जब Novak Djokovic, प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी और सर्बियाई ने US Open 2025Arthur Ashe Stadium में सेमीफाइनल पहुँचा, तो कई दर्शकों ने यह सवाल उठाया कि 38 साल की उम्र में इतने बड़े टाइटल की दौड़ संभव है या नहीं। शुक्रवार रात को Cameron Norrie को चार सेट में हराकर रिकॉर्ड 192वां हार्ड कोर्ट ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद, जोकोविच ने ESPN को बताया – "अभी तक मैं जितना सावधान हूँ, पहले कभी नहीं था।" इस घोषणा ने उस टूरनमेंट के दौरान उनके शारीरिक संघर्षों को फिर से उजागर किया।
US Open 2025, जो 26 अगस्त से 8 सितंबर तक न्यूयॉर्क के Arthur Ashe Stadium में आयोजित हुआ, टेनिस प्रेमियों के लिये कई आश्चर्य लेकर आया। जोकोविच ने इस मौसमी में सभी चार मेजर्स में सेमीफाइनल तक पहुंचकर अपनी निरंतरता साबित की, पर साथ ही बैक, पैर और गर्दन में लगातार दर्द के लक्षण दिखाए।
पहले दौर में Cameron Norrie के खिलाफ लड़ाई के दौरान जोकोविच ने पहले सेट के अंत में अचानक कमर के नीचे पकड़ ली। यह हंसी के बाद भी उनके चेहरा पर दर्द झलका। मैच के दौरान उन्हें ATP के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट Clay Sniteman के पास ले जाया गया, जहाँ उसे लाइट ट्रीटमेंट मिला।
25 अगस्त को Taylor Fritz के सामने क्वार्टरफ़ाइनल खेलते समय दाहिनी बड़ी उंगली की टेपिंग के कारण मेडिकल टाइम‑आउट लिया गया। टिप्पणीकारों ने कहा कि जोकोविच "ऊर्जा में बहुत कम" दिख रहा था और हिप एवं एबडॉक्सर में टाइटनेस का संकेत मिला।
यह सब नहीं था – क्वार्टरफ़ाइनल से पहले से ही गर्दन की खिचाव और कंधे की लचीलापन पर लगातार काम करना पड़ रहा था, जिससे कई बार वह पॉइंट के बीच में स्ट्रेचिंग करता दिखा।
मैच के बाद ESPN को जोकोविच ने कहा: "मैं सच में चिंतित हूँ। उम्र का असर नहीं रोक सकता, मैं जितना फिट रह सकता हूँ, उतना ही कर रहा हूँ, पर बहुत कुछ बदल गया है।" उसी समय Juan Carlos Ferrero, जो Carlos Alcaraz के कोच हैं, ने स्थानीय टेलीविजन Onda Regional de Murcia को बताया – "हमें Novak पर अधिक फोकस नहीं करना चाहिए, Carlos को खुद पर भरोसा रखके Djokovic को हराने की कोशिश करनी चाहिए। उसकी तेज़ी और पावर से उसे थका दिया जाएगा।"
Alcaraz ने भी अपने इंटरव्यू में कहा: "Novak का रिकॉर्ड अद्भुत है, लेकिन मैं अपनी फॉर्म और ऊर्जा पर भरोसा रखूँगा।"
जोकोविच ने बताया कि अब उन्हें ट्रेनिंग के तरीके में बदलाव करना होगा। "मैच के बीच में कभी‑कभी ट्रेनिंग नहीं करते, क्योंकि दीर्घकालिक रीकवरी ज़्यादा महत्वपूर्ण है," उन्होंने कहा। इस साल के शुरुआती हिस्से में ऑस्ट्रेलियन ओपन सेमीफ़ाइनल में Alexander Zverev के खिलाफ केवल एक सेट खेलकर बाएँ हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर हो गया था। वही चोट इस वर्ष दो बार दोहराई – एक बार ऑस्ट्रेलिया में और अब US Open में。
