उड़ान पर बैठते ही अक्सर सोचते हैं कि सब ठीक रहेगा, लेकिन छोटी-छोटी सावधानियों से आप अपने सफर को काफी आरामदायक बना सकते हैं। यहाँ हम बताते हैं वो बातें जो हर यात्री को पता होनी चाहिए – न कि सिर्फ एयरलाइन की, बल्कि आपकी अपनी भी।
हर बड़ी एयरलाइन के पास एक विस्तृत चेकलिस्ट होती है: विमान का तकनीकी निरीक्षण, पायलटों की नियमित ट्रेनिंग और मौसम का लगातार अपडेट। जब आप बोर्ड पर बैठते हैं तो ये सब पहले से ही हो चुका होता है। इसलिए अगर कॉकपिट में कोई छोटा गड़बड़ी दिखे, तो क्रू तुरंत उसे ठीक कर देता है। इस प्रक्रिया को समझना मुश्किल नहीं – बस याद रखें कि आपका सीट बेल्ट बंद रखना, पायलट के निर्देशों का पालन करना और एम्बरगेटिंग प्लेन की जानकारी पढ़ना काफी मददगार है।
1. सीट बेल्ट हमेशा बांधें – turbulence (हवा का झटका) अचानक आ सकता है, इसलिए बेल्ट बंद रखें, चाहे आप ऊँचाई में हों या जमीन से टकरा रहे हों।
2. कैरी‑ऑन बैग सही जगह रखें – ओवरहेड बिन में रखे सामान का वजन सीमित होता है; अगर बहुत भारी हो तो वो उड़ान के दौरान फिसल सकता है और चोट लग सकती है।
3. इमरजेंसी निकास की जाँच करें – दरवाजा खुलता है या नहीं, उसके पास कोई बाधा तो नहीं, ये जल्दी से देख लें।
4. कस्टम और सुरक्षा जांच में सहयोगी बनें – लिक्विड्स को 100 ml तक रखें, इलेक्ट्रॉनिक सामान को अलग रखकर स्कैन करवाएँ। इससे लाइन में समय कम लगेगा और तनाव भी घटेगा।
5. स्वास्थ्य का ध्यान रखें – यात्रा के दौरान पानी पीते रहें, हल्का खाना खाएँ और अगर आपको कोई विशेष दवा चाहिए तो पहले से डॉक्टर की सलाह ले लें।
इन आसान कदमों को अपनाकर आप न सिर्फ खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आस‑पास के यात्रियों को भी आराम देंगे। याद रखिए, हवाई सुरक्षा एक टीम खेल है – एयरलाइन, पायलट और यात्री सबको साथ मिलकर काम करना होता है।
हवाओं की तेज़ी, थंड या बर्फबारी जैसी मौसम स्थितियां अक्सर उड़ानों को प्रभावित करती हैं। एयरलाइनें ऐसे में रूट बदल देती हैं या कभी‑कभी उड़ान स्थगित कर देती हैं। अगर आपको देरी का संदेश मिले तो घबराएँ नहीं – यह सुरक्षा के लिए बेहतर है। दूसरी ओर, कुछ लोग बोर्डिंग के समय बहुत जल्दी उठते-भटकते रहते हैं, जिससे गिरने की संभावना बढ़ती है। ऐसे में आराम से बैठें और एट्रेनमेंट सिस्टम पर ध्यान दें।
सुरक्षा डेमो (डेमोंस्ट्रेशन) भी महत्वपूर्ण है। जब फ्लाइट अटेन्डेंट दिखाते हैं कैसे लाइफ जैकेट पहनना है या इमरजेंसी स्लाइड का इस्तेमाल करना है, तो इसे ज़रूर देखें। कई बार लोग इस पर नजर नहीं देते और बाद में पछताते हैं।
अगर आप अक्सर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करते हैं तो हर देश के अलग‑अलग सुरक्षा नियम हो सकते हैं – कुछ जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पूरी तरह बंद रखना पड़ता है, तो कभी‑कभी केवल एयरप्लेन मोड पर्याप्त रहता है। इस बारे में पहले से जानकारी ले लेना फायदेमंद रहेगा।
सारांश में, हवाई सुरक्षा सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि आपकी छोटी-छोटी आदतों पर भी निर्भर करती है। सीट बेल्ट बंद रखें, एम्बरजेंसी निकास देखें और एयरलाइन के निर्देशों को मानें – यही सबसे असरदार तरीका है एक सुरक्षित उड़ान का।
भारत में एयरलाइनों को धमकी भरे संदेशों के कारण पिछले 48 घंटों में कम से कम 17 उड़ानों पर असर पड़ा है। इन धमकियों के चलते उड़ानों में देरी और डायवर्जन हुआ है। केंद्रीय सरकार ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, जिसमें एक विशेष सोशल मीडिया खाते से उत्पन्न किए गए धमकी संदेशों का अध्ययन किया जा रहा है।