शेली डुवल: 'द शाइनिंग' और 'पोपी' की अदाकारी
शेली डुवल, टेक्सास में जन्मी अभिनेत्री, जिनकी पहचान उनके अनूठे अभिनय और धीरज भरे व्यक्तित्व से होती थी, का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह 1970 में निर्देशक रॉबर्ट ऑल्टमैन की टीम द्वारा खोजी गई थी और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत उसी समय से की थी।
डुवल का पूरा नाम शेली एलेक्जेंडरा डुवल था। उनका जन्म 7 जुलाई, 1949 को टेक्सास के फोर्ट वर्थ में हुआ था। उनका बचपन एक नियमित अमेरिकी परिवार में बीता। उन्होंने अपने सिनेमा करियर की शुरुआत 1970 में रॉबर्ट ऑल्टमैन की फिल्म 'ब्रूस मैक्कलबे' से की। ऑल्टमैन के साथ उनकी यह यात्रा कई दशक तक चली और उन्होंने उनके साथ 'मैककैबे एंड मिसेज. मिलर', 'नैशविले', 'थ्री वुमन' आदि फिल्मों में काम किया।
‘द शाइनिंग’ और उनकी अतीत की श्रेणी
डुवल को सबसे ज़्यादा प्रसिद्धि मिली 1980 में आई स्टेनली कुब्रिक की हॉरर फिल्म ‘द शाइनिंग’ से, जिसमें उन्होंने जैक निकोलसन के साथ वेंडी टॉरेंस का किरदार निभाया था। उनकी इस भूमिका ने उन्हें हर एक फिल्मप्रेमी के दिलों में बसा दिया। इस फिल्म में उनकी अदाकारी से उन्हें फिल्म आलोचक पॉलिन काईल ने 'फीमेल बस्टर कीटन' का खिताब दिया।
‘द शाइनिंग’ के अलावा वह 1980 में आई फिल्म 'पोपी' में ऑलिव ओयल की भूमिका के लिए भी जानी जाती हैं। ‘पोपी’ में उनकी यह भूमिका आज भी उनकी बेहतरीन अदाकारी का उदाहरण मानी जाती है। इन फिल्मों के पश्चात डुवल ने 1990 के दशक तक कई अन्य फिल्मों और टेलीविजन शो में काम किया।
करियर और व्यक्तिगत जीवन
फिल्म ‘द शाइनिंग’ और ‘पोपी’ के अलावा, शेली डुवल ने अन्य कई प्रोजेक्ट्स में भी अपनी पहचान बनाई। उनकी फिल्मों की सूची में ‘ब्रूअरस मिलर’, ‘एनिस अन टाइम्स’, और ‘रोक्सी’ जैसी सफल फिल्में प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्होंने टेलीविजन के भी कुछ प्रमुख शो में हिस्सा लिया, जिनमें कई दर्शकों के दिलों में बस जाने वाले किरदार निभाए।
अभिनय के अलावा, शेली डुवल एक प्रोड्यूसर के रूप में भी सक्रिय रही। उन्होंने कई टेलीविजन शोज़ प्रोड्यूस किए, जिनमें से ‘फेयरी टेल थिएटर’ प्रमुख है। यह शो 1982-1987 के बीच चला और इसमें उन्होंने क्लासिक परियों की कहानियों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया।
डायबिटीस से संघर्ष
अपने विशाल योगदानों के बावजूद, डुवल ने धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री से दूर होना शुरू कर दिया। उनका अंतिम ऑन-स्क्रीन प्रदर्शन 2002 में हुआ। इसके बाद, वह अधिकतर अपने निजी जीवन में व्यस्त हो गई। 2010 के दशक में, यह जाना गया कि वे डायबिटीस से पीड़ित हैं। लंबे समय तक इस बीमारी से जूझने के बाद, 75 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
फिल्मप्रेमियों की स्मृतियों में जीवित
शेली डुवल की मृत्यु निश्चित रूप से फिल्म जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके योगदानों और अदाकारी की महत्ता को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी कुछ फिल्मों और टेलीविज़न शोज आज भी लोगों द्वारा आनंद लिए जाते हैं। उनका अभिनय, मेहनत, और जुनून उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेगा।