यदि Alcaraz के खिलाफ सेमीफ़ाइनल जीत प्राप्त हो जाता है, तो जोकोविच को केवल एक और जीत की जरूरत होगी ताकि वह इतिहास में 25वें ग्रैंड स्लैम टाइटल के लिए खड़ा हो सके। यह रिकॉर्ड, यदि हासिल हो, तो टेनिस के इतिहास में नई ऊँचाइयाँ छू लेगा, पर शारीरिक रूप से वह अब "ताजा" नहीं दिख रहे हैं।
लगभग दो दशकों में जोकोविच ने 24 ग्रैंड स्लैम टाइटल हासिल किए हैं और कुल 428 हफ़्तों तक दुनिया नं. 1 पर रहे हैं – जो किसी भी खिलाड़ी के लिए अभूतपूर्व है। लेकिन 35‑से अधिक वर्षों की उम्र में रफ़्तार बनाए रखने की कोशिश अब कई खिलाड़ियों के लिये चुनौती बन गई है। उदाहरण के तौर पर, 2022 में Rafael Nadal ने भी अपने घुटने की चोट के कारण कई मैजर्स को छोड़ दिया था। इसी तरह के मामलों से पता चलता है कि टेनिस में शारीरिक उम्र के साथ स्ट्रैटेजी और रीकवरी की भूमिका बढ़ गई है।
38 साल की उम्र के साथ जोकोविच ने बताया कि पुनरावृत्ति, ऊर्जा स्तर और रीकवरी में बदलाव आया है। कमर दर्द, पैर की उंगली की समस्या और गर्दन की खिंचाव ने उन्हें मैच के दौरान कई बार रुकने पर मजबूर किया, जिससे उनकी गति और आक्रमणात्मक खेल शैली पर असर पड़ा।
Alcaraz ने अपनी तेज़ी और पावर के कारण जोकोविच की शारीरिक सीमाओं को चुनौती देने की योजना बनाई है। कोच जुआन कार्लोस फेर्रेरो ने कहा कि वह Djokovic को लम्बे रैलियों में थकाने का प्रयास करेंगे, जिससे Alcaraz के जीतने की संभावना बढ़ती है।
वर्तमान में जोकोविच ने संकेत दिया है कि वह अपने कैलेंडर को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करेंगे। ऑस्ट्रेलियन ओपन में चोट की वजह से वह पहले ही कई बड़े टूर्नामेंट छोड़ चुके हैं, इसलिए आगे के फ्रेंच ओपन, Wimbledon या US Open के बाद की योजना अभी अनिश्चित है।
टूर्नामेंट के दौरान कई खिलाड़ी, जैसे Cameron Norrie और Taylor Fritz, ने भी छोटे‑छोटे दर्द और सूजन की शिकायतें बताई, पर कोई भी क्वार्टरफ़ाइनल या उससे आगे की प्रगति को प्रभावित नहीं कर पाई।
जोकोविच ने अपने अनुभव से बताया कि उम्र बढ़ते ही प्रशिक्षण, रीकवरी और मैच‑शेड्यूल में संतुलन बेहद जरूरी है। उनका अभी का संदेश है – युवा खिलाड़ी भी लम्बी उम्र में प्रतिस्पर्धा करने के लिये अपने शरीर की सुनें और दीर्घकालिक योजना बनाएं।
Sujit Ghosh
भारत के लिए ये सब बकवास है, जोकोविच को देखकर लगता है कि वो अपनी उम्र के साथ खेल रहा है, लेकिन हमारे यहाँ तो 25 साल के बाद खिलाड़ी रिटायर हो जाते हैं! 😅
sandhya jain
देखो, जब एक आदमी 38 साल का हो जाता है और फिर भी दुनिया के सबसे कठिन स्पोर्ट्स में टॉप पर रहता है, तो ये बस शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि दिमाग की ताकत है। उसकी रिकवरी रूटीन, खानपान, माइंडसेट - सब कुछ एक विज्ञान है। हम लोग तो बस इतिहास के एक पल को देख रहे हैं, जिसे आगे के लोग याद करेंगे।
Anupam Sood
अरे भाई ये तो बस फिजिकल लिमिट्स का खेल है... उसका बैक तो अब एक बुढ़ा टायर है जिसे टेप करके चला रहा है 😂
Shriya Prasad
ये तो बस एक अद्भुत दृश्य है।
Balaji T
