घरैलू हिंसा: समझें, रोकें, मदद पाएँ

घर में होने वाला ज़बरी या दुर्व्यवहार अक्सर छुपा रहता है। कई लोग सोचते हैं कि घर सिर्फ सुरक्षित जगह है, लेकिन वास्तविकता में कभी‑कभी यह वही स्थान बन जाता है जहाँ शारीरिक, मानसिक या आर्थिक दबाव मिलता है। अगर आप या आपके जानने वाले इस समस्या से जूझ रहे हैं तो पढ़ें, क्योंकि यहाँ सरल उपाय और मदद के रास्ते बताए गए हैं।

घरैलू हिंसा की आम लक्षण

हिंसा सिर्फ मारपीट नहीं है। यह शब्द में कई चीज़ें शामिल होती हैं: बारी‑बार गाली‑गलौज, आर्थिक नियंत्रण, सामाजिक अलगाव और भावनात्मक दबाव। अक्सर पीड़ित को समझ आता है कि ये सब सामान्य रिश्ते का हिस्सा है, इसलिए वह मदद माँगने से डरती/डरता है। अगर आप देखते हैं कि आपके साथी या परिवार के सदस्य लगातार आपको नीचा दिखाते हैं, आपकी हर छोटी‑छोटी बात पर गुस्सा होते हैं, या आपका पैसा बिना अनुमति इस्तेमाल किया जाता है – तो ये घरैलू हिंसा की संकेत हो सकते हैं।

सुरक्षा और मदद कैसे लें?

पहला कदम – खुद को सुरक्षित समझें। अगर आप तुरंत खतरे में हैं तो 100 या 112 पर कॉल करें, पुलिस से मदद मांगें। कई राज्य में महिला सुरक्षा के लिए विशेष हॉटलाइन चल रही है, जैसे 181 (राष्ट्रीय हेल्पलाइन) और स्थानीय स्तर पर महिला आयोग की हेल्पलाइन।

दूसरा कदम – भरोसेमंद व्यक्ति को बताएं। दोस्त, परिवार या कोई सामाजिक कार्यकर्ता अक्सर शुरुआती मदद दे सकता है। आप ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं, जैसे राष्ट्रीय महिला पोर्टल (swachhbharat)।

तीसरा कदम – कानूनी कार्रवाई की सोचें। घरैलू हिंसा को रोकने वाले कानून भारत में मौजूद हैं – पीडियाट्रिक एक्ट 2005, घरेलू वाइलेंस एक्ट 2005 आदि। आप अपने नजदीकी पुलिस थाने या महिला आयोग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं और फ़िर कोर्ट के माध्यम से संरक्षण आदेश (Protection Order) प्राप्त कर सकते हैं।

चौथा कदम – आर्थिक स्वतंत्रता बनाएं। अगर आपका खर्चा सीमित है तो बचत शुरू करें, नौकरी या स्किल ट्रेनिंग पर ध्यान दें। कई NGOs मुफ्त में प्रशिक्षण देती हैं और रोजगार की जानकारी भी उपलब्ध करवाती हैं।

पाँचवां कदम – मानसिक मदद लें। अक्सर हिंसा के बाद डिप्रेशन या एंग्ज़ायटी आती है। सायकोलॉजिस्ट, काउंसिलर या भरोसेमंद मित्र से बात करें। कई शहरों में मुफ्त परामर्श उपलब्ध हैं, इसे नज़रअंदाज़ मत करें।

घरैलू हिंसा का सामना अकेले नहीं करना पड़ता। सरकार, NGOs और समाज सभी मिलकर इस समस्या को कम कर सकते हैं। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस स्थिति में है तो तुरंत कदम उठाएं – सुरक्षा सबसे पहले आती है। याद रखें, मदद हमेशा उपलब्ध है; बस सही जानकारी और साहस की जरूरत है।

एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने पूर्व प्रेमिका के साथ घरेलू हिंसा मामले का किया निपटारा

विश्व नंबर चार टेनिस खिलाड़ी एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने अपनी पूर्व प्रेमिका ब्रेंडा पाटेआ के साथ घरेलू हिंसा मामले का अदालत से बाहर निपटारा कर लिया है। इसमें 2,00,000 यूरो की मौद्रिक शर्त शामिल थी। यह समझौता उनके अपराध को साबित नहीं करता। जर्मन अदालत ने इस समझौते के बाद मामला बंद कर दिया।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जून, 8 2024