डबल iस्मार्ट मूवी रिव्यू: राम पोथिनेनी और संजय दत्त के साथ हाई-ऑक्टेन साइ-फाई एंटरटेनर

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डबल iस्मार्ट मूवी का कथा एवं निर्देशन

तेलुगु फिल्मों के दर्शकों के बीच *डबल iस्मार्ट* को एक विशेष स्थान प्राप्त है। पुरी जगन्नाध के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पहले ही अपनी रिलीज से पहले खूब चर्चा बटोरी है। फिल्म *iस्मार्ट शंकर* (2019) का आध्यात्मिक सीक्वल है और कहानी को वहां से आगे बढ़ाती है। मुख्य भूमिका में मशहूर अभिनेता राम पोथिनेनी ने अपनी जबरदस्त अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है, जबकि संजय दत्त पहली बार तेलुगु फिल्मों में नजर आए हैं।

राम पोथिनेनी और संजय दत्त का अभिनय

राम पोथिनेनी ने फिल्म में अपनी भूमिका को बड़े उत्साह और जोश के साथ निभाया है। उनका किरदार iस्मार्ट शंकर फेर से पर्दे पर दिखाई देता है और दर्शकों को उनकी ऊर्जा की झलक मिलती है। दूसरी तरफ, संजय दत्त का किरदार बिग बुल, एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल चलाने वाला क्राइम लॉर्ड है। दत्त का ये किरदार बेहद दमदार और प्रभावशाली है। फिल्म में उनका अभिनय यह साबित करता है कि वे केवल बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि टॉलीवुड में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।

फिल्म की कहानी और घटनाक्रम

फिल्म की कहानी बिग बुल के इर्द-गिर्द घूमती है, जो चाहता है कि भारत में अस्थिरता पैदा हो ताकि हथियार और ड्रग्स का बाजार बन सके। बिग बुल को ग्लियोमा नामक बीमारी हो जाती है और अपनी जिंदगी बढ़ाने के लिए वह अपने यादों को किसी और के शरीर में स्थानांतरित करने का फैसला करता है। इस प्रक्रिया में वह iस्मार्ट शंकर को चुनता है, जो उसकी योजना में शामिल हो जाता है। इस यादों की परिवर्तन प्रक्रिया के बाद शंकर अपनी मां की हत्या का बदला लेने के लिए निकल पड़ता है।

संकट और प्रतिशोध

फिल्म का मुख्य आकर्षण शंकर और बिग बुल के बीच की तनावपूर्ण स्थिति है। शंकर अपनी मां के हत्यारे का बदला लेने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न्स हैं, जो दर्शकों को मनोहर रखते हैं। वहीं, फिल्म में मां-बेटे का रिश्ते और शंकर की माता के प्रति भावना भी विशेष रूप से उजागर की गई है।

सपोर्टिंग कास्ट

फिल्म में केवल राम पोथिनेनी और संजय दत्त ही नहीं, बल्कि काव्या थापर, बानी जे, सयाजी शिंदे और मकरंद देशपांडे ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी भूमिकाएं कहानी को और अधिक प्रभावशाली बनाती हैं।

प्रोडक्शन और म्यूजिक

फिल्म का प्रोडक्शन और बैकग्राउंड स्कोर दोनों ही उच्च स्तर के हैं। मणि शर्मा का म्यूजिक फिल्म में जान डाल देता है, हालांकि कुछ आलोचकों का कहना है कि यह बहुत जोरदार है। कुल मिलाकर, फिल्म का संगीत और तकनीकी पक्ष दर्शकों को बांधे रखता है।

रिलीज और प्रतिक्रिया

फिल्म का रिलीज़ 15 अगस्त 2024 को निर्धारित किया गया है। स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के कारण इसे ब्लॉकबस्टर के रूप में देखा जा रहा है। फिल्म की रिलीज से पहले ही टिकटों की भारी डिमांड है और यह जितना मनोरंजक है उतना ही सफल भी है। पुरी जगन्नाध के निर्देशन और मुख्य अभिनेताओं के शानदार प्रदर्शन ने इसे एक यादगार फिल्म बना दिया है।

Maanasa Manikandan

Maanasa Manikandan

मैं एक पेशेवर पत्रकार हूं और भारत में दैनिक समाचारों पर लेख लिखती हूं। मेरी खास रुचि नवीनतम घटनाओं और समाज में हो रहे परिवर्तनों पर है। मेरा उद्देश्य नई जानकारी को सरल और सटीक तरीके से प्रस्तुत करना है।

