जब सरकार कंप्यूटर, मोबाइल या इंटरनेट की मदद से सेवाएँ देती है, तो उसे हम ई-गवर्नेंस कहते हैं। यानी काग़ज़‑पेपर को कम करके, ऑनलाइन फॉर्म और ऐप्स से काम करना। इससे समय बचता है, लाइन में खड़े होने की झंझट नहीं रहती।
पहला तो सुविधा – घर बैठे ही आप आधार अपडेट, टैक्स रिटर्न या पासपोर्ट आवेदन कर सकते हैं। दूसरा पारदर्शिता – हर कदम ऑनलाइन रिकॉर्ड होता है, इसलिए धोखाधड़ी कम होती है। तीसरा लागत बचत – काग़ज़ और डाक के खर्च घटते हैं, सरकार का बजट हल्का पड़ता है। चौथा तेज़ी – मंजूरी प्रक्रिया घंटे में पूरी हो सकती है, दिन‑हफ़्ते नहीं लगाते।
इन फायदों की वजह से भारत में कई बड़ी पहल चल रही हैं। उदाहरण के लिए, डिजिटल इंडिया मिशन ने ग्रामीण इलाकों तक इंटरनेट पहुँचाया है, जिससे किसान अपने फ़सल डेटा और सब्सिडी सीधे ऐप पर देख सकते हैं। इसी तरह UIDAI का आधारभूत ढांचा हर नागरिक को एक ही पहचान देता है, जो विभिन्न सरकारी पोर्टल में लॉग‑इन करने के लिए इस्तेमाल होता है।
आज कई प्रमुख सेवाएँ पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
• सुपरटैक्स पोर्टल: आयकर रिटर्न दाखिल करना, टैक्स रिफंड देखना अब सिर्फ कुछ क्लिक में।
• स्वास्थ्य सेवा (अयुर्वेद): टेलिमेडिसिन ऐप से डॉक्टर से बात कर सकते हैं, प्रिस्क्रिप्शन मोबाइल पर मिल जाता है।
• शिक्षा पोर्टल: ऑनलाइन दाखिला, परिणाम और स्कॉलरशिप जानकारी तुरंत उपलब्ध।
इन प्लेटफ़ॉर्म की खास बात यह है कि वे अक्सर मोबाइल‑फ्रेंडली बनते हैं, इसलिए स्मार्टफ़ोन वाले लोग भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप पहली बार उपयोग कर रहे हों तो वेबसाइट पर “गाइड” या “FAQ” सेक्शन देखें – वहाँ स्टेप‑बाय‑स्टेप निर्देश होते हैं।
ध्यान रखें, ऑनलाइन लेन‑देन में सुरक्षा सबसे ज़रूरी है। अपना पासवर्ड मजबूत रखें, दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन एक्टिव करें और कभी भी अजनबी लिंक पर क्लिक न करें। अगर किसी सरकारी पोर्टल से आपको अनजाना SMS या ईमेल मिला तो आधिकारिक साइट पर जाकर ही लॉग‑इन करें।
अभी तक कई लोग ई-सेवा को अपनाने में हिचकते हैं, लेकिन जब आप एक बार कोशिश करेंगे तो देखेंगे कि कितना आसान है। सबसे पहले निविदा पोर्टल या पोर्टल पर पंजीकरण करिए, फिर अपने काम को डिजिटल बनाइए। एक बार आदत पड़ जाए तो रसीदें इकट्ठी करने की झंझट नहीं रहेगी।
भविष्य में ई-गवर्नेंस और भी स्मार्ट होगा – AI‑आधारित चैटबॉट से तुरंत सवालों के जवाब, ब्लॉकचेन से डेटा सुरक्षित और तेज़ ट्रांसफर, तथा 5G नेटवर्क पर रियल‑टाइम सेवाएँ। इसलिए आज ही डिजिटल कदम उठाइए, ताकि आप अगले साल की नई सुविधाओं का पूरा लाभ ले सकें।
संक्षेप में, ई-गवर्नेंस आपके रोज़मर्रा के काम को तेज़, सस्ता और सुरक्षित बनाता है। अगर अभी तक आपने इसे अपनाया नहीं है तो एक छोटे से प्रयास से शुरुआत करें – आपका समय और मेहनत बचेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (TAN) के निर्गमन और प्रबंधन की प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करना है। नई प्रणाली में एक एकीकृत डेटा स्रोत का उपयोग होगा जिससे विश्वसनीयता बढ़ेगी और त्रुटियाँ कम होंगी। पर्यावरण के अनुकूल कागज रहित प्रणाली भी बनाई जाएगी।