आपने सुना होगा कि रिलायंस जियो का आईपीओ आ रहा है, लेकिन ठीक‑ठीक क्या करना है, कब करना है और कितना जोखिम है, ये अक्सर उलझन में डाल देता है। इस लेख में हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि Jio IPO क्या है, शेयर कैसे बुक करें, कीमतें कैसी तय होंगी और निवेश से जुड़े मुख्य पॉइंट्स कौन‑से हैं।
RIL (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) ने अपना टेलीकॉम सबसिडियरी Jio Platforms को पब्लिक करने का फैसला किया है। यह आईपीओ भारतीय स्टॉक मार्केट में सबसे बड़े ऑफ़र्स में से एक माना जा रहा है, क्योंकि Jio की मौजूदा ग्राहक संख्या 400 मिलियन से ऊपर है और डिजिटल सर्विसेज में उसकी पकड़ काफी मजबूत है।
इसे दो भागों में बाँटा गया है: एक प्री‑IPO फ़ाइनेंसिंग (वॉटरफ़ॉल) के तहत संस्थागत निवेशकों को शेयर, दूसरा रिटेल इश्यू जिसमें सामान्य लोगों के लिए 500 रुपये से शुरू कीमत रखी गई है।
1. **डिमांड रिक्वेस्ट फॉर्म (DRF) भरें** – अपने बैंक या डिमैट अकाउंट वाले ब्रोकरेज से DRF डाउनलोड कर के उसमें शेयरों की मात्रा लिखें।
2. **ऑफ़र प्राइस बैंड देखें** – Jio IPO का ऑफ़र प्राइस बैंड 500-720 रुपये तय किया गया है, आप इस रेंज में किसी भी कीमत को चुन सकते हैं।
3. **भुगतान करें** – बैंक ट्रांसफर या UPI से राशि जमा कर दें, ध्यान रखें कि कुल रकम में स्टैंप ड्यूटी और ट्रेडिंग चार्जेज शामिल हों।
4. **ऑफ़र क्लोज़ होने का इंतज़ार** – अगर आपका DRF स्वीकृत हो गया तो शेयर आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे।
ध्यान रखें, रिटेल निवेशकों को सिर्फ 1 लाख रुपये तक के लिए ही बुकिंग करनी है और हर PAN पर दो आवेदन ही मान्य होते हैं।
पहले कई बड़े आईपीओ में ऑफ़र प्राइस के ऊपर बड़ी डिमांड देखी गई, जैसे कि SBI, HDFC आदि। Jio का केस भी कुछ वैसा ही है क्योंकि डिजिटल सेक्टर में फास्ट ग्रोथ और रिलायंस की बैकिंग है। अगर ऑफ़र खुलते‑ही शेयरों को 800‑900 रुपये पर ट्रेड होना शुरू हो गया तो इसका मतलब हाई डिमांड और संभावित रिटर्न अच्छा होगा, लेकिन साथ ही अधिक वोलैटिलिटी भी बढ़ेगी।
साथ में यह भी समझना ज़रूरी है कि पहली ट्रेडिंग के बाद शेयर की कीमत अक्सर ऑफ़र प्राइस से नीचे गिर सकती है क्योंकि कई निवेशक पहले दिन लाभ निकालते हैं। इसलिए आप यदि लम्बी अवधि का प्लान बना रहे हैं तो मौजूदा बाजार स्थिति को देख कर एंट्री टाइम चुनें।
- **मार्केट वोलैटिलिटी**: टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम सेक्टर में बदलाव तेज़ होते हैं, इसलिए शेयर की कीमत जल्दी नीचे भी जा सकती है।
- **डिल्यूशन रेट**: Jio Platforms ने कई बार फंडरेज़िंग की है; अगर आगे नई इश्यूज आएँ तो मौजूदा शेयरों का मूल्य कम हो सकता है।
- **नियामक बदलाव**: टेलीकॉम लाइसेंस, डेटा प्राइवेसी आदि में सरकारी नीति बदलने से कंपनी के प्रोफ़िट पर असर पड़ सकता है।
इन जोखिमों को देखते हुए केवल वह पैसा निवेश करें जो आप अगले 6‑12 महीने तक बिना निकाले रख सकते हैं। अगर आप शुरुआती हैं तो पहले छोटे आकार का पोर्टफोलियो बनाकर देखें, फिर धीरे‑धीरे बढ़ाएँ।
Jio IPO के लिए अंतिम बुकिंग डेडलाइन 10 अक्टूबर को है (डिटेल्स आपके ब्रोकरेज पर निर्भर)। इस तारीख के बाद, शेयरों का अल्लोकेशन निकलेगा। आप अपने डीमैट अकाउंट में लॉगिन करके अल्लोकेशन स्टेटस देख सकते हैं। ट्रेडिंग शुरू होने से पहले कंपनी की क्वार्टरली रिपोर्ट और रिव्यू पढ़ें, इससे आपको आगे के ट्रेंड समझने में मदद मिलेगी।
अंत में यही कहूँगा – Jio IPO एक बड़ी मौका है लेकिन कोई भी निवेश बिना रिस्क के नहीं होता। अपने लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और समय सीमा को साफ़ रखें, फिर ही सही फैसला ले सकेंगे। शुभ निवेश!
2025 के दूसरे या तीसरे तिमाही में रिलायंस जियो $6.25 बिलियन से अधिक का आईपीओ लाने की योजना बना रही है। वर्तमान बाजार मूल्यांकन के अनुसार, यह आईपीओ भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी। साथ ही, रिलायंस रिटेल भी इसी समय के आसपास लिस्ट हो सकती है जिसकी संभावित वैल्यूएशन $125 से $150 बिलियन होगी। इन दोनो आईपीओ के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज की रणनीतिक विस्तार योजनाओं को बल मिलेगा।