गणेश चतुर्थी के बाद आता है गणेश विसर्जन। यह दिन शांति और भक्ति से भरा होता है। 2025 में गणेश विसर्जन की तारीख अनंत चतुर्थी के अनुसार सितंबर के अंत में होगी। लेकिन आपको सही समय और तरीका पता होना ज़रूरी है। विसर्जन का समय शाम के 6 बजे से 8 बजे के बीच होता है, जब आप गणपति बप्पा को नदी, झील या समुद्र में विसर्जित करते हैं।
2025 में गणेश विसर्जन 20 सितंबर के आसपास होगा। इस दिन शाम के समय भक्त गणपति को विसर्जित करते हैं। अगर आपके घर के पास नदी नहीं है, तो आप घर पर ही विसर्जन कर सकते हैं। लेकिन याद रहे, विसर्जन के बाद पानी को तुरंत निकाल दें। इससे आपका घर साफ-सुथरा रहेगा।
पहली बात, आप गणेश बप्पा के लिए पानी से बने आइडल का इस्तेमाल करें। प्लास्टिक या रंगीन रंगों के आइडल न लें, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। दूसरी बात, विसर्जन के बाद नदी के किनारे साफ-सफाई करें। तीसरी बात, विसर्जन के दौरान गाने-भजन गाएं, लेकिन शोर न करें।
विसर्जन से पहले गणपति को फल, मिठाई और दीपक चढ़ाएं। यह उनके आशीर्वाद के लिए एक अच्छा तरीका है। अगर आप बच्चों के साथ विसर्जन कर रहे हैं, तो उन्हें बताएं कि गणपति बप्पा कहाँ जाते हैं। यह उनके लिए भक्ति का पाठ होगा।
गणेश विसर्जन का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह शांति का प्रतीक है। इस दिन के बाद आपके घर में शुभ आशीर्वाद रहता है। तो, अगले साल गणेश विसर्जन के दिन अपने घर के लिए तैयार रहें। याद रहे, विसर्जन के दौरान शांति और भक्ति का अनुभव करें।
गणेश चतुर्थी 2023 का दस दिवसीय पर्व 19 से 28 सितंबर तक देशभर में धूमधाम से मनाया गया। भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी की तिथि 18 से 19 सितंबर सुबह 10:28 तक रही, इसलिए उपवास 18 को और मुख्य स्थापना 19 को हुई। इस बार मंगलवार, रवि योग और स्वाति-विषाखा नक्षत्र के योग ने पर्व को खास बनाया। बड़े शहरों में सुरक्षा, ट्रैफिक और पर्यावरण के लिए विशेष इंतज़ाम हुए।