जब गुलमर्ग की सरहदों पर 6 अक्टूबर 2025 को पहली बर्फ गिर पड़ी, तो मौसमी रंग बदल गया। कंगडूरी की घाटी में सफेद चादर बिछ गई और माउंट अफरवात के शिखर फ्रीज की परत से लिपट गए। इस दृश्य को देख कर पर्यटकों के चेहरे पर खुशी की लकीर दिखी, जैसे साल भर की थकान खुली हुई धूप में बिखर गई हो।
बारामुला जिले के गुलमर्ग में इस बर्फबारी के कारण पहाड़ी इलाकों में ठंड की दस्तक सुनाई दी। कंगडूरी, जो गुलमर्ग के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक छोटा गांव है, अचानक बर्फ की पॉलिकलीन लेयर से ढक गया। उसी समय माउंट अफरवात, जो 3,500 मीटर की ऊँचाई पर खड़ा है, ने भी उसी मौसमी बदलाव को अपनाया। स्थानीय किसान और गाइड्स ने कहा कि पहले साल में ऐसा दृश्य देखा नहीं गया था।
भारत मौसम विभाग के भारत मौसम विभाग ने बताया कि अगले 36‑48 घंटों में जम्मू‑कश्मीर के कई क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया कि currently गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान 12°C और अधिकतम 19°C के बीच रहा, जो सीज़र मौके पर सामान्य से थोड़ा ठंडा है। विभाग ने कहा कि बरसात के बाद बर्फ जमने की संभावना 70 % से अधिक है।
जैसे ही कश्मीर में बर्फ गिरी, लाहौल‑स्पीति के गोंधला में 5 सेमी और केलांग में लगभग 4 सेमी बर्फ पड़ी। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया, क्योंकि प्रवाह की गति बढ़ने की संभावना थी। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में भी ठंडक बढ़ी और दो‑तीन मीटर ऊँचाई तक बर्फ जमा हो रही है। यह सब मिलकर हिमालयी श्रृंखला में एक बड़े ठंड के संकेतक के रूप में माना जा रहा है।
गुलमर्ग में आए पर्यटन समूहों में से एक, 28‑वर्षीय राहुल गुप्ता ने कहा, "पहली बर्फ की झलकें देखना वाकई जादू जैसा है, हम सब फोटो खींचते-खेलते थक नहीं रहे।" कई स्थानीय गाइड्स ने भी बताया कि बर्फबारी के बाद होटल और रेस्टोरेंट की बुकिंग में 30 % की वृद्धि देखने को मिली। इस साल गुलमर्ग के ‘पीक सीजन’ में औसत बर्फ की गहराई 2‑5 मीटर तक पहुँचती है, लेकिन अभी तक यह आंकड़ा 0.5 मीटर से अधिक नहीं है, जिससे बर्फ के खेल जैसे स्नोबोर्डिंग और स्नोमोबाइल काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस मौसम में लगातार ठंड बनी रही, तो कश्मीर की पहाड़ी क्षेत्र में बर्फ की गहरी परत बन जाएगी, जिससे पर्यटन उद्योग को लंबी अवधि में लाभ मिलेगा। हालांकि, बर्फीले बाढ़ और बर्फ़ के पहाड़ी रास्तों पर गिरने के जोखिम को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्थानीय प्रशासन ने पहाड़ी रास्तों की निरंतर सफाई और सुरक्षित ट्रैफ़िक प्रबंधन के लिए अलर्ट जारी किया है।
पहली बर्फबारी ने अवकाश यात्रियों को आकर्षित किया है। स्थानीय होटल में बुकिंग 30 % बढ़ी, और स्नोस्पोर्ट्स की मांग में तेज़ी से इज़ाफ़ा देख रहे हैं। यह रुझान अगले दो‑तीन हफ़्तों में जारी रहने की संभावना है।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि कोडेड रूट्स की निरंतर जाँच चल रही है। अल्पकालिक बर्फ़ीले बाढ़ के जोखिम को देखते हुए ट्रैफ़िक को सीमित किया जा रहा है, और यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
भारत मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी घड़ियाल हवा में ठंडे प्रवाह की नई लहर ने लाहौल‑स्पीति के कई क्षेत्रों में 5 सेमी तक बर्फ गिरा दी। यह मौसमी परिवर्तन निचले दवाब वाले मौसमी सिस्टम के कारण है।
बर्फीले मौसम के साथ-साथ वैली में तापमान में अचानक गिरावट हुई। कृषि विभाग ने कहा है कि छोटे किसानों को फसल संरक्षण के लिए अतिरिक्त उपाय अपनाने पड़ सकते हैं।
vipin dhiman
इंडिया की बर्फ़ीली सुबह देख के दिल गौरव से भर गया!