विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने 2024 फ्रेंच ओपन में अपनी दूसरी लगातार पांच सेटों वाली रोमांचक जीत हासिल कर ली है। अर्जेंटीना के धाकड़ खिलाड़ी फ्रांसिस्को सेरुंडोलो के खिलाफ खेले गए इस मैच में जोकोविच ने 6-1, 5-7, 3-6, 7-5, 6-3 से विजय प्राप्त की। यह उनकी करियर की 370वीं बड़ी जीत है, जिससे उन्होंने प्रसिद्ध खिलाड़ी रोजर फेडरर के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। इस जुझारू मुकाबले ने दर्शकों को जोकोविच के दृढ़ संकल्प और अद्वितीय खेल क्षमता का एक और उदाहरण दिया।
मैच के दौरान दूसरी सेट में जोकोविच को घुटने में चोट भी लगी, जिसका प्रभाव उनके खेल पर साफ-साफ दिखाई दिया। हालांकि, अपनी मानसिक ताकत और दृढ़ निश्चय के बल पर वे इसे पार कर सके। चोट की वजह से उन्हें नौह-नौ कड़ा संघर्ष करना पड़ा, जबकि सेरुंडोलो ने भी अपना पूरा दमखम लगाया। लेकिन जोकोविच ने हार नहीं मानी और चौथे और पांचवे सेट में शानदार वापसी करते हुए विजय हासिल की। पांचवे सेट के दौरान, उनकी गिरावट और चोट के साथ मुकाबला करते हुए दर्शकों ने उनकी हिम्मत और खिलाड़ियों के प्रति दीप सम्मान प्रदर्शित किया।
जोकोविच का यह प्रदर्शन जितना प्रेरणादायक है, उतना ही यह उनकी अदम्य खेल भावना का परिचायक भी है। उनके इस जीत के साथ उन्होंने अपने क्वार्टरफाइनल में जगह सुनिश्चित की और साथ ही अपना नंबर एक रैंक भी बनाए रखा। उनकी नजरें अब 25वें प्रमुख खिताब पर टिकी हुई हैं, जो उन्हें टेनिस की दुनिया में एक अनोखा स्थान देगी।
जोकोविच अपनी खेलने की शैली और अपने जुझारू स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। चाहे वह शारीरिक चुनौती हो या मानसिक संकट, उन्होंने हमेशा अपने विरोधियों को मात दी है और यह मैच इसका एक विशिष्ट उदाहरण है। इस मैच के दौरान, न केवल वे अपने प्रतिद्वंद्वी का सामना कर रहे थे, बल्कि अपनी खुद की सीमा और चुनौतियों का भी सामना कर रहे थे।
जोकोविच के करियर की कहानी एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे दृढ़ निश्चय और उत्कृष्टता जीत दिलाती है। उनकी यात्रा प्रेरणादायक है, और यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत और प्रयास के बल पर किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनका यह जीतने का मनोबल और आत्मविश्वास आने वाले मैचों में भी उनके पक्ष में काम करेगा। आने वाले मैचों में किस्मत और कौशल की यह जुगलबंदी उन्हें और भी महान बनाने में मदद करेगी।
जोकोविच की यह शानदार वापसी फ्रेंच ओपन के प्रमुख आकर्षणों में से एक बन गई है। यह मैच यादगार रहेगा और टेनिस प्रेमियों को बहुत समय तक याद रहेगा। उनकी इस जीत ने फ्रेंच ओपन को एक नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया है और हमें यह समझाया है कि क्यों जोकोविच को टेनिस के महानतम खिलाड़ियों में गिना जाता है।
Sini Balachandran
कभी-कभी लगता है कि जोकोविच इंसान नहीं, कोई एल्गोरिदम है जो थकने को नहीं जानता। चोट लगी, तो दिमाग ने बॉडी को बताया - अब तो बस जीतना है। ये जीत सिर्फ टेनिस नहीं, एक दर्शन है। जीवन में भी ऐसा ही होता है - जब तक दिमाग लड़ता है, शरीर अकेले नहीं गिरता।
Sanjay Mishra
भाई ये मैच देखा तो लगा जैसे कोई शेक्सपियर का ट्रैजेडी बन गया हो - दूसरा सेट में जोकोविच का घुटना टेक गया, तीसरा सेट में उसकी आत्मा बेहोश हो गई, चौथे में वो खुद को फिर से बनाने लगा... और पांचवे में? वो नहीं जीता, वो रिसरेक्शन कर रहा था! ये जीत नहीं, रिबर्थ है।
Ashish Perchani
मैंने तो इस मैच को अपने ऑफिस के कॉफी ब्रेक में देखा। जब जोकोविच ने फाइनल पॉइंट विन किया, तो मेरा कॉफी कप हाथ से छूट गया। अरे भाई, ये आदमी इतना जुनून लेकर खेलता है कि लगता है उसके खून में टेनिस बॉल बह रही है। फेडरर का रिकॉर्ड तो बस एक नोट था, उसे उसने अपने नाम से जला दिया।
Dr Dharmendra Singh
अच्छा लगा। बहुत अच्छा। 😊 ये देखकर लगता है कि हम भी कुछ न कुछ कर सकते हैं। चाहे थक जाएं, चाहे दर्द हो, लेकिन जब तक दिल लड़ता है, तब तक हार नहीं माननी। जोकोविच ने ये सब सिखाया।
sameer mulla
अरे ये सब बकवास है! ये तो बस एक खिलाड़ी है जिसे डॉक्टर्स ने बोल दिया कि घुटने पर ऑपरेशन करवा ले, लेकिन उसने नहीं किया! और फिर लोग उसे हीरो बना देते हैं! ये जो लोग इसे दर्शन बता रहे हैं, वो खुद तो ऑफिस में बैठे बैठे चाय पी रहे हैं! जोकोविच को एक अच्छा रिहेबिलिटेशन चाहिए, न कि इन सब बकवास की वैल्यू!
Prakash Sachwani
जोकोविच ने जीत ली अच्छा हुआ
Pooja Raghu
ये सब जोकोविच का जाल है। घुटने में चोट? नहीं भाई, वो तो बस टीवी के लिए ड्रामा बना रहा है। जब तक वो नहीं जीत गया, तब तक चोट नहीं हुई। अब जब जीत गया, तो चोट दिखाई दी। ये सब ब्रांडिंग है। अगले मैच में देखना होगा कि क्या वो अपने बाल भी खो देता है ताकि लोग उसे अंतर्राष्ट्रीय हीरो बना दें।