11 Comments

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    Ranjani Sridharan

    अगस्त 17, 2024 AT 09:31

    ये फिल्म तो बस एक बम है... राम का अभिनय तो जाने पर संजय दत्त ने तो दिमाग हिला दिया... बिग बुल हो गया देवता 😭

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    Vikas Rajpurohit

    अगस्त 17, 2024 AT 14:10

    अरे भाई ये फिल्म तो टॉलीवुड का अंतिम आध्यात्मिक साइ-फाई महाकाव्य है! राम ने तो शंकर को इतना जीवंत कर दिया कि लग रहा है वो असली है... और संजय दत्त? वो तो बस ब्रह्मांड का अवतार है! 🤯🔥

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    Nandini Rawal

    अगस्त 18, 2024 AT 16:23

    बहुत अच्छी फिल्म थी। राम का भाव अच्छा लगा।

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    Himanshu Tyagi

    अगस्त 19, 2024 AT 23:29

    मैंने इसे देखा अभी रात को। बिग बुल का किरदार तो बिल्कुल अनोखा था... और यादों का स्थानांतरण वाला विचार वैज्ञानिक रूप से भी बहुत दिलचस्प लगा। कुछ जगहों पर रिदम थोड़ा ज्यादा था, लेकिन फिल्म की ऊर्जा ने सब कुछ ओवरकम कर दिया।

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    Shailendra Soni

    अगस्त 21, 2024 AT 06:35

    क्या आपने देखा कि जब शंकर अपनी माँ की यादों को छू रहा है... उसकी आँखों में जो दर्द था... मैं रो पड़ा। ये फिल्म बस एक्शन नहीं... ये दर्द है।

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    Sujit Ghosh

    अगस्त 21, 2024 AT 16:26

    हमारे देश के बेटे राम ने दिखाया कि हिंदी फिल्मों के बजाय तेलुगु फिल्में असली जान हैं! और संजय दत्त? वो तो बस भारत की शान है... बाकी बॉलीवुड क्या करता है? नाटक देता है! 🇮🇳💥

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    sandhya jain

    अगस्त 21, 2024 AT 20:21

    इस फिल्म में मैंने एक गहरी बात समझी... हम सब अपनी यादों से बने हैं। जब बिग बुल ने शंकर के शरीर में अपनी यादें डालीं, तो वो न सिर्फ एक व्यक्ति बन गया... बल्कि एक सवाल बन गया। क्या हम अपनी यादों के बिना कौन हैं? क्या हम अपने दर्द के बिना जीवित हो सकते हैं? शंकर की माँ का नाम लेते ही उसकी आँखों में जो आँखें भर आईं... वो कोई अभिनय नहीं था... वो जीवन था।

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    Anupam Sood

    अगस्त 23, 2024 AT 16:33

    फिल्म तो ठीक है पर ओवर एक्शन वाला बैकग्राउंड म्यूजिक तो दिमाग उड़ा देता है... और संजय दत्त का एंट्री सीन? बस एक बार देख लो फिर नहीं देखना 😅

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    Shriya Prasad

    अगस्त 23, 2024 AT 20:04

    राम का एक्शन सीन देखकर मेरी दादी भी खुश हो गईं।

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    Balaji T

    अगस्त 25, 2024 AT 06:25

    यह फिल्म, जिसे एक व्यापारिक सफलता के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, वास्तव में एक विचारधारात्मक रूप से अत्यंत अव्यवस्थित और आध्यात्मिक नाटकीयता के द्वारा अतिरंजित उत्पाद है। निर्देशन में अत्यधिक अतिशयोक्ति और संगीत की अतिसक्रियता ने इसे एक नाटकीय विस्फोट में बदल दिया है।

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    Nishu Sharma

    अगस्त 27, 2024 AT 04:36

    मैंने फिल्म देखी और लगा जैसे कोई अपने बचपन की यादों को फिर से जी रहा हो... राम का अभिनय तो बस जान ले गया... और संजय दत्त के बिग बुल का एक्सप्रेशन तो ऐसा लगा जैसे वो हमारे सभी डरों का प्रतीक है... और वो एक दृश्य जहां शंकर अपनी माँ के लिए रोता है... वो तो दिल को छू गया... बस इतना ही कहना है कि फिल्म बहुत अच्छी है और इसे देखना चाहिए

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