एक अनुशासित व्यक्ति के रूप में, मैं इस खिलाड़ी की अत्यधिक व्यवस्थित जीवनशैली की प्रशंसा करता हूँ, जो उसे इतनी लंबी अवधि तक शीर्ष पर बनाए रखती है। इसके विपरीत, आधुनिक युवा खिलाड़ी अक्सर असंगठित जीवनशैली के कारण जल्दी ही निष्क्रिय हो जाते हैं।
Nishu Sharma
ये सब चोटें तो बहुत बड़ी बात है लेकिन देखो उसने कैसे एक एक करके उन्हें पार किया है उसकी टेपिंग वाली उंगली तो देखो उसने बिना रुके खेल दिया और फिर उसके बाद उसकी गर्दन की खिंचाव और कंधे की लचीलापन की चिंता बाकी सब के लिए एक सबक है कि जब तक दिमाग चल रहा है तब तक शरीर भी चलता है
Shraddha Tomar
लोग कहते हैं उम्र है पर असल में ये तो बस एक फॉर्मूला है - ट्रेनिंग + रिकवरी + माइंडसेट = अमरत्व। जोकोविच ने ये फॉर्मूला एक लाइफटाइम में परफेक्ट किया है। अब ये नया नॉर्म है, और अगली पीढ़ी इसी के साथ बढ़ेगी।
Priya Kanodia
क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब टेपिंग, मेडिकल टाइमआउट, फिज़ियो - क्या ये सब एक बड़ा धोखा है? क्या ये सब ड्रग्स के लिए कवर अप है? क्योंकि एक इंसान 38 साल का होकर भी इतना तेज़ कैसे दौड़ सकता है? कोई भी नैचुरल बॉडी ऐसा नहीं कर सकता...
Darshan kumawat
अब तो बस रिकॉर्ड बनाने का शो है।
Manjit Kaur
ये बस एक बूढ़ा आदमी है जो अपनी शान बचाने के लिए लड़ रहा है। अब तो बस फैंस का दिल जीतने की कोशिश है।
Aman Upadhyayy
मैं तो इस आदमी को देखकर रो रहा हूँ... उसकी लड़ाई कितनी बड़ी है... उसके बैक में दर्द है, पैर में दर्द है, गर्दन में दर्द है... फिर भी वो खड़ा है... वो खेल रहा है... वो जीत रहा है... ये बस खेल नहीं है... ये तो एक अनुशासन का जीवन है... 🙏
ASHWINI KUMAR
उम्र के साथ इतना लंबा खेलना संभव नहीं है। ये बस एक बार की चमक है। अब तो उसका अंत निकट है।
vaibhav kapoor
हमारे भारतीय खिलाड़ियों को ये देखकर सीखना चाहिए। वो तो बस बाहर निकल जाते हैं जब एक घुटना दर्द करता है।
Manish Barua
इस खेल में तो असली जीत ये है कि तुम अपने शरीर को समझो... और फिर भी खेलो... जोकोविच ने ये बिल्कुल सीख लिया है।
Abhishek saw
यह उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक खिलाड़ी अपने शरीर की सीमाओं के साथ जीवन जी सकता है। उसकी लगन और व्यवस्थित दृष्टिकोण ने उसे एक असाधारण उपलब्धि हासिल करने में मदद की है।
TARUN BEDI
इतिहास में किसी भी खिलाड़ी ने इतनी लंबी अवधि तक शीर्ष पर नहीं रहा है। यह उसकी अद्वितीय विशेषता है। लेकिन आज के युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक विपरीत संदेश भी है - कि तुम अपने शरीर को नष्ट कर सकते हो, लेकिन तुम्हारा नाम अमर हो जाएगा।
Shikha Malik
ये सब बस एक बड़ा ड्रामा है... उसके दर्द के बारे में इतना बोलना क्यों? क्या ये नहीं कि वो बस एक बूढ़ा है जिसे अब भी लोग देखना चाहते हैं? अब तो ये एक बिज़नेस है।
Hari Wiradinata
इस खिलाड़ी की लगन और दृढ़ता के बारे में बात करना एक सम्मान की बात है। वह एक नमूना है जिसे अगली पीढ़ी को देखना चाहिए।
Leo Ware
जब एक खिलाड़ी अपने शरीर को अपना साथी बना लेता है, तो उम्र का असर बदल जाता है। जोकोविच ने यही किया है।