अगर आप इस सीजन के महिला क्रिकेट सफर को फॉलो कर रहे हैं, तो 2nd ODI का परिणाम आपके लिए दिलचस्प रहेगा। भारत महिला टीम ने 143 रन बनाए, लेकिन 29 ओवरों में ही अपना इन्गेजमेंट समाप्त किया। बारिश के कारण खेल का समय घट गया और डिक्शनरी लव लॅरिड्ज़ सिस्टम (DLS) लागू हो गया, जिससे इंग्लैंड को लक्ष्य 117 रन (21 ओवर) निर्धारित किया गया। इंग्लैंड ने यह लक्ष्य 8 विकेट से हासिल कर मैच अपने नाँव किया।
पहले पारी में भारत की टॉप ऑर्डर ने ठोस शुरुआत नहीं की, और जल्दी ही विकेट गिरते रहे। इस दौरान सॉफ़ी इक्लेस्टोन ने अपनी बॉलिंग से 2 विकेट लिये, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में रखना संभव हुआ। डिलिवरी के अंत में भारत के अंतिम ओवरों में भी कुछ अतिरिक्त रन जुड़े, पर यह लक्ष्य को पार नहीं कर पाए।
इंग्लैंड की जीत में England Women की बैटिंग लाइन‑अप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओपनिंग बेली में दो रनर ने तेज़़ शुरुआत की और 21 ओवर में ही लक्ष्य पूरा कर लिया। उनके अलावा, सोफी इक्लेस्टोन को प्लेयर ऑफ़ द मैच घोषित किया गया क्योंकि उनके स्पिन ने भारत की मध्य-क्रम को अस्थिर किया। भारत को अब अपनी मध्य क्रम को स्थिर करने की जरूरत है, क्योंकि इस बार कई प्रमुख बल्लेबाज जल्दी बाहर हो गए।
सीरीज़ का अगला मैच दोनों टीमों के लिये निर्णायक रहेगा। भारत को अब अपनी पिच प्रोफाइल समझते हुए, अपने बैट्समैन को लंबे ओवरों में टिके रहने की रणनीति अपनानी होगी। वहीं इंग्लैंड को अपनी बॉलिंग वैरिएशन को और निखारना होगा, ताकि वे दुश्मन की स्कोरिंग पावर को नियंत्रित कर सकें। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने अब सीरीज़ में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है, जो आगे के मैचों में उनके मनोबल को और बढ़ाएगी।
Nishu Sharma
इस मैच में DLS सिस्टम ने जो लक्ष्य निकाला वो पूरी तरह से अनुचित था। भारत ने 143 रन बनाए थे 29 ओवर में लेकिन बारिश के बाद इंग्लैंड को सिर्फ 21 ओवर में 117 रन का लक्ष्य दे दिया गया जो लगता है कि बल्लेबाजी के लिए बहुत आसान है। जब आप 8 ओवर कम कर देते हैं तो रन रेट बरकरार रखने के लिए लक्ष्य कम करना चाहिए न कि बढ़ाना। ये नियम तो बस इंग्लैंड के लिए बनाया गया है जो तेज़ बल्लेबाजी करते हैं।
yashwanth raju
सॉफी इक्लेस्टोन की बॉलिंग तो बेस्ट थी। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को घुटनों पर ला दिया। मध्य क्रम बिल्कुल बेकार रहा। ये जो 45 रन 18 गेंद में बनाए वो बल्लेबाजी नहीं बल्कि बर्बरता है। इस तरह के बल्लेबाज टीम को नहीं बचाते बल्कि बर्बाद करते हैं।
Shraddha Tomar
मैं तो सोच रही थी कि भारत की टीम इस बार अच्छा प्रदर्शन करेगी लेकिन फिर भी वो जल्दी विकेट गंवा बैठी। लेकिन ये नहीं कह सकती कि टीम बुरी है बल्कि ये सिर्फ एक गलत दिन था। DLS का नियम तो बहुत अजीब है लेकिन इंग्लैंड ने उसे बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया। अब अगले मैच में हमें धैर्य और टेक्निक दोनों चाहिए। बस रन बनाने के लिए नहीं बल्कि ओवर बचाने के लिए भी बल्लेबाजी करनी होगी।
Darshan kumawat
DLS फिर से भारत के खिलाफ काम कर गया। ये नियम बस अंग्रेजों के लिए बनाया गया है। जब वो बल्लेबाजी करते हैं तो रन बहुत तेज़ बनते हैं और जब बॉलिंग करते हैं तो बारिश के बाद लक्ष्य घट जाता है। ये सिस्टम बेकार है।
Aman Upadhyayy
भारत के टॉप ऑर्डर ने फिर से फेल हो गए। ये जो बल्लेबाज 45 रन 18 गेंद में बना रहे हैं वो टीम के लिए खतरा हैं। इंग्लैंड के खिलाफ ऐसे बल्लेबाज बनाए जाने चाहिए जो ओवर खेल सकें न कि बस छक्के मार सकें। ये जो बल्लेबाजी है वो टी20 की है न कि ODI की। और फिर DLS के नियम का इस्तेमाल करके इंग्लैंड ने ये जीत हासिल की। बस यही बात है।
Priya Kanodia
क्या आपने कभी सोचा है कि DLS सिस्टम को किसने बनाया? क्या ये सिर्फ एक गणितीय फॉर्मूला है या फिर कोई गुप्त समझौता? मैंने एक वीडियो देखा था जिसमें बताया गया था कि इंग्लैंड के कुछ अधिकारी इस सिस्टम के डिज़ाइन में शामिल थे... क्या ये सिर्फ एक बात है या फिर ये एक बड़ा षड्यंत्र है? बस इस बार भारत को नुकसान हुआ... अगली बार किसको होगा? 😔
Balaji T
यहाँ जो भी टिप्पणी कर रहा है, उसे यह बात समझनी चाहिए कि क्रिकेट एक खेल है, न कि एक राजनीतिक युद्ध। DLS नियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत है। भारत की टीम को अपनी बैटिंग रणनीति में सुधार करना होगा। उनके बल्लेबाज अभी भी बहुत अनियमित हैं। यह एक निर्माणात्मक निष्कर्ष है, न कि एक निंदा। इंग्लैंड ने अपनी टीम को बहुत अच्छी तरह से तैयार किया है। यह विजय उनके लिए निर्माणात्मक है।
Manjit Kaur
भारत ने फिर से खो दिया। बस इतना ही। बैटिंग बर्बाद। बॉलिंग बर्बाद। DLS ने तो बस अंतिम चोट लगा दी। अब तो बस यही बात है।