बानी ने 1960 के दशक में रिलायंस को तेल रिफाइनिंग से शुरू किया, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना मुकेश की खासियत रही। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद उन्होंने पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम और रीटेल जैसे नए क्षेत्रों में धावा बोला। जियो का लॉन्च एकदम ताजगी वाला था – सस्ते डेटा प्लान से लाखों लोग जुड़ गए और भारतीय मोबाइल मार्केट की तस्वीर बदल गई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीईओ बनने के बाद उन्होंने हर साल दो‑तीन बड़े निवेश किए, चाहे वो डेज़लिंग प्लांट हो या हाइड्रोजन एनर्जी पर रिसर्च. इन सभी कदमों से कंपनी की वैल्यू 30 ट्रिलियन रुपये से भी ऊपर चली गई। अब यही बड़ी संख्या आपके लिए यह साबित करती है कि उनका बिजनेस माइंडसेट सिर्फ मुनाफे के लिये नहीं, बल्कि देश को नई तकनीक से जोड़ने के लिये काम करता है।
आज भी मुकेश अंबानी का ध्यान नवीकरणीय ऊर्जा में बसा हुआ है। उन्होंने भारत में सबसे बड़ी सौर फार्म और हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स को शुरू करने का इरादा जाहिर किया है। लक्ष्य है 2030 तक कंपनी की कार्बन फुटप्रिंट को आधा करना, जिससे पर्यावरण भी सुधरेगा और नए जॉब्स पैदा होंगे।
डिजिटल सेक्टर में जियो फाइबर ने हाई‑स्पीड इंटरनेट को ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाया है, और अब वह 5G नेटवर्क की तैयारी कर रहा है। अगर आप छोटे शहरी शहर के रहने वाले हैं तो जल्द ही तेज़ इंटरनेट का मजा ले पाएंगे – यही अंबानी का वादा है।
उन्हें सिर्फ एक धनी व्यक्ति नहीं कहा जाता; उनके कई सामाजिक पहल भी चर्चित हैं। दान‑परोपकार में उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और जल संरक्षण के लिए बड़े फंड सेट अप किए हैं। इस तरह उनका असर आर्थिक से बाहर समाजिक स्तर तक फैला हुआ है।
अगर आप बिज़नेस सीखना चाहते हैं तो मुकेश अंबानी की कहानी एक बेहतरीन केस स्टडी बन सकती है – जोखिम लेना, नई तकनीक अपनाना और लगातार आगे बढ़ते रहना। चाहे आप उद्यमी हों या नौकरी‑पेशा, इनके फैसलों से कई सीख मिलती है: कभी भी बड़े सपने देखिए, पर उन्हें छोटे‑छोटे कदमों में तोड़ कर लागू कीजिए।
अंत में यह कहना सही रहेगा कि मुकेश अंबानी का नाम सिर्फ धन नहीं, बल्कि भारत के विकास यात्रा का एक अहम हिस्सा बन गया है। उनका हर नया प्रोजेक्ट हमारे देश को ग्लोबल मंच पर आगे बढ़ाने का अवसर देता है। तो अब जब भी आप जियो या रिलायंस की कोई नई खबर पढ़ें, याद रखिए कि वह कहानी एक व्यक्ति की दृढ़ता और विज़न से शुरू हुई थी।
2025 के दूसरे या तीसरे तिमाही में रिलायंस जियो $6.25 बिलियन से अधिक का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। वर्तमान बाजार मूल्यांकन के अनुसार, यह आईपीओ भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी। साथ ही, रिलायंस रिटेल भी इसी समय के आसपास लिस्ट हो सकती है जिसकी संभावित वैल्यूएशन $125 से $150 बिलियन होगी। इन दोनो आईपीओ के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज की रणनीतिक विस्तार योजनाओं को बल मिलेगा।