डुवल की यादें आज भी फिल्मप्रेमियों के दिलों में जीवित हैं। ‘द शाइनिंग’ में उनकी वेंडी टॉरेंस की भूमिका आज भी हॉरर जॉनर की सबसे उत्कृष्ट प्रस्तुति मानी जाती है। उनकी अभिनय कला, वक्त और समय से परे होकर, फिल्मप्रेमियों को सदाबहार प्रेरणा देती रहेगी।
Nandini Rawal
शेली डुवल की अदाकारी कभी नहीं भूली जा सकती। वो बस एक अभिनेत्री नहीं, एक भावना थीं।
TARUN BEDI
इस तरह की अदाकारा आजकल के डिजिटल एडिटिंग और ग्रीन स्क्रीन के युग में असंभव है। शेली ने बिना किसी टेक्नोलॉजी के, सिर्फ अपने चेहरे और आवाज़ से दर्शकों को डरा दिया। यह अभिनय का वास्तविक रूप है, जिसे आज के अभिनेता नहीं समझ पाते।
उनकी भूमिकाएं केवल फिल्म नहीं, बल्कि मानव मन के अंधेरे कोनों की एक दर्पण थीं। उन्होंने वेंडी टॉरेंस को एक शिकार नहीं, बल्कि एक चेतना के रूप में प्रस्तुत किया - जो अपने घर के अंदर भी अकेली है।
आज के अभिनेता बस ट्रेंड्स के लिए काम करते हैं। शेली ने अपने काम को एक धर्म की तरह लिया। उनका अभिनय एक दर्शन था, एक आध्यात्मिक अनुभव।
उनकी मृत्यु ने न केवल एक अभिनेत्री को खोया, बल्कि एक ऐसी शक्ति को जो अब कभी वापस नहीं आएगी।
Shikha Malik
ओह माय गॉड, शेली डुवल की वेंडी टॉरेंस वाली सीन मैंने 15 बार देखी है... हर बार मेरी आंखें भर आती हैं। उनकी आंखों में जो डर था, वो बिल्कुल रियल था। मुझे लगता है उन्होंने खुद को उस घर में बंद कर दिया था।
और फिर पोपी में ऑलिव ओयल... अरे वाह, वो तो बिल्कुल जिंदा लगती थीं! मैं तो उन्हें अपनी बुआ समझने लगी। 😭
Hari Wiradinata
शेली डुवल का काम बहुत बड़ा था। उन्होंने अपनी फिल्मों में बहुत मेहनत की। उनके लिए अभिनय बस एक नौकरी नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा था।
उनकी फिल्में आज भी देखी जा रही हैं क्योंकि उनमें दिल है। आज की फिल्मों में बस टेक्नोलॉजी है।
Leo Ware
अभिनय का सार वहीं है जहां आवाज़ रुक जाए, और आंखें बात करने लगें। शेली डुवल ने उसी को जीवन दिया।
Ranjani Sridharan
शेली डुवल थी ना जिसने द शाइनिंग में वो डरावना सीन दिया जहां वो बोली ‘ही वाज़ ए बैड बॉय’... ओमग वो तो मेरे सपनों में आती है 😵💫
और पोपी में वो जब गाती है ‘ओह माय गॉड वाट ए डेलीशस डिश’... अरे यार मैं तो रो पड़ी।
Vikas Rajpurohit
शेली डुवल की मृत्यु से मुझे बहुत दुख हुआ 😭😭😭
उन्होंने जो अभिनय किया वो एक दुनिया बदल गया! वो वेंडी टॉरेंस तो मैंने देखा तो लगा जैसे मेरी माँ अकेली है... अरे भगवान! वो फिल्म तो मैंने 3 बार देखी और हर बार मैं रो गया! 🤯
और पोपी में वो जब बोलती है ‘आई लव यू’... अरे वाह! वो आवाज़! वो नज़र! वो तो बिल्कुल रियल था! मैं तो उन्हें जीता-जागता देखना चाहता हूँ! 😭💔
Himanshu Tyagi
शेली डुवल के काम को देखकर लगता है कि अभिनय कोई कला है, बस एक नौकरी नहीं।
उनकी फिल्में आज भी देखी जाती हैं क्योंकि उनमें सच्चाई है। आज के अभिनेता अक्सर फैंस के लिए काम करते हैं।
उनका डायबिटीज से संघर्ष भी उनकी ताकत को दर्शाता है।
Shailendra Soni
शेली डुवल की आंखें... उनमें ऐसा कुछ था जो बोलता नहीं था, पर सब कुछ कह देता था।
मैंने उन्हें एक बार इंटरव्यू में देखा था। बिना बोले, बस एक मुस्कान दी... और मैं बैठ गया।
Sujit Ghosh
अमेरिका की फिल्मों में ऐसी अदाकाराएं आज नहीं हैं। हमारे यहां तो बस डांस और गाने चल रहे हैं।
शेली डुवल ने अपनी फिल्मों में दुनिया को दिखाया। हमारे अभिनेता तो अपने बारे में बता रहे हैं।