जमा क्या है? क्यों चाहिए हर कोई?

जब बात पैसे की आती है तो कई लोग "जमा" शब्द सुनते ही सोचते हैं कि बस बैंक में रख देना है। लेकिन जमा सिर्फ बचत नहीं, यह आपके भविष्य को सुरक्षित करने का एक तरीका भी है। आज हम समझेंगे कि जमा क्यों जरूरी है और कैसे सही जामा चुनें जिससे आपका पैसा बढ़े।

जमा से जुड़ी प्रमुख ख़बरें

पिछले हफ़्ते RBI ने कुछ नई दरों की घोषणा की, जिससे छोटे जमा वाले खातों पर ब्याज थोड़ा बढ़ा दिया गया है। इससे कई लोग अपने सॉल्डर अकाउंट को फिर से देख रहे हैं। इसी तरह, भारत सरकार ने डिजिटल जमा को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया स्कीम लांच किया – हर महीने 5 % तक बोनस रिटर्न मिल सकता है अगर आप ऑनलाइन ट्रांसफ़र करें। इन खबरों पर नज़र रखना आपके पैसे को बेहतर बनाता है।

अगर आप कस्टमर हैं तो अपने बैंक की मोबाइल ऐप में ‘जमा अपडेट’ सेक्शन देखिए। कई बार छोटे‑छोटे प्रमोशन छूटते नहीं, लेकिन एक सही समय पर किया गया जमा आपको अतिरिक्त बोनस दे सकता है।

जमा कैसे शुरू करें? आसान स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड

1. उद्देश्य तय करें – क्या आप इमरजेंसी फंड बना रहे हैं या लंबी अवधि के लक्ष्य जैसे घर खरीदना?

2. सही खाता चुनें – बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉज़िट या म्यूचुअल फ़ंड। हर एक की ब्याज दर और टैक्स इम्पैक्ट अलग होती है।

3. ऑनलाइन आवेदन करें – अधिकांश बैंकों में KYC पूरा करके 5 मिनट में खाता खोल सकते हैं। अगर आप डिजिटल जमा चुनते हैं तो मोबाइल वॉलेट या UPI से सीधे ट्रांसफ़र करिए।

4. नियमित रूप से जमा करें – हर महीने एक निश्चित राशि सेट करें, इससे आपका लक्ष्य जल्दी पूरा होगा और आपको सविचालन (auto‑debit) का फ़ायदा भी मिलेगा।

5. रिव्यू करें – हर 6 महिने में अपनी बचत की रेटिंग देखें, अगर दर कम हो तो बेहतर विकल्प खोजें।

सिर्फ इतना ही नहीं, जमा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें: बहुत बड़े टर्म पर फिक्स्ड डिपॉज़िट न लगाएँ अगर आपको कभी अचानक पैसे चाहिए हों; ऐसा करने से प्री‑मैच्योर विड्रॉल में पेनल्टी लग सकती है। और टैक्स बचत के लिए सेक्शन 80C की लिमिट का पूरा फायदा उठाएँ, कई लोग इसको भूल ही जाते हैं।

अंत में याद रखें, जमा सिर्फ पैसा रखना नहीं, यह एक योजना बनाना है जिससे आपका भविष्य सुरक्षित रहे। रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी खबरों को पढ़ें, अपने बैंक के अपडेट पर नज़र रखें और नियमित रूप से जमा करें – यही सफलता का रास्ता है। शिन्दे आमवाले में आप हमेशा ताज़ा ख़बरें और आसान टिप्स पाएँगे जो आपके वित्तीय सफर को आसान बनाते हैं।

RBI की मौद्रिक नीति: ऋण और जमा वृद्धि में असमानता पर जोर, छोटे ऋणों पर उच्च ब्याज़ दरें

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऋण और जमा वृद्धि के अंतर पर जोर दिया। यह अंतर आरबीआई की मौद्रिक नीति के निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण है। गवर्नर ने बताया कि छोटे ऋणों पर ब्याज़ दरें अत्यधिक हैं। यह लेख ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जून, 7 2024