हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 का रण जमकर लड़ा जा रहा है। इस बार सतारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सामने विपक्ष ने बड़ी चुनौती पेश की है। चुनाव परिणाम सामने आ रहे हैं, जो न केवल प्रदेश के राजनीतिक भविष्य को बल्कि आगामी झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनावों के लिए भी वातावरण तय करेंगे। भाजपा की कोशिश है कि वह लगातार तीसरी बार प्रदेश की सत्ता काबिज हो, लेकिन कांग्रेस भी इस बार सत्ता में आने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
भाजपा के सामने जहाँ एक तरफ नैयाब सिंह सैनी सरकार के खिलाफ बढ़ती नाराजगी है, वहीं दूसरी ओर उनकी नजरें विकास के नारों के साथ वोटरों को आकर्षित करने पर हैं। वहीं कांग्रेस, जिसने पिछले एक दशक से सत्ता का स्वाद नहीं चखा है, इस बार अपनी खोई हुए जमीन को वापस पाने के लिए उतावली दिख रही है। कांग्रेस का दावा है कि इस बार प्रदेश की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है।
वहीं स्थानीय दल जैसे जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) भी नजरें जमाए बैठे हैं। ये दल हरियाणा की जटिल जातीय समिकरणों पर भरोसा कर रहे हैं और मानते हैं कि वे इस स्थिति का लाभ उठा सकते हैं। जेजेपी और आईएनएलडी का मत है कि स्थानीय मुद्दों और जातीय पहचान पर आधारित राजनीति अभी भी बलवान है और वे इस पर अधिक केंद्रित हैं।
इस चुनाव में हरियाणा की कई प्रमुख सीटें जैसे सोहना, जुलाना, लाडवा, रानिया और उचाना कलान चर्चा में हैं। इन सीटों पर दिग्गज नेताओं और नए उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला चल रहा है। ये सीटें निर्णायक साबित हो सकती हैं और जो भी दल यहाँ बाजी मारेगा, उसकी संभावनाएँ और भी बढ़ेंगी।
चुनाव परिणामों के लिए वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है। इसे 90 विधानसभा क्षेत्रों के 93 गिनती केंद्रों पर हो रही है। इस बार की गिनती की प्रक्रिया भी खास हो चुकी है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की टैली और पोस्टल बैलेट्स का मिलान होना शामिल है। अधिकारियों और पार्टी प्रतिनिधियों की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तड़के 5 बजे से ही गिनती केंद्रों पर तैनात किया गया था।
जी हां, आज हरियाणा के मतदाताओं का फैसला सामने आएगा कि प्रदेश की बागडोर कौन संभालेगा। भाजपा की कोशिशें क्या उनकी लगातार तीसरी जीत बना पाएंगी या नहीं, यह तो कुछ घंटों बाद ही पता चल सकेगा। वहीं कांग्रेस और अन्य दल भी अपनी जीत की उम्मीद में नजर जमाए बैठे हैं। किसी भी दल की खांसी या अन्य स्वास्थ्य समस्या को लेकर दिए गए पोस्टल बैलेट के मुद्दे पर भी चर्चा हो रही है। यह देखना अब बड़ा रोचक होगा कि कोई भी सरकार किस प्रकार के अजेंडा के साथ आगे बढ़ेगी और जनता को कितनी संतुष्टि प्रदान कर सकेगी।